जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल की पत्नी जय कंवर के अतिक्रमण को नियमित करने के लिए सड़क की चौडाई घटने पर आश्चर्य जताया है. अदालत ने कहा कि अतिक्रमण को नियमित करने के लिए सड़क की चौड़ाई को कम कैसे किया जा सकता है. अदालत ने यह भी कहा कि यूआईटी, कोटा ने सड़क की चौड़ाई कम करने का निर्णय लिया और राज्य सरकार ने उसे स्वीकार भी कर लिया.
इसके साथ ही अदालत ने रोड की चौड़ाई कम कर जमीन आवंटित करने और उसका नियमितिकरण करने के यूआईटी कोटा के फैसले को गलत मानते हुए रद्द कर दिया है. अदालत ने कहा कि मास्टर प्लान के अनुसार सड़क की चौड़ाई बनाए रखना आवश्यक है. इसलिए राज्य सरकार तीन माह में उचित कार्रवाई कर सड़क की चौड़ाई को मास्टर प्लान के अनुसार करे. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस अनिल उपमन की खंडपीठ ने यह आदेश अनिल सुवालिका की जनहित याचिका का निस्तारण करते हुए दिए.
सुनवाई के दौरान यूआईटी, कोटा की ओर से अपने जवाब में कहा कि प्रहलाद मीणा 15 हजार वर्ग फीट जमीन का खातेदार है और 8 हजार वर्ग फीट सरकारी जमीन भी उसके कब्जे में थी. प्रहलाद गुंजल की पत्नी जय कंवर को यह जमीन बेचने के लिए 28 अप्रैल, 2013 में एग्रीमेंट किया था. एसटी वर्ग का होने के चलते प्रहलाद मीणा को अधिकार नहीं था कि वह गैर एसटी वर्ग की महिला के पक्ष में अपने खातेदारी अधिकारों का हस्तांतरण करे. ऐसे में काश्तकारी अधिनियम की धारा 42 के तहत यह एग्रीमेंट अवैध था. जिसे रिकॉर्ड पर लेते हुए अदालत ने मास्टर प्लान के तहत सड़क की तय चौड़ाई सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए किए गए आवंटन को अवैध माना है.
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जनहित याचिका में अधिवक्ता विमल चौधरी और अधिवक्ता योगेश टेलर ने बताया कि मास्टर प्लान में कोटा के जीएडी सर्किल से शिवपुरा रोड 160 फीट और केशवपुरा रोड 100 फीट चौड़ी निर्धारित की गई है. दोनों सड़कों के बीच प्रहलाद गुंजल की पत्नी के नाम मकान है. तत्कालीन विधायक गुंजल के प्रभाव में आकर यूआईटी और राज्य स्तरीय लैंड यूज कमेटी ने शिवपुरा रोड को 100 फीट और केशवपुरा रोड को 80 फीट कर दिया. वहीं कुछ जमीन का पट्टा गुंजल की पत्नी के नाम जारी कर दिया. सड़कों की चौड़ाई कम करने के कारण मौके पर भारी ट्रैफिक जाम रहता है और लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है.