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दो विभागों के बीच अटका ब्रिज निर्माण का 'पेंच', 2 साल बाद भी जारी नहीं हुए 256 करोड़ - Rajasthan Hindi news

कोटा जिले के इटावा एरिया के गोठड़ा कला में चंबल नदी पर 2 साल पहले की गई ब्रिज (Bridge on chambal River in Kota) बनाने की घोषणा आज भी दो विभागों के बीच में अटकी हुई है. साल 2021 में इसकी डीपीआर राशि भी स्वीकृत की गई, लेकिन अब भी ब्रिज निर्माण के लिए 256 करोड़ रुपए की राशि का इंतजार है. पढ़िए ये रिपोर्ट...

Construction of Bridge on chambal River
गोठड़ा कला क्षेत्र में चंबल नदी पर पुल
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Published : Aug 8, 2023, 9:25 PM IST

गोठड़ा कला क्षेत्र में चंबल नदी पर पुल.

कोटा. राज्य सरकार ने साल 2021 के बजट में कोटा जिले के इटावा एरिया के गोठड़ा कला में ब्रिज बनाने की घोषणा की थी. इसके डीपीआर के लिए 30 लाख रुपए की स्वीकृति भी जारी की गई थी. निर्माण के बाद यह ब्रिज प्रदेश के सबसे लंबे ब्रिज में शुमार होने वाला है, हालांकि इस ब्रिज की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं हुई है. इसी के चलते यह दो विभागों के बीच में कशमकश के दौर में फंसा हुआ है.

256 करोड़ रुपए की राशि का इंतजार : वित्त विभाग के निर्देश पर सार्वजनिक निर्माण विभाग ने एनवायरमेंटल क्लीयरेंस के लिए आवेदन किया है, लेकिन वन्य जीव विभाग में प्रक्रिया अटकी हुई है. वन्य जीव विभाग ने प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति (A&F) की मांग की है. साथ ही विभाग ने ब्रिज के एनवायरमेंटल क्लीयरेंस (EC) लेकर आने को कहा है, इसके बाद ही इसकी प्रशासनिक विधि जारी की जाएगी. इसके चलते ही ब्रिज निर्माण के पहले होने वाली कागजी प्रक्रिया थम गई है. सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी विभाग को यह जानकारी भी दे चुके हैं. इस ब्रिज निर्माण के लिए 256 करोड़ रुपए की राशि का इंतजार है.

Construction of Bridge on chambal River
जानें ब्रिज की खासियत

पढ़ें. SPECIAL : हाईवे का फ्लाईओवर बना NHAI और सेना के बीच बना रार का मुद्दा, 5 सालों से आवागमन है बंद

साल 2021 के बजट में हुई थी घोषणा : सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता राजेश कुमार सोनी का कहना है कि स्टेट हाईवे 120 पर गोठड़ा कला पर चंबल नदी पर हाई लेवल ब्रिज निर्माण की घोषणा साल 2021 के बजट में की गई थी. इस हाई लेवल ब्रिज की डीपीआर के लिए 30 लाख रुपए 3 मई 2021 को स्वीकृत किए गए थे. यह ब्रिज बूंदी जिले के इंद्रगढ़ से कोटा जिले की चंबल ढिबरी, राजोपा, इटावा, शहनावदा से ललितपुर जा रहे स्टेट हाईवे पर बनना है. इसकी डीपीआर बनकर तैयार हो गई है. इसके तहत इस ब्रिज का निर्माण 256 करोड़ रुपए की लागत से कोटा जिले में चंबल डीपरी से बूंदी जिले के चांणदा खुर्द के बीच में होगा.

Construction of Bridge on chambal River
कुछ ऐसा होगा ब्रिज

13 की मौत के बाद ब्रिज का फैसला : इटावा इलाके के गोठड़ा कला से 16 सितंबर 2020 को नाव में सवार होकर बूंदी के कमलेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्ति जा रहे थे. एक नाव में 36 से ज्यादा लोग सवार थे. इसमें बड़ी संख्या में दो पहिया वाहन भी थे. यह नाव चंबल नदी के बीच में जाकर पलट गई थी, जिसके चलते नाव सवार लोग डूब गए थे. इनमें बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और पुरुष भी शामिल थे. कुल 13 लोगों की मौत हुई थी. इस हादसे से सबक लेते हुए सरकार ने यहां पर ब्रिज बनाने की घोषणा साल 2021 के बजट में की थी.

