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संघर्ष को मिला सम्मान, मुंह से लिखकर कर रहा IIT की तैयारी...

कोटा के कोचिंग संस्थान में एक ऐसा बच्चा भी है, जिसका संघर्ष अन्य बच्चों से थोड़ा ज्यादा है. पूरा शरीर पैरालाइज्ड होने के कारण तुहिन देय, मुंह से लिखकर आईआईटी एंट्रेंस की तैयारी कर रहा है. इस बच्चे को जिले में आयोजित रक्षा, शिक्षा और संघर्ष के सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया.

divyang student Honored, दिव्यांग छात्र सम्मानित
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Published : Sep 9, 2019, 2:28 AM IST

Updated : Sep 9, 2019, 2:38 AM IST

कोटा. कोटा में हर साल लाखों बच्चे इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सफल भविष्य का सपना लेकर आते हैं. लेकिन जिले के ही निजी कोचिंग इन्स्टीट्यूट में पढ़ने वाले छात्र ने अपनी लगन से सबको यह बता दिया है कि सपने किसी के मोहताज नहीं होते. पूरा शरीर पैरालाइज्ड होने के बाद छात्र तुहिन देय अन्य बच्चों के साथ ही मुंह से लिखकर आईआईटी एंट्रेंस की तैयारी कर रहें हैं. तुहिन के संघर्षो को कोटा शिक्षा विकास मंच की तरफ से आयोजित रक्षा, शिक्षा और संघर्ष के सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया.

यह भी पढ़ें: कोटाः पानी की पाइपलाइन में मृत अजगर मिलने पर अधिकारियों ने स्वीकारी लापरवाही

बता दें कि एलन के सभागार में आयोजित इस सम्मान समारोह में 62 बच्चों और 68 स्कूलों सहित 75 संस्थाओं को सम्मानित किया गया. समारोह में आर्थिक स्थिति से कमजोर, दिव्यांग परिजनों की संतान, विपरीत परिस्थितियों में कैंसर या दिव्यांग होने के बावजूद, पढ़ाई करने वाले होनहार 27 स्टूडेंट्स को सम्मानित किया गया. इसके अलावा भाई के कंधे पर बैठ कर कोचिंग करने वाले कृष्ण कुमार, जो अब एनआईटी अगरतला में पढ़ाई कर रहे हैं, बालिका वधु रूपा यादव जो बीकानेर से एमबीबीएस कर रही हैं, के साथ ही 35 उन बच्चों को भी सम्मानित किया जिनके पिता आर्म्ड फोर्स में रहते हुए शहीद हो गए.

मुंह से लिखकर आईआईटी एंट्रेंस की तैयारी करने वाले तुहिन देय का किया गया सम्मान

वहीं सम्मान समारोह में कोटा के कोचिंग संस्थानों ने मांग की है कि कोटा में एजुकेशन कॉरिडोर बनाया जाए. यह 50 से 100 किलोमीटर लंबा कोरिडोर हो जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय हों. बता दें कि समारोह में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति बतौर अतिथि शामिल हुए.

कोटा. कोटा में हर साल लाखों बच्चे इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सफल भविष्य का सपना लेकर आते हैं. लेकिन जिले के ही निजी कोचिंग इन्स्टीट्यूट में पढ़ने वाले छात्र ने अपनी लगन से सबको यह बता दिया है कि सपने किसी के मोहताज नहीं होते. पूरा शरीर पैरालाइज्ड होने के बाद छात्र तुहिन देय अन्य बच्चों के साथ ही मुंह से लिखकर आईआईटी एंट्रेंस की तैयारी कर रहें हैं. तुहिन के संघर्षो को कोटा शिक्षा विकास मंच की तरफ से आयोजित रक्षा, शिक्षा और संघर्ष के सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया.

