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Special: शिक्षा नगरी में जल्द शुरू होंगी क्लासेस, कोचिंग संस्थानों ने खुद बनाई गाइडलाइन - कोटा कोचिंग संस्थान

देश में लॉकडाउन लगे हुए दो महीने से ज्यादा गुजर चुके हैं और सभी शैक्षणिक संस्थाएं बंद है. ऐसे में अब शिक्षा नगरी कोटा जहां मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए लाखों की संख्या में स्टूडेंट पढ़ते हैं. यहां कोचिंग संस्थानों ने ऑफलाइन क्लासेस शुरू करने की तैयारी कर ली है. लेकिन इसके साथ ही कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए कोचिंग संस्थानों ने खुद की गाइडलाइन भी बनाई हैं.

coaching-institutes, कोचिंग संस्थान
कोटा में जल्द शुरू होंगी ऑफलाइन क्लासेस
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Published : Jun 2, 2020, 8:58 PM IST

कोटा. कोरोना वायरस से बचने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन की वजह से शैक्षणिक संस्थाएं बंद कर दी गई हैं. शिक्षा नगरी कोटा मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए जाना जाता है. यहां लाखों की संख्या में स्टूडेंट पढ़ते हैं. ऐसे में कोटा के कोचिंग संस्थानों ने ऑफलाइन क्लासेस में किस तरह से छात्रों को कोविड-19 संक्रमण से दूर रखा जाए इसकी तैयारी कर ली है.

फिलहाल, कोचिंग संस्थाएं अलग-अलग तरह के प्रयोग कर रही हैं ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखा जा सके. बच्चों को हैंड हाइजीन और कोविड-19 के बारे में जानकारी और उन्हें इससे किस तरह से दूर रखा जाए. कोरोना से इसकी प्लानिंग की जा रही है. कोटा में अभी भी कुछ छात्र यहां रुके हुए हैं, जिन्हें उम्मीद है कि जल्द ही उनकी नीट और जेईई की क्लासेज शुरू होंगी.

कोटा में जल्द शुरू होगी कोचिंग क्लासेस

कोटा के एक कोचिंग इंस्टीट्यूट के निदेशक नवीन माहेश्वरी कहते हैं कि कोटा के कोचिंग संस्थानों ने स्वयं के लिए कुछ नियम निर्धारित किए हैं, जिसमें स्टूडेंट के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए अभिभावकों के विश्वास पर खरा उतरने के लिए मापदण्ड तय किए गए हैं. कोटा के कोचिंग संस्थान देश में पहला उदाहरण पेश करने जा रहे हैं जहां स्वयं की उनकी गाइडलाइन तय की गई हैं.

कोचिंग संस्थानों ने कैंपस में प्रवेश के साथ ही छात्रों की थर्मल स्कैनिंग, सोशल डिस्टेंसिंग रखने और फेस शिल्ड और मास्क लगाने के साथ ही प्रवेश दिया जाएगा. प्रवेश करने के साथ ही हाथ धोने और सैनिटाइज की व्यवस्था रहेगी. स्टूडेंट के आने और जाने के रास्ते और खड़े रहने के लिए निर्धारित दूरी के लिए मार्किंग की जाएगी. क्लास के पहले भी थर्मल स्कैनिंग होगी.

coaching-institutes, कोचिंग संस्थान
फुल मास्क और हाथों में ग्लव्स पहने हुए छात्र

करीब सवा लाख स्टूडेंट सेल्फ क्वॉरेंटाइन
दूसरे क्षेत्र या अन्य राज्यों से कोटा में कोचिंग करने के लिए आने वाले छात्र यहां पर या तो कमरा किराए से लेकर रहते हैं या फिर वह हॉस्टल के रूम में रहते हैं. वैसे तो ज्यादातर स्टूडेंट्स सिंगल रूम लेकर ही यहां रहते हैं. एक अनुमान के मुताबिक, कोटा में करीब सवा लाख स्टूडेंट सिंगल रूम में रहते हैं जिस पर छात्र पहले से ही सेल्फ क्वॉरेंटाइन रहता है. ये छात्र जरूरत होने पर ही रूम से कोचिंग या कुछ अन्य कार्य से बाहर निकलते हैं.

