कोटा. शहर के न्यू मेडिकल कालेज ब्लड बैंक में करीब 10 घंटे तक केंद्र और राज्य के ड्रग डिपार्टमेंट के अधिकारियों की टीम यहीं रही. उपकरण, फर्नीचर स्टाफ की ट्रेनिंग, रिकार्ड संधारण आदि की स्थिति देखी इस टीम में भारत सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर सेंट्रल ड्रग स्टेंडर्ड कंट्रोल आर्गनाइजेशन के ड्रग इंस्पेक्टर प्रत्युष, कोटा के सहायक औषधि नियंत्रक नरेंद्र कुमार और उनकी टीम मौजूद रही.
ब्लड बैंक के इंचार्ज डॉ.एचजी मीणा ने टीम को जरूरी जानकारियां दी. टीम ने वहीं बैठकर जरूरी रिपोर्ट तैयार कर की. इसमें बीस पेज की चेक लिस्ट होती है, जो मौके से भरी जाती है. टीम के एक्सपर्ट डॉ.आरके सिंह ने बताया कि न्यू मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक में पहले ह्यूमन ब्लड दिया जाता था. इसमें एप्लाई किया था कि इसमें कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट खोला जाए. इसी क्रम में केंद्र और राज्य की ड्रग कंट्रोल टीम ने इसमे निरीक्षण किया. इसमें पाया की यहां पर सभी तरह के उकरण मौजूद हैं. यहां का स्टाफ भी पूरा है, परंतु इनको ट्रेनिंग की जरूरत है जो उनको दी जाएगी.
उन्होंने बताया कि ब्लड बैंक में लगा फर्नीचर लकड़ी का है. जो कि इसको बदल कर स्टील या वॉशेबल फर्नीचर लगाने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही यह अनुशंसा की जाएगी कि इनका लाइसेंस जल्द ही हो. जिससे मेडिकल कालेज ब्लड बैंक को यह सुविधा उपलब्ध हो सके.
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नए अस्पताल के ब्लड बैंक में वर्तमान में सिर्फ होल ब्लड मिलता है, कोई कंपोनेंट नहीं मिलता. लाइसेंस मिलने के बाद प्लेटलेट्स यानि आरडीपी, फ्रेश फ्रोजन प्लाज्मा ओर पीसीवी मिल पाएगी. एफेरेसिस मशीन भी शुरू की जा सकेगी, जिस पर सिंगल डोनर प्लेटलेट एसडीपी हो पाएगी.