कोटा. जिले में ईद-उल-फितर का पर्व बड़े ही सादगी के साथ मनाया गया. कोरोना महामारी के चलते इस बार ईदगाह पर नमाज अदा नहीं हुई. शहर के किशोरपुरा स्थित मुख्य ईदगाह पर लाखों नमाजी नमाज अदा करते थे. वहीं, कोरोना काल मे सिर्फ चुनींदा नमाजियों को ही प्रवेश दिया गया. सभी लोगों ने घरों में रहकर सादगी से ईद की नमाज अदा की.
बता दें, कि इस पर शहर काजी अनवर अहमद ने अमन चैन की दुआ के साथ ही कहा, कि यह नाजुक वक्त है. हम सबको सिखना चाहिए कि कैसे एक दूसरे की मदद करे. आज तक ऐसा मौका नहीं आया, कि पूरी दुनिया एक साथ इतनी बड़ी मुसीबत में पड़ गई. खुदा के सामने गुनाहों की माफी मांगे और सारे इंसानों पर रहमत और बरकत की दुआ मांगे.
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शहर काजी ने कहा, कि खुदा ने सबको यह समझाया है कि दुनिया के अंदर अच्छाई फैलाने और बुराइयों को मिटाने की कोशिश करे. शहर काजी ने कहा कि यकीनन हमने ऐसा किया तो अल्लाह का फजलो-करम कल भी था और आगे भी रहेगा.
कपासन में सादगी से मनाया ईद का पर्व
रमजान माह के 30 रोजे पूरे होने के बाद शाम को ईद का चांद दिखाई दिया और ईद-उल-फितर के मौके पर सोमवार को मुस्लिम समुदाय ने इस पर्व को बड़ी ही सादगी पूर्वक मनाया. प्रदेश सरकार की गाइडलाइन पर 5 लोगों ने ईदगाह के अंदर नमाज पढ़ी. वहीं, जामा मस्जिद में इमाम और नायब शहर काजी मौलाना सईद ने ईद की नमाज अदा करवाई.
प्रतापगढ़ में 5 लोगों ने पढ़ी ईदगाह में नमाज
शहर में सोमवार को ईद-उल-फितर का पर्व बड़े ही सादगी पूर्ण तरीके से मनाया गया. कोरोना संक्रमण के कारण पीरबाग में केवल 5 व्यक्तियों ने नमाज अदा करते हुए पूरे विश्व में कोरोना के खात्मे की दुआ की. इस बार लोगों ने एक दूसरे को गले नहीं लगाकर दूर से ही ईद की मुबारकबाद दी.