क्षमता से आधे स्टूडेंट क्लास रूम में बैठेंगे
कोरोना वायरस और इसके संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के लिए कक्षा-कक्षों की निर्धारित क्षमता से आधे स्टूडेंट्स ही बैठाए जाएंगे. स्टूडेंट्स को डायगोनली यानि की तिरछे क्रम में बिठाया जाएगा जिससे एक-दूसरे से दूरी अधिक रह सके. स्टूडेंट को पानी की बोतल अपने साथ लानी होगी. कक्षाओं के खत्म होने और ब्रेक का समय भी अलग-अलग निर्धारित किया जाएगा जिससे छात्र एक-दूसरे के संपर्क में ना आ सकें. इसी तरह से डाउन काउंटर पर भी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की जाएगी. स्टडी मैटेरियल देते समय भी सावधानी रखी जाएगी.

coaching-institutes, कोचिंग संस्थान
छात्र की थर्मल स्क्रैनिंग करती हुई महिला

छाते से सोशल डिस्टेंसिंग
इस दौरान गर्मी पूरे देश और राजस्थान में अपने चरम पर है ऐसे में धूप से बचने के लिए अधिकांश स्टूडेंट्स छाते का प्रयोग करते हैं. ऐसा माना जा रहा है कि अगर छात्र छाते का उपयोग करेंगे तो भी सोशल डिस्टेंसिंग हो सकेगी. छाते को खोल कर सड़क पर चलने वाले छात्र अपने आप ही सामाजिक दूरी बना लेंगे. कोचिंग संस्थाओं ने तैयारी कर ली है कि ओरियंटेशन के दौरान ही स्टूडेंट्स को सावधानियां और जागरूकता के संबंध में जानकारी दी जाएगी.

ये भी पढ़ें: SPECIAL: सरहदी गांवों में भीषण गर्मी के साथ पानी की किल्लत से आमजन बेहाल

हर कैंपस में तैयार होगा कोरोना टास्क फोर्स
कोचिंग संस्थानों का कहना है कि वह कैंपस को दिन में दो बार सैनिटाइज करेंगे. इसके लिए हर कैंपस में अलग से कोरोना टॉस्क फोर्स तैयार किया जाएगा. कोचिंग समय के दौरान स्टूडेंट्स के आने से लेकर जाने तक डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ हर कैम्पस में मौजूद रहेगा.

कोटा. कोरोना वायरस से बचने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन की वजह से शैक्षणिक संस्थाएं बंद कर दी गई हैं. शिक्षा नगरी कोटा मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए जाना जाता है. यहां लाखों की संख्या में स्टूडेंट पढ़ते हैं. ऐसे में कोटा के कोचिंग संस्थानों ने ऑफलाइन क्लासेस में किस तरह से छात्रों को कोविड-19 संक्रमण से दूर रखा जाए इसकी तैयारी कर ली है.

फिलहाल, कोचिंग संस्थाएं अलग-अलग तरह के प्रयोग कर रही हैं ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखा जा सके. बच्चों को हैंड हाइजीन और कोविड-19 के बारे में जानकारी और उन्हें इससे किस तरह से दूर रखा जाए. कोरोना से इसकी प्लानिंग की जा रही है. कोटा में अभी भी कुछ छात्र यहां रुके हुए हैं, जिन्हें उम्मीद है कि जल्द ही उनकी नीट और जेईई की क्लासेज शुरू होंगी.

कोटा में जल्द शुरू होगी कोचिंग क्लासेस

कोटा के एक कोचिंग इंस्टीट्यूट के निदेशक नवीन माहेश्वरी कहते हैं कि कोटा के कोचिंग संस्थानों ने स्वयं के लिए कुछ नियम निर्धारित किए हैं, जिसमें स्टूडेंट के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए अभिभावकों के विश्वास पर खरा उतरने के लिए मापदण्ड तय किए गए हैं. कोटा के कोचिंग संस्थान देश में पहला उदाहरण पेश करने जा रहे हैं जहां स्वयं की उनकी गाइडलाइन तय की गई हैं.

