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कोटा: बारिश ने सांगोद क्षेत्र के अर्थव्यवस्था की तोड़ी कमर, सरकार से मुआवजे की उम्मीद - कोटा न्यूज

लगातार हो रही बारिश के के बाद कोटा के सांगोद में कृषि और अर्थव्यवस्था की हालत खराब हो गई है. जहां एक ओर किसानों की सारी फसल नष्ट हो गई है, वहीं क्षेत्र की कृषि पर आधारित अर्थव्यवस्था भी चरमरा गई है. क्षेत्र में व्यापारी और किसानों के लिए भूखे मरने के हालात पैदा हो गए है. वहीं, क्षेत्र के किसान सरकार से मुआवजे की उम्मीद कर रहें है.

rain effects in kota,कोटा में भारी बारिश के प्रभाव
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Published : Sep 22, 2019, 4:08 PM IST

Updated : Sep 22, 2019, 4:25 PM IST

सांगोद( कोटा). क्षेत्र में बीते कुछ महीनों में हुई तेज बरसात ने अब दुकानदारों के लिए भी समस्या खड़ी कर दी है. कस्बे के दुकानदारों का कहना है कि क्षेत्र में पिछले दिनों हुई तेज बारिश के बाद खेत जलमग्न हो गए है. जिस कारण से किसान गांव तक सीमित होकर रह गए है. ऐसे में दुकानदारी पर इसका अत्यधिक असर देखने को मिला है.

तेज बारिश का अर्थव्यवस्था पर असर

किसान ओमप्रकाश ने बताया कि उसने बारह बिगा के खेत मे फसल बोई थी, जो पूरी तरह नष्ट हो गयी है. वहीं अब दूसरी फसल और घर खर्च के लिए भी पैसे नहीं बचे है. अब किसान सरकार से मुवावजा मिलने की उम्मीद लगाए हुवे हैं. वहीं, किसान केशव शर्मा ने बताया कि तीन महीनों से हो रही लगातार बारिश ने पूरी फसलो को बर्बाद कर दिया है. किसान ने बताया कि उसने कर्ज लेकर पूरी फसल बोई थी जिसके नष्ट होने के कारण अब किसान के सर पर बहुत कर्जा हो गया है. वहीं, भूखे मरने की तक कि नौबत आ गई है और अभी भी लगातार बारिश जारी है.

ये पढ़ें- 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम में भाग लेने ह्यूस्टन पहुंचे पीएम मोदी का भव्य स्वागत

बारिश ने अर्थव्यवस्थआ की चौपट...

सांगोद क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पूरी तरह कृषि पर ही आधारित है. इसलिये फसलों को हुए नुकसान के बाद लोगों ने जेब खर्च करना कम कर दिया है. दीवाली के बाद तक कमाई की कोई उम्मीद नहीं है. जिसका सीधा असर व्यवसाय पर भी देखने को मिल रहा है.

सांगोद के दुकानदार कुंजबिहारी नामा ने बताया कि दुकानों पर ग्राहकों की आवाजाही कम हो गई है. बरसात से पहले तो दुकान पर लगभग दो हजार से ढाई हजार प्रतिदिन तक बिक्री हो जाती थी. पर बरसात के कारण अभी सो रुपये तक सिमट कर रह गई है. कभी कभी कभी तो बोहनी तक नही हो पाती. ऐसे में धंधा पूरी तरह से चोपट हो गया है. साथ ही बहुत सी ऐसी चीजें है जो बरसात में खराब हो चुकी है. जो बेचने लायक नहीं बची है. घर खर्च चलाना भी मुस्किल हो गया है.

सांगोद( कोटा). क्षेत्र में बीते कुछ महीनों में हुई तेज बरसात ने अब दुकानदारों के लिए भी समस्या खड़ी कर दी है. कस्बे के दुकानदारों का कहना है कि क्षेत्र में पिछले दिनों हुई तेज बारिश के बाद खेत जलमग्न हो गए है. जिस कारण से किसान गांव तक सीमित होकर रह गए है. ऐसे में दुकानदारी पर इसका अत्यधिक असर देखने को मिला है.

