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कोटाः लॉकडाउन में फूलों की खेती चौपट होने से किसान परेशान, सरकार से मदद की उम्मीद

कोटा जिले के रामगंजमंडी इलाके में रहने वाले फुलचंद फूलों की खेती करते हैं. लॉकडाउन की वजह से फूलचंद परेशान हैं क्योंकि, उनके फूलों की सप्लाई नहीं हो पा रही है और फूल खेतों में ही मुर्झा रहे हैं. फूलचंद का कहना है कि उन्हें करीब 5 लाख रुपए का नुकसान हुआ है लागत भी नहीं निकल पाई है.

flower Farmers,  फूलों की खेती
लॉकडाउन में फूलों की खेती खराब होने से किसान परेशान
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Published : May 22, 2020, 4:41 PM IST

Updated : May 22, 2020, 6:01 PM IST

रामगंजमंडी (कोटा). कोरोना वायरस से देश में लॉकडॉउन लगा तो कई किसान अपनी फसलों का मेहनताना भी नहीं निकाल सके. ऐसा ही हाल फूलों की खेती करने वाले किसानों का भी है. ऐसे में फूलों की बड़ी मात्रा में खेती करने वाले ये किसान अब अपनी फूलों की बगिया में मुर्झाते फूल देखकर परेशान हैं.

लॉकडाउन में फूलों की खेती चौपट होने से किसान परेशान

देश में लॉकडाउन लगने के बाद से जो फूल देश के अलग अलग राज्यों में अपनी खुशब फैला रहे थे वो अब खेतों में ही मुर्झा रहे हैं. कोटा जिले के रामगंजमंडी इलाके में फूलों की बड़ी मात्रा में खेती होती है. पास के ही गांव हरिपुरा में रहने वाले किसान फूलचन्द धाकड़ ने बताया कि वह 25 सालों से 4 हेक्टेयर जमीन पर फूलों की खेती कर रहे हैं. इन फूलों को वो मुम्बई, गुजरात, दिल्ली के अलावा और भी कई दूसरे शहर तक पहुंचाते थे.

flower Farmers,  फूलों की खेती
किसान फुलचंद धाकड़

फूलचंद ने कहा, जबसे देश में कोरोना महामारी आई है फूलों के सारे सीजन, शादियां, नवरात्रा, हनुमान जयंती के अलाला त्यौहारों के दौरान भी अब लॉकडाउन में फूलों की सप्लाई नहीं हो पा रही है. हालत अब ये हैं की फूल मुरझा रहे हैं खेतों में ही अब हम मजबूरन इन पौधों को खेतों से बाहर निकाल रहे हैं.

ये भी पढ़ें: जोधपुर में महिला Corona positive और नवजात की रिपोर्ट आई Negative

उन्होंने बताया कि वह अपने खेतों में 11 प्रकार के फूलों की खेती करते हैं जिनमें गुलाब ,रजनीगंधा, मोगरा, चान्दनी, गेंदा, अष्टर, बिजली, नवरंगयो और भी कई खुशबूदार फूलों की खेती कर अपना जीवन व्यापन कर रहे थे. लेकिन कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडॉउन में धंधा बंद है. सीधे तौर पर इससे 5 लाख रुपये का नुकसान हो गया है ओर फूल खेतो में ही मुरझा गए हैं. फूलचंद को सरकार से आर्थिक मदद की उम्मीद है.

रामगंजमंडी (कोटा). कोरोना वायरस से देश में लॉकडॉउन लगा तो कई किसान अपनी फसलों का मेहनताना भी नहीं निकाल सके. ऐसा ही हाल फूलों की खेती करने वाले किसानों का भी है. ऐसे में फूलों की बड़ी मात्रा में खेती करने वाले ये किसान अब अपनी फूलों की बगिया में मुर्झाते फूल देखकर परेशान हैं.

लॉकडाउन में फूलों की खेती चौपट होने से किसान परेशान

देश में लॉकडाउन लगने के बाद से जो फूल देश के अलग अलग राज्यों में अपनी खुशब फैला रहे थे वो अब खेतों में ही मुर्झा रहे हैं. कोटा जिले के रामगंजमंडी इलाके में फूलों की बड़ी मात्रा में खेती होती है. पास के ही गांव हरिपुरा में रहने वाले किसान फूलचन्द धाकड़ ने बताया कि वह 25 सालों से 4 हेक्टेयर जमीन पर फूलों की खेती कर रहे हैं. इन फूलों को वो मुम्बई, गुजरात, दिल्ली के अलावा और भी कई दूसरे शहर तक पहुंचाते थे.

flower Farmers,  फूलों की खेती
किसान फुलचंद धाकड़

फूलचंद ने कहा, जबसे देश में कोरोना महामारी आई है फूलों के सारे सीजन, शादियां, नवरात्रा, हनुमान जयंती के अलाला त्यौहारों के दौरान भी अब लॉकडाउन में फूलों की सप्लाई नहीं हो पा रही है. हालत अब ये हैं की फूल मुरझा रहे हैं खेतों में ही अब हम मजबूरन इन पौधों को खेतों से बाहर निकाल रहे हैं.

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उन्होंने बताया कि वह अपने खेतों में 11 प्रकार के फूलों की खेती करते हैं जिनमें गुलाब ,रजनीगंधा, मोगरा, चान्दनी, गेंदा, अष्टर, बिजली, नवरंगयो और भी कई खुशबूदार फूलों की खेती कर अपना जीवन व्यापन कर रहे थे. लेकिन कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडॉउन में धंधा बंद है. सीधे तौर पर इससे 5 लाख रुपये का नुकसान हो गया है ओर फूल खेतो में ही मुरझा गए हैं. फूलचंद को सरकार से आर्थिक मदद की उम्मीद है.

Last Updated : May 22, 2020, 6:01 PM IST
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