कोचिंग संस्थानों ने कैंपस में प्रवेश के साथ ही छात्रों की थर्मल स्कैनिंग, सोशल डिस्टेंसिंग रखने और फेस शिल्ड और मास्क लगाने के साथ ही प्रवेश दिया जाएगा. प्रवेश करने के साथ ही हाथ धोने और सैनिटाइज की व्यवस्था रहेगी. स्टूडेंट के आने और जाने के रास्ते और खड़े रहने के लिए निर्धारित दूरी के लिए मार्किंग की जाएगी. क्लास के पहले भी थर्मल स्कैनिंग होगी.

coaching-institutes, कोचिंग संस्थान
फुल मास्क और हाथों में ग्लव्स पहने हुए छात्र

करीब सवा लाख स्टूडेंट सेल्फ क्वॉरेंटाइन
दूसरे क्षेत्र या अन्य राज्यों से कोटा में कोचिंग करने के लिए आने वाले छात्र यहां पर या तो कमरा किराए से लेकर रहते हैं या फिर वह हॉस्टल के रूम में रहते हैं. वैसे तो ज्यादातर स्टूडेंट्स सिंगल रूम लेकर ही यहां रहते हैं. एक अनुमान के मुताबिक, कोटा में करीब सवा लाख स्टूडेंट सिंगल रूम में रहते हैं जिस पर छात्र पहले से ही सेल्फ क्वॉरेंटाइन रहता है. ये छात्र जरूरत होने पर ही रूम से कोचिंग या कुछ अन्य कार्य से बाहर निकलते हैं.

क्षमता से आधे स्टूडेंट क्लास रूम में बैठेंगे
कोरोना वायरस और इसके संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के लिए कक्षा-कक्षों की निर्धारित क्षमता से आधे स्टूडेंट्स ही बैठाए जाएंगे. स्टूडेंट्स को डायगोनली यानि की तिरछे क्रम में बिठाया जाएगा जिससे एक-दूसरे से दूरी अधिक रह सके. स्टूडेंट को पानी की बोतल अपने साथ लानी होगी. कक्षाओं के खत्म होने और ब्रेक का समय भी अलग-अलग निर्धारित किया जाएगा जिससे छात्र एक-दूसरे के संपर्क में ना आ सकें. इसी तरह से डाउन काउंटर पर भी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की जाएगी. स्टडी मैटेरियल देते समय भी सावधानी रखी जाएगी.

coaching-institutes, कोचिंग संस्थान
छात्र की थर्मल स्क्रैनिंग करती हुई महिला

छाते से सोशल डिस्टेंसिंग
इस दौरान गर्मी पूरे देश और राजस्थान में अपने चरम पर है ऐसे में धूप से बचने के लिए अधिकांश स्टूडेंट्स छाते का प्रयोग करते हैं. ऐसा माना जा रहा है कि अगर छात्र छाते का उपयोग करेंगे तो भी सोशल डिस्टेंसिंग हो सकेगी. छाते को खोल कर सड़क पर चलने वाले छात्र अपने आप ही सामाजिक दूरी बना लेंगे. कोचिंग संस्थाओं ने तैयारी कर ली है कि ओरियंटेशन के दौरान ही स्टूडेंट्स को सावधानियां और जागरूकता के संबंध में जानकारी दी जाएगी.

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हर कैंपस में तैयार होगा कोरोना टास्क फोर्स
कोचिंग संस्थानों का कहना है कि वह कैंपस को दिन में दो बार सैनिटाइज करेंगे. इसके लिए हर कैंपस में अलग से कोरोना टॉस्क फोर्स तैयार किया जाएगा. कोचिंग समय के दौरान स्टूडेंट्स के आने से लेकर जाने तक डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ हर कैम्पस में मौजूद रहेगा.

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