रामगंजमंडी (कोटा). जिले के रामगंजमंडी उपखंड के कई निजी विद्यालयों में 10 महीने बाद शिक्षा के मंदिर गुलजार हुए. राज्य सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक कोचिंग, कॉलेज और स्कूल खुले. पेरेंट्स की लिखित अनुमति के बाद स्टूडेंट्स को स्कूल में प्रवेश दिया गया.
इस दौरान स्कूलों और कोचिंग संस्थानों में गेट पर ही थर्मल स्क्रीनिंग कर स्टूडेंट्स का टेंपरेचर नापा गया. वहीं, क्लास रूम में भी बच्चों को दूर-दूर बैठाया गया. पहले दिन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या में कमी देखने को मिली. वहीं, स्कूल की व्यवस्था देखने बच्चों के परिजन भी साथ पहुंचे.
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गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के बीच स्कूल खुलने से पेरेंट्स के मन में डर है. वहीं, स्टूडेंट्स के चेहरों पर भी डर नजर आया. स्टूडेंट्स कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मास्क लगाकर पहुंचे. हालांकि, लंबे समय के बाद स्कूल आने और दोस्तों से मिलने से बच्चों में खुशी भी नजर आ आई.
बता दें कि शिक्षा विभाग ने कक्षाओं में क्षमता से आधे विद्यार्थी बैठाने के आदेश दिया है. साथ ही विद्यार्थियों को अभिभावकों की लिखित अनुमति भी लानी होगी. स्कूल आने के लिए विद्यार्थियों पर दबाव नहीं डाला जाएगा. वहीं, शिक्षण संस्थानों की ओर से कोविड गाइडलाइंस की पूरी तरह से पालना की जा रही है. एंटी पॉइंट पर विद्यार्थियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई और फिर उन्हें अंदर प्रवेश दिया गया.
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कोचिंग संस्थानों में भी सैनिटाइजेशन की व्यवस्था की गई. साथ ही कोविड जागरूकता के लिए पोस्टर और स्लोगन लगाए गए है. क्लास रूम में स्टूडेंट के बैठने के लिए मार्किंग की गई है. विद्यार्थियों को दूर-दूर बैठाया गया.