कोटा. कोरोना संक्रमण के चलते 2020 और 2021 में हुई परिजनों की मौत से बेसहारा हुए बच्चों के संरक्षण के लिए बाल कल्याण अधिकारिता विभाग सामने आया है. जिसमें 18 वर्ष तक की आयु वाले बच्चों को पढ़ाई लिखाई से लेकर सभी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए आज महत्वपूर्ण बैठक की गई.
सहायक निदेशक रामराज मीना ने बताया कि उपनिदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ओमप्रकाश तोषनीवाल, समाजिक सुरक्षा अधिकारी अर्पित जैन, जिला बाल संरक्षण ईकाई कोटा के संरक्षण अधिकारी दिनेश शर्मा, ओडब्लयू संजय मेहरा, चाइल्डलाइन शहर समन्वयक कल्पना प्रजापति, रेखा शक्य के साथ कोरोना काल के दौरान हुए अनाथ बच्चों को सहारा देने के लिए बैठक का आयोजन किया गया. जिसके अन्तर्गत कोरोना महामारी (कोविड -19) संक्रमण के कारण ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता या संरक्षक की मृत्यु (1 अप्रैल 2020 से आज दिनांक तक) हो गई है.
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ऐसे बच्चे जिनके माता या पिता में से किसी एक पक्ष की मृत्यु तो पहले से ही चुकी थी और दूसरे पक्ष की मृत्यु कोविड-19 की अवधि में हुई है. ऐसे अनाथ , बेसहारा और विशेष संरक्षण की आवश्यकता वाले परिवार और बच्चों का विवरण बाल अधिकारिता विभाग जिला बाल संरक्षण ईकाई कोटा को अवश्य सूचना देने का श्रम करे. ताकि ऐसे बच्चों को सामाजिक न्याय, बाल अधिकारिता एवं सरकार की अन्य विभागों की योजनाओं में आवस, पालनहार आदि योजनाओं से जोड़कर उनका संरक्षण किया जा सके.
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