कोटा. शहर में स्थित राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल सेंचुरी के जलीय जीवों पर पिछले 2 दिनों से संकट मंडरा रहा है. चंबल नदी में लगातार दूषित काला क्रूड ऑयल फैलता जा रहा है. इसे लेकर कोटा के वन्यजीव व पर्यावरण प्रेमी चिंतित हैं.
पढ़ें: स्मार्ट सिटी की तर्ज पर ही कलेक्ट्रेट परिसर में वकीलों के बैठने की व्यवस्था हो : सांसद बोहरा
वन्यजीव प्रेमियों ने शुक्रवार को मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया. इधर वन विभाग भी मामले को लेकर हरकत में आया है. मुख्य वन संरक्षक सेडूराम यादव ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच पड़ताल करवा रहे हैं। सुबह चंबल नदी किनारे स्थित चंबल गार्डन मैं लोग मॉर्निंग वॉक के लिए पहुंचे, जहां चंबल नदी में चारों तरफ बड़ी मात्रा में दूषित काला तेल फैला हुआ नजर आया. लोगों की सूचना पर पहुंचे वन्यजीव प्रेमियों ने नदी से दूषित काला ऑयल के सैंपल कलेक्ट किए, जिनकी जांच कराई जाएगी.
गौरतलब है कि गुरुवार को भी चंबल नदी में बड़ी मात्रा में क्रूड ऑयल देखा गया था. इसके बाद वन्यजीव विभाग के मुख्य वन संरक्षक सेडूराम यादव ने मुकुंदरा टाइगर रिजर्व स्टाफ भेजकर जांच पड़ताल करवाई थी. इधर वन्यजीवों व पर्यावरण प्रेमियों ने आशंका व्यक्त की है कि यह काला क्रूड ऑयल चंबल घड़ियाल सेंचुरी के किनारे स्थित कोटा थर्मल पावर स्टेशन से निकलकर चंबल नदी में पहुंचा है. क्योंकि साल 2015 में भी इस तरह का मामला सामने आया था जब बड़ी मात्रा में चंबल नदी में कोटा थर्मल पावर स्टेशन से रिसाव होकर काला क्रूड ऑयल नदी में फैल गया था. इसके बाद वन विभाग ने मामले को लेकर कोटा थर्मल पावर स्टेशन प्रशासन के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
चंबल नदी से लिए काला क्रूड ऑयल के सैंपल
चंबल नदी में दूषित काला क्रूड ऑयल के आने के बाद कोटा थर्मल प्रशासन वन विभाग की हिदायत के बाद हरकत में आया है. चंबल नदी के किनारों पर पहुंचकर कोटा थर्मल प्रशासन के इंजीनियरों की टीम ने पानी के सैंपल लिए हैं. कोटा थर्मल पावर स्टेशन के इंजीनियर संजय फौजदार ने बताया कि थर्मल पावर स्टेशन का रिसाव नहीं हुआ है. इधर वन विभाग भी सैंपल की जांच करवा रहा है. जांच के बाद ही मामले खुलासा हो पाएगा कि आखिर क्रूड ऑयल किस चीज का है और कहां से इसका रिसाव हो रहा है.