बूंदी. प्रदेश के युवा खेल मंत्री अशोक चांदना पर उप वन संरक्षक टी मोहनराज को धमकाने का आरोप लगा है. मंत्री पर आरोप है कि उन्होंने बीते दिनों जिला कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई बैठक में उप वन संरक्षक को धमकाया था. इस मामले में टीम मोहनराज ने कानूनी कार्रवाई के लिए एसपी और कलेक्टर को लिखा है. साथ ही पुलिस सुरक्षा की मांग की है. अधिकारी का कहना है कि उन्हें मंत्री अशोक चांदना से खतरा है.
इस संबंध में डीसीएफ टी मोहनराज ने बूंदी एसपी जय यादव और कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी को पत्र लिखा. एसपी यादव को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि 28 मार्च को युवा एवं खेल मामलात मंत्री अशोक चांदना की अध्यक्षता में जिला कलेक्टर में बैठक आयोजित हुई थी. जिसमें मंत्री अशोक चांदना ने विकास कार्यो में बाधा उत्पन्न करने का झूठा आरोप लगाया. साथ ही दूसरे राज्य का व्यक्ति बताया और मुझे जान से मारने की धमकी दी है. साथ ही मेरे साथ गाली-गलौज की.
इसके अलावा डीसीएफ टी मोहनराज ने जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी को लिखे पत्र में लिखा है कि वे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. ऐसे में अपने या अपने अधीनस्थ कार्मिकों की जान खतरे में डालकर जिला कलेक्ट्रेट में मौजूद किसी भी बैठक में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि उनके बैठक में उपस्थित नहीं होने से राजकार्य में किसी तरह की कोई बाधा नहीं आएगी. उनसे जिस तरह के बीच जानकारियां सूचना मांगी जाएगी, वे उपलब्ध करा देंगे.
टी मोहनराज ने कलेक्टर को लिखे पत्र में बताया है कि आप की मौजूदगी में मंत्री चांदना ने खून के आंसू रुलाने और जान से मारने की धमकी दी है. ऐसे में मुझे अपने विभाग का पक्ष रखने के लिए मौका नहीं दिया गया. मंत्री चांदना ने मुझे बोलने से रोक दिया, यह एक पक्षीय कार्यवाही जैसा हुआ था. इसके बाद मैंने स्पष्टीकरण भी 29 तारीख को आपके (कलेक्टर) कार्यालय में भेज दिया है. हालांकि, मेरा पूरा स्टाफ भय ग्रस्त है, क्योंकि मुझे भी जान की धमकी दी है. ऐसे में मेरा स्टाफ के साथ भी कुछ भी हो सकता है.
वन कार्मिकों का आंदोलन जारी : दूसरी, तरफ इस पूरे मामले को लेकर राजस्थान अधीनस्थ कर्मचारी संघ आंदोलनरत है. उन्होंने आज भी एसडीएम से मिलकर मुख्यमंत्री गहलोत के नाम का ज्ञापन दिया है. इस मामले में उनके साथ मांग है कि डीसीएफ टी मोहनराज के साथ अभद्रता की गई है. ऐसे में मंत्री अशोक चांदना को डीसीएफ से माफी मांगनी चाहिए. जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह सोलंकी का साफ कहना है कि वन कर्मी पूरी तरह से आंदोलनरत हैं और वह जब तक मंत्री अशोक चांदना माफी नहीं मांग लेते हैं, इसी तरह से आंदोलन करते रहेंगे.