कोटा. कोटा में हर साल लाखों बच्चे इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सफल भविष्य का सपना लेकर आते हैं. लेकिन जिले के ही निजी कोचिंग इन्स्टीट्यूट में पढ़ने वाले छात्र ने अपनी लगन से सबको यह बता दिया है कि सपने किसी के मोहताज नहीं होते. पूरा शरीर पैरालाइज्ड होने के बाद छात्र तुहिन देय अन्य बच्चों के साथ ही मुंह से लिखकर आईआईटी एंट्रेंस की तैयारी कर रहें हैं. तुहिन के संघर्षो को कोटा शिक्षा विकास मंच की तरफ से आयोजित रक्षा, शिक्षा और संघर्ष के सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया.
यह भी पढ़ें: कोटाः पानी की पाइपलाइन में मृत अजगर मिलने पर अधिकारियों ने स्वीकारी लापरवाही
बता दें कि एलन के सभागार में आयोजित इस सम्मान समारोह में 62 बच्चों और 68 स्कूलों सहित 75 संस्थाओं को सम्मानित किया गया. समारोह में आर्थिक स्थिति से कमजोर, दिव्यांग परिजनों की संतान, विपरीत परिस्थितियों में कैंसर या दिव्यांग होने के बावजूद, पढ़ाई करने वाले होनहार 27 स्टूडेंट्स को सम्मानित किया गया. इसके अलावा भाई के कंधे पर बैठ कर कोचिंग करने वाले कृष्ण कुमार, जो अब एनआईटी अगरतला में पढ़ाई कर रहे हैं, बालिका वधु रूपा यादव जो बीकानेर से एमबीबीएस कर रही हैं, के साथ ही 35 उन बच्चों को भी सम्मानित किया जिनके पिता आर्म्ड फोर्स में रहते हुए शहीद हो गए.
वहीं सम्मान समारोह में कोटा के कोचिंग संस्थानों ने मांग की है कि कोटा में एजुकेशन कॉरिडोर बनाया जाए. यह 50 से 100 किलोमीटर लंबा कोरिडोर हो जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय हों. बता दें कि समारोह में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति बतौर अतिथि शामिल हुए.