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कोटा: पहले फसल बेचने और अब भुगतान के लिए भटकने को मजबूर किसान... - फसल बेचने को मजबूर

लॉकडाउन के दौरान सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं की उपज खरीद करके किसानों को राहत दी, लेकिन अव्यवस्थाओं के चलते यही राहत अब बड़ी परेशानी बनने लगी है. हालत यह है कि खरीद केंद्र पर उपज बेचने के एक महीने बाद भी किसानों को अपनी उपज के भुगतान को लेकर भटकना पड़ रहा है.

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पहले फसल बेचने और अब भुगतान के लिए भटकने को मजबूर किसान
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Published : Jun 24, 2020, 5:16 PM IST

कोटा (सांगोद). तिलहन संघ की ओर से गौण कृषि उपज मंडी में चल रही गेहूं की खरीद में अब तक 645 किसानों ने अपनी उपज बेची है. जिनमें अभी तक सिर्फ 15 मई तक के किसानों को ही उपज का भुगतान हुआ है. 15 मई के बाद उपज की तुलाई करवाने वाले एक भी किसान को अभी तक उपज का भुगतान नहीं हुआ है. ऐसे में किसानों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

कोटा में भुगतान को लेकर परेशान किसान

जानकारी के अनुसार एक माह बीतने के बावजूद भुगतान नहीं मिलने से सेठ-साहूकारों से लिया ऋण भी समय पर किसान नहीं चुका पा रहे हैं. मानसून की दस्तक के साथ ही किसान खरीफ की बुवाई की तैयारियों में जुट गए हैं. इसके लिए किसानों को खाद-बीज के बंदोबस्त के लिए पैसों की सख्त जरूरत है, लेकिन भुगतान नहीं मिलने से दुकानों से उधार सामग्री लानी पड़ रही है.

यह भी पढ़ें- केंद्र ने रोका पतंजलि की कथित कोरोना रोधी दवा का प्रचार- मांगा ब्योरा, पतंजलि ने भेजा जवाब

सांगोद के किसान रामकरण शर्मा ने बताया कि तिलहन संघ में माल बेचने में एक से डेढ़ महीने में जाकर नंबर आया था और फसल बेचने के एक महीने बाद भी अभी तक मुझे माल का भुगतान नहीं हो पाया है. ऐसे में किसान की फसल का भुगतान नहीं हो पाया है. वहीं, फसल बुवाई का समय भी नजदीक आ गया है और बुवाई करने के लिए पैसे नहीं हैं. साथ ही दुकानदारों से लेन-देन का हिसाब भी समय पर नहीं हो पा रहा है. ऐसे में किसानों को गम्भीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

कोटा (सांगोद). तिलहन संघ की ओर से गौण कृषि उपज मंडी में चल रही गेहूं की खरीद में अब तक 645 किसानों ने अपनी उपज बेची है. जिनमें अभी तक सिर्फ 15 मई तक के किसानों को ही उपज का भुगतान हुआ है. 15 मई के बाद उपज की तुलाई करवाने वाले एक भी किसान को अभी तक उपज का भुगतान नहीं हुआ है. ऐसे में किसानों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

कोटा में भुगतान को लेकर परेशान किसान

जानकारी के अनुसार एक माह बीतने के बावजूद भुगतान नहीं मिलने से सेठ-साहूकारों से लिया ऋण भी समय पर किसान नहीं चुका पा रहे हैं. मानसून की दस्तक के साथ ही किसान खरीफ की बुवाई की तैयारियों में जुट गए हैं. इसके लिए किसानों को खाद-बीज के बंदोबस्त के लिए पैसों की सख्त जरूरत है, लेकिन भुगतान नहीं मिलने से दुकानों से उधार सामग्री लानी पड़ रही है.

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सांगोद के किसान रामकरण शर्मा ने बताया कि तिलहन संघ में माल बेचने में एक से डेढ़ महीने में जाकर नंबर आया था और फसल बेचने के एक महीने बाद भी अभी तक मुझे माल का भुगतान नहीं हो पाया है. ऐसे में किसान की फसल का भुगतान नहीं हो पाया है. वहीं, फसल बुवाई का समय भी नजदीक आ गया है और बुवाई करने के लिए पैसे नहीं हैं. साथ ही दुकानदारों से लेन-देन का हिसाब भी समय पर नहीं हो पा रहा है. ऐसे में किसानों को गम्भीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

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