ETV Bharat / state

NEET- 2019 संशोधित परिणामः अब पास हुए बिना ही मिलेगा एडमिशन...जानें कैसे - कोटा न्यूज

देशभर के 572 डेंटल कॉलेजों के रिक्त 10 हजार बीडीएस सीटों को भरने के लिए नीट 2019 की पात्रता को 10 फीसदी कम कर दिया था. जिसके बाद महज कुछ अंक प्राप्त किए हुए छात्र यह कोर्स करने के लिए दाखिला ले पाएंगे.

neet 2019 latest news, कोटा न्यूज
author img

By

Published : Sep 13, 2019, 6:53 PM IST

कोटा. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया ने देशभर के 572 डेंटल कॉलेजों के रिक्त 10 हजार बीडीएस सीटों को भरने के लिए नीट 2019 की पात्रता को 10 फीसदी कम कर दिया था. जिसके बाद अब सामान्य वर्ग का विद्यार्थी हो या ओबीसी और एससी/एसटी वर्ग का छात्र सभी को बीडीएस कॉलेज में आसानी से सीट मिल जाएगी.

दरअसल देशभर के 572 डेंटल कॉलेजों में खाली पड़ी 10 हजार सीटे भरने के लिए नीट 2019 की पात्रता को 10 फीसदी कम कर दिया था. जिसके चलते अब नीट 2019 में जनरल केटेगरी का स्टूडेंट जो 15 फीसदी अंको को लेकर पास हुआ है वह भी बीडीएस कॉलेज में दाखिला लेने के लिए योग्य होगा और साथ ही ओबीसी, एससी व एसटी कैटेगरी के छात्र जो 12 फीसदी अंको से पास हुए हैं. उन्हें भी डेंटल कॉलेजों में प्रवेश मिल जाएगा.

नीट 2019 के परिणाम में संशोधन के बाद छात्रों को होगा फायदा

कोटा में एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि बीडीएस कोर्स से छात्रों का रुझान कम होता जा रहा है. जिसके चलते देशभर में सरकारी व गैर सरकारी डेंटल कॉलेजों में 26 हजार 949 में से महज 16 हजार 579 सीटों पर ही स्टूडेंट ने प्रवेश लिया है. अब पात्रता की सीमाएं कम करने के बाद नीट 2019 में से सामान्य वर्ग का छात्र जो 720 में से महज 107 अंक लेकर आया है. वह भी बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी का कोर्स कर सकेगा. साथ ही एससी/एसटी और ओबीसी के छात्र जो मात्र 86 अंक लेकर पास हुए हैं. वह भी बीडीएस कॉलेज में दाखिला ले सकेंगे.

पढ़ें: IT एक्ट मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने बाड़मेर के युवक को किया गिरफ्तार

एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि यदि छात्रों का रूझान इस कोर्स के लिए कम है तो इसके पीछे भी कई वजह है, जिसमें सबसे बड़ी वजह यह है कि हिन्दुस्तान के लोग दांतो से जुड़ी बीमारियों को गंभीर मानते ही नहीं है. यहां तक उन्हें बीमारी ही नहीं मानते है. जिससे यदि कोई छात्र इस कोर्स को कर सरकारी नहीं मिलने पर प्राइवेट क्लिनिक भी खोलता है तो उसे मरीजों का अभाव देखने को मिलेगा. उनका यह भी मानना है कि इस कोर्स को अपग्रेड करने की आवश्यकता है. इसमें अन्य किसी चिकित्सा विज्ञान के एरिया को जोड़ना चाहिए ताकि छात्रों का रुझान बना रहे.

कोटा. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया ने देशभर के 572 डेंटल कॉलेजों के रिक्त 10 हजार बीडीएस सीटों को भरने के लिए नीट 2019 की पात्रता को 10 फीसदी कम कर दिया था. जिसके बाद अब सामान्य वर्ग का विद्यार्थी हो या ओबीसी और एससी/एसटी वर्ग का छात्र सभी को बीडीएस कॉलेज में आसानी से सीट मिल जाएगी.

दरअसल देशभर के 572 डेंटल कॉलेजों में खाली पड़ी 10 हजार सीटे भरने के लिए नीट 2019 की पात्रता को 10 फीसदी कम कर दिया था. जिसके चलते अब नीट 2019 में जनरल केटेगरी का स्टूडेंट जो 15 फीसदी अंको को लेकर पास हुआ है वह भी बीडीएस कॉलेज में दाखिला लेने के लिए योग्य होगा और साथ ही ओबीसी, एससी व एसटी कैटेगरी के छात्र जो 12 फीसदी अंको से पास हुए हैं. उन्हें भी डेंटल कॉलेजों में प्रवेश मिल जाएगा.

