कोटा. जिले के इटावा रेंज में वन भूमि को समतल कर उसपर फसल बोने के मामले में वन विभाग ने कार्रवाई की है. इसमें वन अधिनियम के तहत फॉरेस्ट के अधिकारियों ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उपवन संरक्षक न्यायालय ने सभी को सजा सुनाने के साथ जुर्माना भी लगाया है. बीते कई सालों में इस तरह की कार्रवाई वन विभाग की तरफ से पहली बार अमल में लाई गई है.
कोटा टेरिटोरियल के उपवन संरक्षक तरुण मेहरा ने बताया कि इटावा रेंज के वनखण्ड डूंगरली, दुर्जनपुरा में वनभूमि पर अतिक्रमण करके फसल बोने के जुर्म में भू- राजस्व अधिनियम 1956 की धारा 91 के तहत अतिक्रमण करने वाले 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. इनमें डुंगरली निवासी रामगोप उर्फ रामगोपाल बैरवा, कैलाश मीणा, दुर्जनपुरा निवासी घनश्याम, नन्दबिहारी उर्फ नन्दकिशोर, भंवरलाल व कन्हैयालाल शामिल हैं. रामगोपाल, कन्हैयालाल व कैलाश मीणा को एक माह, नंद बिहारी को दो माह और घनश्याम और भंवरलाल को तीन माह की सजा सुनाई गई है. इन सभी अतिक्रमियों पर तीन से पांच हजार का जुर्माना भी लगाया है.
सक्रिय होकर की वन विभाग ने निगरानी : हर साल वन विभाग की हजारों बीघा जमीन पर अतिक्रमी फसल उगा लेते हैं. ऐसा अकेले कोटा में ही नहीं, बल्कि पूरे हाड़ौती में हो रहा है. इस बार कोटा जिले में वन विभाग के अधिकारियों ने सक्रिय होकर ऐसे कृत्य करने वालों लोगों पर निगाह रखी. इसके बाद कई सालों में पहली बार इस तरह से वन भूमि पर फसल उगाने वालों पर कार्रवाई हुई है. हालांकि, जिन लोगों पर कार्रवाई हुई है, उन्होंने करीब 50 बीघा जमीन पर ही खेती की थी, यह केवल दो गांव के ही आरोपी हैं.