कोटा. केंद्र और राज्य सरकार राजस्थान में ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) को लेकर आमने-सामने है. कई बार केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच भी इस मुद्दे को लेकर बयानबाजी हो चुकी है. हालांकि, ईआरसीपी भी वसुंधरा शासन में ही बनाई गई थी और इसके लिए कोटा जिले में कालीसिंध नदी पर बड़ौद के नजदीक नौनेरा बांध का निर्माण भी किया जा रहा है.
बीजेपी शासन में 2018 में बांध का निर्माण शुरू हो गया था. पांच साल में यह बांध इस साल तैयार हो जाएगा, लेकिन इस बांध का उपयोग दो साल नहीं किया जा सकेगा. इस संबंध में कई कारण सामने आए हैं. जिसमें जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) की पाइप लाइनों का जाल नहीं बिछा होना है. इसके अलावा डैम से सिंचाई के लिए पानी को लिफ्ट करने का भी पूरा सिस्टम नहीं बनाया गया है. इसमें करीब 2 साल का समय लगेगा.
दूसरी तरफ से डैम को अगले 2 साल बारिश में नहीं भरा जा सकेगा. क्योंकि इसके अपस्ट्रीम में स्टेट हाईवे कोटा श्योपुर की पुलिया डूब रही है. जिसके निर्माण में भी अभी डेढ़ साल से ज्यादा समय लगेगा. डेढ़ साल में दो बारिश के सीजन निकल जाएंगे. कोटा में इस प्रोजेक्ट को डील कर रहे जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता आरके जैमिनी का कहना है कि डैम के निर्माण की गाइडलाइन अक्टूबर 2023 में पूरा निर्माण भी हो जाएगा. हालांकि, उन्होंने साफ कहा कि इस डैम में इस साल पानी भरना मुश्किल होगा, क्योंकि अपस्ट्रीम में बड़ौद के नजदीक कालीसिंध नदी पर बना वर्तमान पुल इसमें डूब जाएगा.
पानी पहुंचाने का सिस्टम भी नहीं हुआ है तैयारः नौनेरा बैराज में 226 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमक्यूएम) पानी स्टोरेज किया जाएगा. इसमें से 54 एमक्यूएम पानी पीएचईडी को उपलब्ध करवाया जाएगा, ताकि जल सप्लाई बूंदी और कोटा के छह कस्बों और 749 गांव में की जा सके. इन 6 कस्बों में कोटा जिले के इटावा, कैथून व सुल्तानपुर, बूंदी जिले के केशोरायपाटन कापरेन और लाखेरी शामिल है. हालांकि, यह काम भी अभी दूर की कौड़ी ही नजर आ रहा है. इसमें करीब 1600 करोड़ के आसपास खर्च होगा. जिसमें पाइपलाइन के साथ इंटेक वेल और पूरा सिस्टम बनाया जाएगा. जिसके वर्क ऑर्डर जारी नहीं हुए हैं, अभी टेंडर प्रक्रियाधीन है. इसमें एक से दो माह या इससे ज्यादा समय लग सकता है. इस काम को देख रहे सुपरिटेंडेंट इंजीनियर प्रोजेक्ट पीएचईडी दीपक झा का कहना है कि इसका अभी टेंडर प्रक्रिया चल रहा है. वर्क ऑर्डर जारी होने के डेढ़ साल में यह काम डीपीआर के मुताबिक पूरा होना है.
पुल निर्माण का टेंडर नहीं हुआ शुरूः नौनेरा बैराज के अपस्ट्रीम पानी का भराव होने पर कोटा, कोटा-श्योपुर स्टेट हाईवे 70 प्रभावित हो रहा है. कालीसिंध नदी का वर्तमान बड़ौद ब्रिज डूब में आ रहा है. इसके चलते हाई लेवल ब्रिज बननी है. जिसके लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग ने 71 करोड़ से टेंडर भी कर दिया है. सुल्तानपुर डिवीजन के अधिशासी अभियंता एसएन मीणा का कहना है कि अभी टेंडर फाइनल हो गया है, लेकिन वर्क ऑर्डर जारी नहीं हुए हैं. इसके लिए फाइल जयपुर भेजी हुई है. हालांकि करीब 600 मीटर की पुलिया बननी है, जिसमें 1 साल का समय लगेगा. वर्क ऑर्डर जारी नहीं हुआ, लेकिन ठेकेदार ने मौके पर टेस्टिंग के लिए काम शुरू किया है.
बैराज के साथ नहीं करवाया ब्रिज निर्माणः जल संसाधन विभाग ने पांच साल पहले नौनेरा बैराज को बनवाना शुरू किया था, तब ही कालीसिंध पर इस बड़ौद की पुलिया का भी निर्माण शुरू हो जाता, तो यह पुलिया बनकर तैयार हो जाती. हालांकि, तब जल संसाधन विभाग ने इसके लिए केवल 45 करोड़ का ही एस्टीमेट बनवाया था. जिसमें पुलिया निर्माण नहीं हुआ है, ऐसे में पीडब्ल्यूडी ने ज्यादा राशि की स्वीकृति के लिए फाइल दोबारा भेज दी. इसके बाद फ्लड आ जाने के चलते इसकी डीपीआर को संशोधित किया गया है. ऐसे में दो बार डीपीआर संशोधित होकर ऊंचाई बढ़ाई गई है. ऐसे में अब पुलिया का निर्माण शुरू होगा.