नीट 2019 के परिणाम में संशोधन के बाद छात्रों को होगा फायदा

कोटा में एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि बीडीएस कोर्स से छात्रों का रुझान कम होता जा रहा है. जिसके चलते देशभर में सरकारी व गैर सरकारी डेंटल कॉलेजों में 26 हजार 949 में से महज 16 हजार 579 सीटों पर ही स्टूडेंट ने प्रवेश लिया है. अब पात्रता की सीमाएं कम करने के बाद नीट 2019 में से सामान्य वर्ग का छात्र जो 720 में से महज 107 अंक लेकर आया है. वह भी बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी का कोर्स कर सकेगा. साथ ही एससी/एसटी और ओबीसी के छात्र जो मात्र 86 अंक लेकर पास हुए हैं. वह भी बीडीएस कॉलेज में दाखिला ले सकेंगे.

पढ़ें: IT एक्ट मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने बाड़मेर के युवक को किया गिरफ्तार

एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि यदि छात्रों का रूझान इस कोर्स के लिए कम है तो इसके पीछे भी कई वजह है, जिसमें सबसे बड़ी वजह यह है कि हिन्दुस्तान के लोग दांतो से जुड़ी बीमारियों को गंभीर मानते ही नहीं है. यहां तक उन्हें बीमारी ही नहीं मानते है. जिससे यदि कोई छात्र इस कोर्स को कर सरकारी नहीं मिलने पर प्राइवेट क्लिनिक भी खोलता है तो उसे मरीजों का अभाव देखने को मिलेगा. उनका यह भी मानना है कि इस कोर्स को अपग्रेड करने की आवश्यकता है. इसमें अन्य किसी चिकित्सा विज्ञान के एरिया को जोड़ना चाहिए ताकि छात्रों का रुझान बना रहे.

Intro:देशभर के 572 डेंटल कॉलेजों के रिक्त 10 हजार बीडीएस सीटों को भरने के लिए नीट 2019 की पात्रता को 10 फ़ीसदी कम कर दिया था. अब नीट 2019 में जनरल केटेगरी का स्टूडेंट जो 15 फीसदी और ओबीसी, एससी व एसटी कैटेगरी के छात्र जो 12 फ़ीसदी अंको को लेकर पास हुआ है. वह भी बीडीएस कॉलेज में दाखिला लेने के लिए एलिजिबल हो गया है.


Body:कोटा.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया ने देशभर के 572 डेंटल कॉलेजों के रिक्त 10 हजार बीडीएस सीटों को भरने के लिए नीट 2019 की पात्रता को 10 फ़ीसदी कम कर दिया था. इसके चलते अब नीट 2019 में जनरल केटेगरी का स्टूडेंट जो 15 फीसदी अंको को लेकर पास हुआ है. वह भी बीडीएस कॉलेज में दाखिला लेने के लिए एलिजिबल हो गया है. इसके साथ ही ओबीसी, एससी व एसटी कैटेगरी के छात्र जो 12 फ़ीसदी अंको से पास हुए हैं. उन्हें भी डेंटल कॉलेजों में प्रवेश मिल जाएगा.

कोटा के एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि बीडीएस कोर्स से छात्रों का रुझान कम हो गया है. इसके चलते देशभर में सरकारी व गैर सरकारी डेंटल कॉलेजों में 26949 में से मात्र 16579 पर ही स्टूडेंट ने प्रवेश लिया है. अब पात्रता कम करने के बाद नीट 2019 में से जनरल केटेगरी का छात्र जो 720 में से मात्र 107 अंक लेकर आया है. वह भी बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी का कोर्स कर सकेगा साथ ही एससी-एसटी और ओबीसी के छात्र जो मात्र 86 अंक लेकर पास हुए हैं. वह भी बीडीएस कॉलेज में दाखिला ले सकेंगे.



Conclusion:
एक्सपर्ट देव शर्मा का कहना है कि भविष्य में इस कोर्स को लेकर संभावनाएं कम होती जा रही है. छात्रों का रुख कम रहने का यहीं कारण है.
साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में दांतों की बीमारियों को लोग बीमारी ही नहीं मानते हैं. ऐसे में बीडीएस कोर्स करने के बाद डेंटिस्ट बनने वाले व्यक्ति को ना तो सरकारी नौकरी मिल पा रही है, ना ही अपना क्लीनिक खोलने पर उसे मरीज पर्याप्त मिल पाते हैं. ऐसे में आजीविका कैसे चला पाएगा यह सवाल उसके सामने खड़ा हो रहा है. इसी कारण से स्टूडेंट बीडीएस की तरफ बढ़ नहीं रहा है.
उनका यह भी मानना है कि इस कोर्स को अपग्रेड करने की आवश्यकता है. इसमें अन्य किसी चिकित्सा विज्ञान के एरिया को जोड़ना चाहिए ताकि छात्रों का रुझान बना रहे.


बाइट का क्रम
बाइट-- देव शर्मा, एक्सपर्ट
बाइट-- देव शर्मा, एक्सपर्ट
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.