रामगंजमंडी (कोटा). कोरोना वायरस से देश में लॉकडॉउन लगा तो कई किसान अपनी फसलों का मेहनताना भी नहीं निकाल सके. ऐसा ही हाल फूलों की खेती करने वाले किसानों का भी है. ऐसे में फूलों की बड़ी मात्रा में खेती करने वाले ये किसान अब अपनी फूलों की बगिया में मुर्झाते फूल देखकर परेशान हैं.
देश में लॉकडाउन लगने के बाद से जो फूल देश के अलग अलग राज्यों में अपनी खुशब फैला रहे थे वो अब खेतों में ही मुर्झा रहे हैं. कोटा जिले के रामगंजमंडी इलाके में फूलों की बड़ी मात्रा में खेती होती है. पास के ही गांव हरिपुरा में रहने वाले किसान फूलचन्द धाकड़ ने बताया कि वह 25 सालों से 4 हेक्टेयर जमीन पर फूलों की खेती कर रहे हैं. इन फूलों को वो मुम्बई, गुजरात, दिल्ली के अलावा और भी कई दूसरे शहर तक पहुंचाते थे.
फूलचंद ने कहा, जबसे देश में कोरोना महामारी आई है फूलों के सारे सीजन, शादियां, नवरात्रा, हनुमान जयंती के अलाला त्यौहारों के दौरान भी अब लॉकडाउन में फूलों की सप्लाई नहीं हो पा रही है. हालत अब ये हैं की फूल मुरझा रहे हैं खेतों में ही अब हम मजबूरन इन पौधों को खेतों से बाहर निकाल रहे हैं.
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उन्होंने बताया कि वह अपने खेतों में 11 प्रकार के फूलों की खेती करते हैं जिनमें गुलाब ,रजनीगंधा, मोगरा, चान्दनी, गेंदा, अष्टर, बिजली, नवरंगयो और भी कई खुशबूदार फूलों की खेती कर अपना जीवन व्यापन कर रहे थे. लेकिन कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडॉउन में धंधा बंद है. सीधे तौर पर इससे 5 लाख रुपये का नुकसान हो गया है ओर फूल खेतो में ही मुरझा गए हैं. फूलचंद को सरकार से आर्थिक मदद की उम्मीद है.