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कोटा : श्रावण का पहला सोमवार...शिवालयों पर लगा रहा ताला, श्रद्धालुओं ने बाहर से किए दर्शन

कोटा में शिव मंदिरों के मुख्य द्वारा पर ताले लगे होने के कारण श्रद्धालु बाहर से ही पूजा कर लौट रहे हैं. वहीं, शिवालयों में पंडितों ने शिवलिंग का रुद्राभिषेक कर पूजा-अर्चना की.

श्रावण 2020  shiva temples of Kota
मंदिरों पर ताले लगने से भक्त मायूस
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Published : Jul 6, 2020, 1:50 PM IST

कोटा. कोरोना काल के कारण राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार मंदिरों पर ताले लगे हुए हैं. ऐसे में सावन की पहले सोमवार को श्रद्धालु भगवान शिव के रुद्राभिषेक से वंचित रह गए. श्रद्धालु मंदिर के बाहर से ही दर्शन कर लौट रहे हैं.

मंदिरों पर ताले लगने से भक्त मायूस

राज्य सरकार ने मंदिरों को खोलने की अनुमति नहीं दी है. ऐसे में सोमवार से शुरू हुए श्रावण मास में शिवालयों पर ताले लगे होने से श्रद्धालु मायूस होकर लौट रहे हैं. शिवपुरा स्थित प्राचीन भीतरिया कुंड स्थित सोमेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आई, लेकिन मंदिर बंद होने से श्रद्धालु बाहर रखी प्रतिमाओं पर ही दूध, जल, आक और धतूरा चढ़ा कर जा रहे हैं.

श्रावण 2020  shiva temples of Kota
मंदिर के बाहर पूजा करती श्रद्धालु

कोटा में दस से ज्यादा प्राचीन शिवालय...

कोटा में दस से ज्यादा प्रचीन शिवालय स्थापित हैं. इसमें मुख्यतः गेपरनाथ महादेव मंदिर, गड़रिया महादेव मंदिर शामिल है. गड़रिया महादेव मंदिर चंबल की कंदराओं में स्थापित है. इन मंदिरों में श्रद्धालु श्रावण मास में दर्शनों के अलावा पिकनिक व गोठ करने जाते हैं.

यह भी पढ़ें. सावन सोमवार : मराठा काल में बना अजमेर का प्राचीन झरनेश्वर महादेव मंदिर, कोरोना के साए में होगा शिव पूजन

ऐसे ही भीतरिया कुंड पंचमुखी सोमेश्वर महादेव मंदिर थेगड़ा स्थित शिवपुरी धाम, गढ़ पैलेस स्तिथ गो कर्णेश्वर मंदिर और अनंतपुरा स्तिथ कर्णेश्वर महादेव मंदिर मुख्य हैं. इनमें सावन मास में भक्तों की भीड़ काफी तादाद में दिखाई देती थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते मंदिर वीरान हैं. हालांकि, इनकी देख-रेख वहां के स्थानीय पंडितों के जिम्मे हैं.

यह भी पढ़ें. सावन का पहला सोमवार...भक्तों ने कोरोना से बचाव के नियमों के साथ की पूजा-अर्चना

भीतरिया कुंड महादेव मंदिर के पुजारी ने बताया कि सुबह चार बजे पंडितों ने शिवलिंग का रुद्राभिषेक किया. जिसके बाद प्रतिमा को श्रृंगारित कर मंगला आरती की गई. पुजारी का कहना है कि मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लग रही है. वहीं, सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान में रखते हुए श्रद्धालुओं को दर्शन करवाए जा रहे हैं.

कोटा. कोरोना काल के कारण राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार मंदिरों पर ताले लगे हुए हैं. ऐसे में सावन की पहले सोमवार को श्रद्धालु भगवान शिव के रुद्राभिषेक से वंचित रह गए. श्रद्धालु मंदिर के बाहर से ही दर्शन कर लौट रहे हैं.

मंदिरों पर ताले लगने से भक्त मायूस

राज्य सरकार ने मंदिरों को खोलने की अनुमति नहीं दी है. ऐसे में सोमवार से शुरू हुए श्रावण मास में शिवालयों पर ताले लगे होने से श्रद्धालु मायूस होकर लौट रहे हैं. शिवपुरा स्थित प्राचीन भीतरिया कुंड स्थित सोमेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आई, लेकिन मंदिर बंद होने से श्रद्धालु बाहर रखी प्रतिमाओं पर ही दूध, जल, आक और धतूरा चढ़ा कर जा रहे हैं.

श्रावण 2020  shiva temples of Kota
मंदिर के बाहर पूजा करती श्रद्धालु

कोटा में दस से ज्यादा प्राचीन शिवालय...

कोटा में दस से ज्यादा प्रचीन शिवालय स्थापित हैं. इसमें मुख्यतः गेपरनाथ महादेव मंदिर, गड़रिया महादेव मंदिर शामिल है. गड़रिया महादेव मंदिर चंबल की कंदराओं में स्थापित है. इन मंदिरों में श्रद्धालु श्रावण मास में दर्शनों के अलावा पिकनिक व गोठ करने जाते हैं.

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ऐसे ही भीतरिया कुंड पंचमुखी सोमेश्वर महादेव मंदिर थेगड़ा स्थित शिवपुरी धाम, गढ़ पैलेस स्तिथ गो कर्णेश्वर मंदिर और अनंतपुरा स्तिथ कर्णेश्वर महादेव मंदिर मुख्य हैं. इनमें सावन मास में भक्तों की भीड़ काफी तादाद में दिखाई देती थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते मंदिर वीरान हैं. हालांकि, इनकी देख-रेख वहां के स्थानीय पंडितों के जिम्मे हैं.

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भीतरिया कुंड महादेव मंदिर के पुजारी ने बताया कि सुबह चार बजे पंडितों ने शिवलिंग का रुद्राभिषेक किया. जिसके बाद प्रतिमा को श्रृंगारित कर मंगला आरती की गई. पुजारी का कहना है कि मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लग रही है. वहीं, सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान में रखते हुए श्रद्धालुओं को दर्शन करवाए जा रहे हैं.

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