कोटा. शहर की सिटी बसों की हालत अब खस्ताहाल हो गई है. सभी बसें सड़क पर नहीं चलने के कारण लोगों को फायदा नहीं मिल पा रहा है. आर्या ट्रांस सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को शहर में निजी व संचालन का जिम्मा है, लेकिन भुगतान नहीं मिलने के चलते बस ऑपरेटर कंपनी ने बसों को खड़ा करना शुरू कर दिया है. पहले ही 34 में से 24 बसें शहर की सड़कों पर चल रही है.
अब इनमें से भी बसें धीरे-धीरे कम होती जा रही हैं. हालात यह है कि कुन्हाड़ी डिपो पर खड़ी हुई कई बस ऐसी है, जिनके चारों पहिए ही गायब है. उनका मेंटेनेंस रिपेयरिंग भी बस कंपनी नहीं करवा पा रही है. बस कंपनी भुगतान नहीं मिलने का हवाला देकर नगर निगम पर जिम्मेदारी डाल रही है और नगर निगम के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं.
महापौर महेश विजय का कहना है कि इसके लिए जिम्मेदार नगर निगम के अधिकारी हैं. उनको पहले भी कई बार अवगत कराया जा चुका है. अधिकारियों को चाहिए कि लगातार बसों की मॉनिटरिंग करें और बस खराब होने पर उसे तत्काल दुरुस्त कराया जाए. तभी नगरीय परिवहन सेवा का फायदा लोगों को मिल सकेगा.