पढ़ें. Special: राजस्थान के पहले रोटरी फ्लाईओवर पर चढ़ने से कतरा रहे लोग, दावे से उलट है हकीकत

46 पिलर पर 1800 मीटर लंबा ब्रिज : पीडब्ल्यूडी खंड इटावा के अधिशासी अभियंता मुकेश मीणा के अनुसार इस पुल के निर्माण के दौरान 46 पिलर खड़े किए जाएंगे, जिसमें दोनों तरफ दो एबेटमेंट भी होंगे. ये पिलर बूंदी और कोटा की तरफ पुल की शुरुआत में बनेंगे. इन 46 पिलर पर 45 स्पान होंगे. हर पिलर के बीच जो स्पान रखे जाएंगे, वे 40 मीटर लंबे होंगे. वहीं, 16 वेल फाउंडेशन होंगे. यह नदी के बहाव क्षेत्र में खड़े किए जाएंगे. इसके अलावा 30 पाइल फाउंडेशन होंगे, जो मिट्टी और चट्टानों पर बनते हैं, जिनमें दो एबेटमेंट शामिल हैं. ब्रिज की ऊंचाई भी 40 मीटर रखी गई है. दावा है कि यह ब्रिज बनने के बाद देश का दूसरा सबसे लंबा ब्रिज बनेगा. इससे पहले झरेल के बालाजी में भी 1880 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण चल रहा है.

Construction of Bridge on chambal River
चंबल नदी पर बन रहा ब्रिज

गैंता माखीदा की जगह इस ब्रिज से गुजरेंगे लोग : एक्सईएन इटावा मुकेश मीणा का कहना है कि ब्रिज निर्माण के लिए 2 साल का समय निश्चित किया गया है. स्वीकृति मिलने के बाद टेंडर जारी होंगे, जिसके बाद निर्माण शुरू होगा. ब्रिज निर्माण के बाद गैंता माखीदा ब्रिज से निकलने वाला पूरा ट्रैफिक इस पर डायवर्ट हो जाएगा. इससे कोटा जिले के इटावा और बारां जिले के लोग के साथ-साथ मध्य प्रदेश के लाखों लोग भी लाभान्वित होंगे. इस रास्ते के बाद बूंदी जिले के इंद्रगढ़ से उनियारा होते हुए जयपुर की तरफ लोग जा सकेंगे, जिससे जयपुर की दूरी भी कम हो जाएगी. डीपीआर के अनुसार 1800 मीटर लंबा होगा. ऐसे में वर्तमान में सबसे लंबा ब्रिज गैंता माखीदा 1652 मीटर है, लेकिन चंबल नदी पर ही खातौली के नजदीक झरेल के बालाजी ब्रिज का निर्माण हो रहा है. यह 1880 लम्बा है. ऐसे में गोठड़ा कला ब्रिज प्रदेश में दूसरा बड़ा ब्रिज होगा.

गोठड़ा कला क्षेत्र में चंबल नदी पर पुल.

कोटा. राज्य सरकार ने साल 2021 के बजट में कोटा जिले के इटावा एरिया के गोठड़ा कला में ब्रिज बनाने की घोषणा की थी. इसके डीपीआर के लिए 30 लाख रुपए की स्वीकृति भी जारी की गई थी. निर्माण के बाद यह ब्रिज प्रदेश के सबसे लंबे ब्रिज में शुमार होने वाला है, हालांकि इस ब्रिज की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं हुई है. इसी के चलते यह दो विभागों के बीच में कशमकश के दौर में फंसा हुआ है.

256 करोड़ रुपए की राशि का इंतजार : वित्त विभाग के निर्देश पर सार्वजनिक निर्माण विभाग ने एनवायरमेंटल क्लीयरेंस के लिए आवेदन किया है, लेकिन वन्य जीव विभाग में प्रक्रिया अटकी हुई है. वन्य जीव विभाग ने प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति (A&F) की मांग की है. साथ ही विभाग ने ब्रिज के एनवायरमेंटल क्लीयरेंस (EC) लेकर आने को कहा है, इसके बाद ही इसकी प्रशासनिक विधि जारी की जाएगी. इसके चलते ही ब्रिज निर्माण के पहले होने वाली कागजी प्रक्रिया थम गई है. सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी विभाग को यह जानकारी भी दे चुके हैं. इस ब्रिज निर्माण के लिए 256 करोड़ रुपए की राशि का इंतजार है.

