कोटा. कोविड-19 के लिहाज से नवंबर का महीना कोटा जिले में अब तक सबसे घातक बन कर सामने आया है. अप्रैल में जहां पहला केस डिटेक्ट हुआ था, तब कोविड-19 ने ज्यादा गति नहीं पकड़ी थी. उसके बाद अगस्त में 3680 और सितंबर में 3691 मरीजों की संख्या थी, लेकिन अक्टूबर में यह कम हो गई और अब नवंबर में एकदम से मरीजों की संख्या बढ़ गई है, जो कि कोटा जिले में रिकॉर्ड 1 महीने में सबसे ज्यादा सामने आने वाले मरीजों की संख्या है. पूरे नवंबर के महीने में 4522 मरीज सामने आए हैं.
इनमें से सरकारी आंकड़े के अनुसार 19 मरीजों की मौत भी हुई है. हालांकि अस्पताल में उपचार के दौरान ज्यादा लोगों की मौत हुई है. यह आंकड़ा सरकारी आंकड़े से 4 गुना ज्यादा है. दूसरी तरफ से रिकवरी रेट भी काफी कम हो गई है.
मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ विजय सरदाना ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि रिकवरी रेट अभी कम हुआ है, क्योंकि मरीज बढ़ गए हैं. अचानक से मरीज बढ़ जाने से रिकवरी रेट गिर जाता है. अब जो मरीज सामने आए हैं, उनको ठीक होने में टाइम लगेगा. इसके बाद रिकवरी का परसेंटेज वापस बढ़ जाएगा और लंबे अंतराल पर यह अच्छा रहता है.
निगम चुनाव और त्योहार का असर...
नवंबर महीने की बात की जाए तो शुरुआत में मरीज कम ही सामने आ रहे थे. पहले 15 दिनों की बात की जाए तो इसमें 1297 मरीज ही सामने आए, लेकिन 16 से 30 नवंबर के बीच में जब नगर निगम चुनाव और दिवाली के त्योहार का असर दिखने लगा तो, मरीजों की संख्या बढ़ गई और 3225 मरीज सामने आए. सरकारी आंकड़े के अनुसार 19 लोगों की मौत भी उपचार के दौरान नवंबर महीने में बताई गई है.
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10 दिनों में ही आ गए 2422 से ज्यादा मरीज...
नवंबर का महीना कोविड-19 के लिए कितना घातक रहा है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि नवंबर के 10 दिन ऐसे थे, जब 200 से भी ज्यादा हो मरीज रोज कोटा में मिले हैं. इन दस दिनों में 2422 मरीज आए हैं. जबकि बाकी 20 दिनों में 2100 मरीज मिले हैं.
इन 10 दिनों में मिले हैं 200 से ज्यादा मरीज रोज...
तारीख (नवंबर) | मरीज (संक्रमित) |
19 | 203 |
21 | 203 |
22 | 240 |
23 | 275 |
24 | 320 |
25 | 270 |
26 | 260 |
27 | 241 |
28 | 219 |
29 | 211 |
पहले से कम है ऑक्सीजन की रिक्वायरमेंट...
डॉ. सरदाना के अनुसार कोविड-19 के मरीजों के उपचार में जुटी टीम का मानना है कि इस दौरान आ रहे मरीजों की संख्या जरूर बढ़ गई है, लेकिन ऑक्सीजन की रिक्वायरमेंट काफी कम है. मरीजों में कोरोना संक्रमण की गंभीरता भी कम देखने को मिल रही है. हॉस्पिटल में मरीजों की संख्या 110 से बढ़कर 270 के आसपास जरूर पहुंच गई है, लेकिन यह बीते 1 सप्ताह से स्थिर बनी हुई है. अस्पताल में 265 से 270 के बीच में मरीज की बढ़ती है. लगातार नए मरीज आने के साथ डिस्चार्ज हो रहे हैं. अगस्त से सितंबर के महीने में जहां पर 200 से 240 के बीच मरीज ऑक्सीजन पर रहते थे, अब 150 मरीज हैं. उनमें भी ऑक्सीजन की मात्रा काफी कम है.
होम आइसोलेशन में भी बढ़ गए मरीज...
दूसरी तरफ अधिकांश मरीजों का घरों पर ही क्वॉरेंटाइन कर इलाज किया जा रहा है. हालांकि यह संख्या भी नवंबर महीने में बढ़ गई है. पहले जहां पर केवल 1000 मरीजों को ही होम आइसोलेशन में भेजा गया था, अब यह संख्या 1400 के आसपास है. होम आइसोलेशन में भी मरीजों की तबीयत बिगड़ने से उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाने की संख्या भी बढ़ी है. करीब 45 मरीजों की तबीयत बिगड़ने पर निजी और सरकारी अस्पताल में परिजनों और चिकित्सा टीम में भर्ती कराया है.
सर्दी का सितम बढ़ाएगा खतरा...
मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना का कहना है कि ठंडी टेंपरेचर में वायरस ज्यादा सरवाइव करता है सर्दी में लोग कमरे और खिड़कियां घरों की बंद करके रखते हैं समय नजदीक सरफेस में भी वायरस के फैलने की संभावना ज्यादा रहती है. सर्दी में वैसे भी वायरल डिजीज और कोविड-19 का संक्रमण बढ़ने की संभावना रहती है, इसीलिए राज्य सरकार ने ठंड के महीने को देखते हुए लॉकडाउन और कंटेंटमेंट जैसे सख्त नियम लागू कर दिए हैं. लोगों को सर्दी में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने की सख्त आवश्यकता है.
सबसे ज्यादा केस आए हैं नवम्बर में...
महीना | केस | मौत |
---|---|---|
अप्रैल | 197 | 08 |
मई | 269 | 13 |
जून | 209 | 06 |
जुलाई | 1008 | 09 |
अगस्त | 3680 | 39 |
सितंबर | 3691 | 26 |
अक्टूबर | 2003 | 15 |
नवंबर | 4522 | 19 |
फिलहाल के लिए सतर्कता और जागरुकता ही कोरोना से सुरक्षित रहने का सबसे बेहतरीन उपाय है. सरकार लगातार कोरोना गाइड लाइन का पालन करने की अपील कर रही है, ऐसे में मास्क लगाने, सैनिटाइजर इस्तेमाल करने और निश्चित शारीरिक दूरी बनाए रखने में ही भलाई है.