यह भी पढ़ें: कोटाः पानी की पाइपलाइन में मृत अजगर मिलने पर अधिकारियों ने स्वीकारी लापरवाही

बता दें कि एलन के सभागार में आयोजित इस सम्मान समारोह में 62 बच्चों और 68 स्कूलों सहित 75 संस्थाओं को सम्मानित किया गया. समारोह में आर्थिक स्थिति से कमजोर, दिव्यांग परिजनों की संतान, विपरीत परिस्थितियों में कैंसर या दिव्यांग होने के बावजूद, पढ़ाई करने वाले होनहार 27 स्टूडेंट्स को सम्मानित किया गया. इसके अलावा भाई के कंधे पर बैठ कर कोचिंग करने वाले कृष्ण कुमार, जो अब एनआईटी अगरतला में पढ़ाई कर रहे हैं, बालिका वधु रूपा यादव जो बीकानेर से एमबीबीएस कर रही हैं, के साथ ही 35 उन बच्चों को भी सम्मानित किया जिनके पिता आर्म्ड फोर्स में रहते हुए शहीद हो गए.

मुंह से लिखकर आईआईटी एंट्रेंस की तैयारी करने वाले तुहिन देय का किया गया सम्मान

वहीं सम्मान समारोह में कोटा के कोचिंग संस्थानों ने मांग की है कि कोटा में एजुकेशन कॉरिडोर बनाया जाए. यह 50 से 100 किलोमीटर लंबा कोरिडोर हो जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय हों. बता दें कि समारोह में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति बतौर अतिथि शामिल हुए.

Intro:कोटा: मुंह से लिखने वाले, बालिका वधू व भाई के कंधे पर बैठ पढ़ाई करने वालो को किया एचआरडी मंत्री ने सम्मानित, ऐसे कई और बच्चे भी शामील
कोटा शिक्षा विकास मंच की तरफ से रविवार को एलन के सभागार में रक्षा, शिक्षा और संघर्ष का सम्मान समारोह आयोजित हुआ. इसमें लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने 62 बच्चों और 68 स्कूलों सहित 75 संस्थाओं को सम्मानित किया.
Body:इस सम्मान समारोह में कोटा के कोचिंग संस्थानों ने मांग की है कि कोटा में एजुकेशन कॉरिडोर बनाया जाए यह 50 से 100 किलोमीटर लंबा कोरिडोर हो जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय हो.
इस सम्मान में आर्थिक स्थिति से कमजोर, दिव्यांग परिजनों की संतान, विपरीत परिस्थितियों में कैंसर या दिव्यांग होने के बावजूद पढ़ाई करने वाले होनहार 27 स्टूडेंट्स ओं को सम्मानित किया. इस संघर्ष कैटेगरी के स्टूडेंट्स में दिव्यांग तुहिन देय शामिल थे, जिनका पूरा शरीर पैरालाइज्ड है लेकिन वह मुंह से लिखकर आईआईटी एंट्रेंस की तैयारी कर रहे हैं. इसके अलावा भाई के कंधे लर बैठ कर गए कोचिंग करने वाले कृष्ण कुमार जो अब एनआईटी अगरतला में पढ़ाई कर रहे है.
बालिका वधु रूपा यादव जो बीकानेर से एमबीबीएस कर रही है. साथ ही 35 उन बच्चों को भी सम्मानित किया जिनके पिता आर्म्ड फोर्स में रहते हुए शहीद हो गए.
Conclusion:इसके अलावा केंद्रीय विद्यालय नवोदय विद्यालय स्वामी विवेकानंद विद्यालय के साथ सीबीएसई एफिलिएटिड 68 स्कूल सम्मानित हुए हैं वही कोटा के साथ कोचिंग संस्थान जिनमें बंसल, एलेन, रेजोनेंस, राव आईआईटी, कैरियर पॉइंट, मोशन व वाइब्रेंट को भी सम्मानित किया है
Last Updated : Sep 9, 2019, 2:38 AM IST
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