तेज बारिश का अर्थव्यवस्था पर असर

किसान ओमप्रकाश ने बताया कि उसने बारह बिगा के खेत मे फसल बोई थी, जो पूरी तरह नष्ट हो गयी है. वहीं अब दूसरी फसल और घर खर्च के लिए भी पैसे नहीं बचे है. अब किसान सरकार से मुवावजा मिलने की उम्मीद लगाए हुवे हैं. वहीं, किसान केशव शर्मा ने बताया कि तीन महीनों से हो रही लगातार बारिश ने पूरी फसलो को बर्बाद कर दिया है. किसान ने बताया कि उसने कर्ज लेकर पूरी फसल बोई थी जिसके नष्ट होने के कारण अब किसान के सर पर बहुत कर्जा हो गया है. वहीं, भूखे मरने की तक कि नौबत आ गई है और अभी भी लगातार बारिश जारी है.

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बारिश ने अर्थव्यवस्थआ की चौपट...

सांगोद क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पूरी तरह कृषि पर ही आधारित है. इसलिये फसलों को हुए नुकसान के बाद लोगों ने जेब खर्च करना कम कर दिया है. दीवाली के बाद तक कमाई की कोई उम्मीद नहीं है. जिसका सीधा असर व्यवसाय पर भी देखने को मिल रहा है.

सांगोद के दुकानदार कुंजबिहारी नामा ने बताया कि दुकानों पर ग्राहकों की आवाजाही कम हो गई है. बरसात से पहले तो दुकान पर लगभग दो हजार से ढाई हजार प्रतिदिन तक बिक्री हो जाती थी. पर बरसात के कारण अभी सो रुपये तक सिमट कर रह गई है. कभी कभी कभी तो बोहनी तक नही हो पाती. ऐसे में धंधा पूरी तरह से चोपट हो गया है. साथ ही बहुत सी ऐसी चीजें है जो बरसात में खराब हो चुकी है. जो बेचने लायक नहीं बची है. घर खर्च चलाना भी मुस्किल हो गया है.

Intro:Body:सांगोद कोटा
मोतीलाल सुमन
तेज बारिश ने तोड़ी सांगोद क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की कमर

सांगोद क्षेत्र में बीते कुछ महीनों में हुई तेज बरसात ने अब दुकानदारो के लिए भी समस्या खड़ी कर दी है। कस्बे के दुकानदारों का कहना है कि क्षेत्र में पिछले दिनों हुई तेज बारिश के बाद खेत जलमग्न हो गए है। जिस कारण से किसान गांव तक सीमित होकर रह गए है ।ऐसे में दुकानदारी पर इसका अत्यधिक असर देखने को मिला है। किसान ओमप्रकाश ने बताया की मेने बारह बिगा के खेत मे फसल करि थी जो पूरी तरह नष्ट हो गयी है अब तो दूसरी फसल ओर घर खर्च के लिए पैसे तक नही बचे है किसान आत्महत्या करने की कगार पर है।अब किसान सरकार से मुवावजा मिलने की उम्मीद लगाए हुवे है । वही दूसरी ओर किसान केशव शर्मा का कहना है कि तीन महीनों से हो रही लगातार बारिश ने पूरी फसलो को बर्बाद कर दिया है किसान ने बताया कि मैने बारह हजार रुपए बीघा में जमीन मुनाफे में करि है ओर पूरी फसल नष्ट होने के कारण अब सर पर बहुत कर्जा हो गया है भूखे मरने की तक कि नोबत आ गई है ओर अभी भी लगातार बारिश जारी है । सांगोद क्षेत्र की अर्थव्यवस्था क्योकि पूरी तरह कृषि पर ही आधारित है। इसलिये फसलों को हुए नुकसान के बाद लोगो ने जेब खर्च करना कम कर दिया है। दीवाली के बाद तक कमाई की कोई उम्मीद नही है। जिसका सीधा असर व्यवसाय पर भी देखने को मिल रहा है।सांगोद के दुकानदार कुंजबिहारी नामा का कहना है कि दुकानों पर ग्राहकों की आवाजाही कम हो गई है बरसात से पहले तो दुकान पर लगभग दो हजार से ढाई हजार तक बिक्री हो जाती थी पर बरसात के कारण अभी सो रुपये तक सिमट कर रह गई है कभी कभी कभी तो बोहनी तक नही हो पाती धंधा पूरी तरह से चोपट हो गया है यही नही बहुत सी ऐसी चीजें है जो बरसात में खराब हो चुकी है जो बेचने लायक नही बची है घर खर्च चलाना भी मुस्किल हो गया है
बाईट ओमप्रकाश किसान
बाईट केशव शर्मा किसान
बाईट कुंजबिहारी नामा दुकानदारConclusion:
Last Updated : Sep 22, 2019, 4:25 PM IST
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