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भरतपुर में घने कोहरे का कहर, कम विजिबिलिटी ने थामी रफ्तार - RAJASTHAN MAUSAM

भरतपुर में घना कोहरा छाया हुआ है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त है.

भरतपुर में कोहरा ही कोहरा
भरतपुर में कोहरा ही कोहरा (ETV Bharat Bharatpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 4, 2025, 11:31 AM IST

भरतपुर : जिले में तीसरे दिन भी घना कोहरा छाया रहा. कोहरे के कारण पूरे क्षेत्र में हाड़ कंपाने वाली सर्दी का एहसास हो रहा है. जिले का न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है, जिससे ठंड का प्रकोप और बढ़ गया है. घने कोहरे और कड़ाके की सर्दी की वजह से पूरा जनजीवन प्रभावित बना हुआ है.

वाहन चालकों की बढ़ी मुश्किलें : कोहरे के कारण विजिबिलिटी बेहद कम हो गई है, जिससे वाहन चालकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सड़कों पर ओस की परत जमने और गीली सतह के कारण फिसलन बढ़ गई है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बना हुआ है. घने कोहरे के कारण सार्वजनिक यातायात भी प्रभावित हो रहा है, जिससे यात्रियों को ठंड में इंतजार करना पड़ रहा है. बाजारों और सार्वजनिक स्थलों पर आवाजाही कम हो गई है. लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं और गर्म कपड़ों में लिपटे नजर आ रहे हैं.

सर्दी का सितम (वीडियो ईटीवी भारत भरतपुर)

पढ़ें. शीतलहर की चपेट में राजस्थान, ओस की बूंदे जम कर बनी बर्फ, कोहरे से विजिबिलिटी भी कम

किसानों के लिए फायदेमंद : कड़ाके की ठंड रबी फसलों के लिए वरदान साबित हो रही है. किसानों का कहना है कि गेहूं, सरसों और चने की फसलों के लिए यह मौसम अनुकूल है. ठंड से फसल की गुणवत्ता बेहतर होती है, लेकिन अधिक दिनों तक कोहरा छाए रहने से सरसों की फसल को नुकसान हो सकता है. कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक देशराज सिंह ने बताया कि लंबे समय तक ओस गिरने और कोहरा रहने से फसल पर फंगस लगने का खतरा बढ़ सकता है. हालांकि, अभी कोहरे से फसलों को किसी तरह का नुकसान नहीं है.

मौसम विभाग का पूर्वानुमान : मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दो-तीन दिनों तक कोहरा बने रहने की संभावना है. इससे जनजीवन प्रभावित रहेगा. लोगों से कोहरे के दौरान सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की जरूरत है. वाहन चालकों को धीमी गति और फॉग लाइट का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है.

भरतपुर : जिले में तीसरे दिन भी घना कोहरा छाया रहा. कोहरे के कारण पूरे क्षेत्र में हाड़ कंपाने वाली सर्दी का एहसास हो रहा है. जिले का न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है, जिससे ठंड का प्रकोप और बढ़ गया है. घने कोहरे और कड़ाके की सर्दी की वजह से पूरा जनजीवन प्रभावित बना हुआ है.

वाहन चालकों की बढ़ी मुश्किलें : कोहरे के कारण विजिबिलिटी बेहद कम हो गई है, जिससे वाहन चालकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सड़कों पर ओस की परत जमने और गीली सतह के कारण फिसलन बढ़ गई है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बना हुआ है. घने कोहरे के कारण सार्वजनिक यातायात भी प्रभावित हो रहा है, जिससे यात्रियों को ठंड में इंतजार करना पड़ रहा है. बाजारों और सार्वजनिक स्थलों पर आवाजाही कम हो गई है. लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं और गर्म कपड़ों में लिपटे नजर आ रहे हैं.

सर्दी का सितम (वीडियो ईटीवी भारत भरतपुर)

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किसानों के लिए फायदेमंद : कड़ाके की ठंड रबी फसलों के लिए वरदान साबित हो रही है. किसानों का कहना है कि गेहूं, सरसों और चने की फसलों के लिए यह मौसम अनुकूल है. ठंड से फसल की गुणवत्ता बेहतर होती है, लेकिन अधिक दिनों तक कोहरा छाए रहने से सरसों की फसल को नुकसान हो सकता है. कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक देशराज सिंह ने बताया कि लंबे समय तक ओस गिरने और कोहरा रहने से फसल पर फंगस लगने का खतरा बढ़ सकता है. हालांकि, अभी कोहरे से फसलों को किसी तरह का नुकसान नहीं है.

मौसम विभाग का पूर्वानुमान : मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दो-तीन दिनों तक कोहरा बने रहने की संभावना है. इससे जनजीवन प्रभावित रहेगा. लोगों से कोहरे के दौरान सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की जरूरत है. वाहन चालकों को धीमी गति और फॉग लाइट का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है.

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