Construction of Bridge on chambal River
जानें ब्रिज की खासियत

पढ़ें. SPECIAL : हाईवे का फ्लाईओवर बना NHAI और सेना के बीच बना रार का मुद्दा, 5 सालों से आवागमन है बंद

साल 2021 के बजट में हुई थी घोषणा : सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता राजेश कुमार सोनी का कहना है कि स्टेट हाईवे 120 पर गोठड़ा कला पर चंबल नदी पर हाई लेवल ब्रिज निर्माण की घोषणा साल 2021 के बजट में की गई थी. इस हाई लेवल ब्रिज की डीपीआर के लिए 30 लाख रुपए 3 मई 2021 को स्वीकृत किए गए थे. यह ब्रिज बूंदी जिले के इंद्रगढ़ से कोटा जिले की चंबल ढिबरी, राजोपा, इटावा, शहनावदा से ललितपुर जा रहे स्टेट हाईवे पर बनना है. इसकी डीपीआर बनकर तैयार हो गई है. इसके तहत इस ब्रिज का निर्माण 256 करोड़ रुपए की लागत से कोटा जिले में चंबल डीपरी से बूंदी जिले के चांणदा खुर्द के बीच में होगा.

Construction of Bridge on chambal River
कुछ ऐसा होगा ब्रिज

13 की मौत के बाद ब्रिज का फैसला : इटावा इलाके के गोठड़ा कला से 16 सितंबर 2020 को नाव में सवार होकर बूंदी के कमलेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्ति जा रहे थे. एक नाव में 36 से ज्यादा लोग सवार थे. इसमें बड़ी संख्या में दो पहिया वाहन भी थे. यह नाव चंबल नदी के बीच में जाकर पलट गई थी, जिसके चलते नाव सवार लोग डूब गए थे. इनमें बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और पुरुष भी शामिल थे. कुल 13 लोगों की मौत हुई थी. इस हादसे से सबक लेते हुए सरकार ने यहां पर ब्रिज बनाने की घोषणा साल 2021 के बजट में की थी.

पढ़ें. Special: राजस्थान के पहले रोटरी फ्लाईओवर पर चढ़ने से कतरा रहे लोग, दावे से उलट है हकीकत

46 पिलर पर 1800 मीटर लंबा ब्रिज : पीडब्ल्यूडी खंड इटावा के अधिशासी अभियंता मुकेश मीणा के अनुसार इस पुल के निर्माण के दौरान 46 पिलर खड़े किए जाएंगे, जिसमें दोनों तरफ दो एबेटमेंट भी होंगे. ये पिलर बूंदी और कोटा की तरफ पुल की शुरुआत में बनेंगे. इन 46 पिलर पर 45 स्पान होंगे. हर पिलर के बीच जो स्पान रखे जाएंगे, वे 40 मीटर लंबे होंगे. वहीं, 16 वेल फाउंडेशन होंगे. यह नदी के बहाव क्षेत्र में खड़े किए जाएंगे. इसके अलावा 30 पाइल फाउंडेशन होंगे, जो मिट्टी और चट्टानों पर बनते हैं, जिनमें दो एबेटमेंट शामिल हैं. ब्रिज की ऊंचाई भी 40 मीटर रखी गई है. दावा है कि यह ब्रिज बनने के बाद देश का दूसरा सबसे लंबा ब्रिज बनेगा. इससे पहले झरेल के बालाजी में भी 1880 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण चल रहा है.

Construction of Bridge on chambal River
चंबल नदी पर बन रहा ब्रिज

गैंता माखीदा की जगह इस ब्रिज से गुजरेंगे लोग : एक्सईएन इटावा मुकेश मीणा का कहना है कि ब्रिज निर्माण के लिए 2 साल का समय निश्चित किया गया है. स्वीकृति मिलने के बाद टेंडर जारी होंगे, जिसके बाद निर्माण शुरू होगा. ब्रिज निर्माण के बाद गैंता माखीदा ब्रिज से निकलने वाला पूरा ट्रैफिक इस पर डायवर्ट हो जाएगा. इससे कोटा जिले के इटावा और बारां जिले के लोग के साथ-साथ मध्य प्रदेश के लाखों लोग भी लाभान्वित होंगे. इस रास्ते के बाद बूंदी जिले के इंद्रगढ़ से उनियारा होते हुए जयपुर की तरफ लोग जा सकेंगे, जिससे जयपुर की दूरी भी कम हो जाएगी. डीपीआर के अनुसार 1800 मीटर लंबा होगा. ऐसे में वर्तमान में सबसे लंबा ब्रिज गैंता माखीदा 1652 मीटर है, लेकिन चंबल नदी पर ही खातौली के नजदीक झरेल के बालाजी ब्रिज का निर्माण हो रहा है. यह 1880 लम्बा है. ऐसे में गोठड़ा कला ब्रिज प्रदेश में दूसरा बड़ा ब्रिज होगा.

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