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कोटा में सिटी बसों की हालत खराब, कई बसें तो ऐसी जिनके चारों पहिए गायब

कोटा शहर में अब सिटी बसों की व्यवस्था धीरे-धीरे गड़बड़ाने लगी है. पहले ही 34 में से 24 बसें ही शहर की सड़कों पर दौड़ रही हैं. अब इनमें से लगातार और बसें खराब होती जा रही हैं और नगर निगम से भुगतान नहीं मिलने पर अनुबंधित फर्म उनका मेंटेनेंस नहीं करवा पा रही है.

कोटा में सिटी बसों की हालत खराब
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Published : Jul 4, 2019, 9:00 PM IST

कोटा. शहर की सिटी बसों की हालत अब खस्ताहाल हो गई है. सभी बसें सड़क पर नहीं चलने के कारण लोगों को फायदा नहीं मिल पा रहा है. आर्या ट्रांस सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को शहर में निजी व संचालन का जिम्मा है, लेकिन भुगतान नहीं मिलने के चलते बस ऑपरेटर कंपनी ने बसों को खड़ा करना शुरू कर दिया है. पहले ही 34 में से 24 बसें शहर की सड़कों पर चल रही है.

कोटा में सिटी बसों की हालत खराब

अब इनमें से भी बसें धीरे-धीरे कम होती जा रही हैं. हालात यह है कि कुन्हाड़ी डिपो पर खड़ी हुई कई बस ऐसी है, जिनके चारों पहिए ही गायब है. उनका मेंटेनेंस रिपेयरिंग भी बस कंपनी नहीं करवा पा रही है. बस कंपनी भुगतान नहीं मिलने का हवाला देकर नगर निगम पर जिम्मेदारी डाल रही है और नगर निगम के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं.

महापौर महेश विजय का कहना है कि इसके लिए जिम्मेदार नगर निगम के अधिकारी हैं. उनको पहले भी कई बार अवगत कराया जा चुका है. अधिकारियों को चाहिए कि लगातार बसों की मॉनिटरिंग करें और बस खराब होने पर उसे तत्काल दुरुस्त कराया जाए. तभी नगरीय परिवहन सेवा का फायदा लोगों को मिल सकेगा.

कोटा. शहर की सिटी बसों की हालत अब खस्ताहाल हो गई है. सभी बसें सड़क पर नहीं चलने के कारण लोगों को फायदा नहीं मिल पा रहा है. आर्या ट्रांस सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को शहर में निजी व संचालन का जिम्मा है, लेकिन भुगतान नहीं मिलने के चलते बस ऑपरेटर कंपनी ने बसों को खड़ा करना शुरू कर दिया है. पहले ही 34 में से 24 बसें शहर की सड़कों पर चल रही है.

कोटा में सिटी बसों की हालत खराब

अब इनमें से भी बसें धीरे-धीरे कम होती जा रही हैं. हालात यह है कि कुन्हाड़ी डिपो पर खड़ी हुई कई बस ऐसी है, जिनके चारों पहिए ही गायब है. उनका मेंटेनेंस रिपेयरिंग भी बस कंपनी नहीं करवा पा रही है. बस कंपनी भुगतान नहीं मिलने का हवाला देकर नगर निगम पर जिम्मेदारी डाल रही है और नगर निगम के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं.

महापौर महेश विजय का कहना है कि इसके लिए जिम्मेदार नगर निगम के अधिकारी हैं. उनको पहले भी कई बार अवगत कराया जा चुका है. अधिकारियों को चाहिए कि लगातार बसों की मॉनिटरिंग करें और बस खराब होने पर उसे तत्काल दुरुस्त कराया जाए. तभी नगरीय परिवहन सेवा का फायदा लोगों को मिल सकेगा.

Intro:पहले ही 34 में से 24 बसें ही शहर सड़कों पर दौड़ रही थी, अब इनमें से लगातार बसें खराब होती जा रही है और नगर निगम से भुगतान नहीं मिलने पर अनुबंधित फर्म उनका मेंटेनेंस नहीं करवा रही है.


Body:कोटा.
कोटा शहर की सिटी बस की हालत पूरी तरह से खस्ताहाल हो गई है. लोगों को पूरी बसें सड़क पर नहीं चलने के कारण फायदा नहीं मिल पा रहा है. आर्या ट्रांस सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को शहर में निजी व संचालन का जिम्मा है, लेकिन भुगतान नहीं मिलने के चलते बस ऑपरेटर कंपनी ने बसों को खड़ा करना शुरू कर दिया है. पहले ही 34 में से 24 बसें शहर की सड़कों पर चल रही थी. अब इनमें से भी बसें धीरे-धीरे कम होती जा रही है, हालात यह है कुन्हाड़ी डिपो पर खड़ी हुई कई बस ऐसी है जिनके चारों पहिए गायब है. उनका मेंटेनेंस रिपेयर भी बस कंपनी नहीं करवा पा रही है. बस कंपनी भुगतान नहीं मिलने का हवाला देकर नगर निगम पर जिम्मेदारी डाल रहा है और नगर निगम के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं.


Conclusion:महापौर महेश विजय का कहना है कि इसके लिए जिम्मेदार नगर निगम के अधिकारी हैं. उनको पहले भी कई बार अवगत कराया जा चुका है. अधिकारियों को चाहिए कि लगातार बसों की मॉनिटरिंग करें और बस खराब होने पर उसे तत्काल दुरुस्त कराया जाए, तभी नगरीय परिवहन सेवा का फायदा लोगों को मिलेगा.

बाइट-- महेश विजय, महापौर, कोटा
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