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जीना हुआ दुश्वार: सीमेंट फैक्ट्री से उड़ती धूल लोगों को मौत के मुंह में धकेल रही, कोई सुनने वाला नहीं

कोटा में एक सीमेंट फैक्ट्री से उड़ने वाली सीमेंट डस्ट लोगों को मौत के मुंह में धकेल रही है. यहां सीमेट का डस्ट लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है. हालत ये है कि धूल के प्रभाव में आने से लोग सांस, आंख और त्वचा रोग की चपेट में आ रहे हैं. आलम ये है कि गांव में इंसान ही नहीं जानवर तक इसकी भेंट चढ़ रहे हैं. प्रशासन की अनदेखी के चलते कोटा के चौसला गांव के लोग नारकीय जीवन जी रहे हैं. देखिए कोटा से स्पेशल रिपोर्ट...

Cement dust kota,  cement factory kota
सीमेंट फैक्ट्री से उड़ती धूल लोगों को मौत के मुंह में धकेल रही
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Published : Mar 6, 2020, 8:20 PM IST

Updated : Mar 6, 2020, 9:51 PM IST

रामगंजमंडी (कोटा). कोटा की ग्राम पंचायत हिरियाखेड़ी के चौसला गांव में 125 परिवार का बसेरा है. लेकिन सीमेंट फैक्ट्री का उड़ती धूल इनकी जिंदगी में अंधेरा ला रहा है. इस समस्या से रोजाना सामना कर रहे परिवारों के पास ईटीवी भारत पहुंचा और जब ग्राउंड पर जाकर सर्वे किया तो पाया कि गांव में सीमेंट फैक्ट्री से उड़ाने वाली डस्ट से अधिकांश परिवार को सांस लेने में परेशानी हो रही है.

सीमेंट फैक्ट्री से उड़ती धूल लोगों को मौत के मुंह में धकेल रही (पार्ट-1)

गांव में इस बीमारी का शिकार बड़े तो दूर बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे है. अधिकांश लोग सांस और टीबी रोग से ग्रसित होकर नारकीय जिंदगी जीने को मजबूर है. गांव में इंसान ही नहीं जानवर तक मर रहे है अगर इस लिस्ट पर नजर डाले तो कई नाम सामने आएंगे, जो इस धूल के कारण गंभीर रोग से ग्रस्त है...

सीमेंट फैक्ट्री से उड़ती धूल लोगों को मौत के मुंह में धकेल रही (पार्ट-2)
  • रमेश s/o रामचन्द्र बागरी, श्वास व क्षय रोग से ग्रसित
  • श्यामलाल s/o मांगीलाल भील, श्वास रोग से ग्रसित
  • भंवरलाल s/o मोहनदास बैरागी, कैंसर पीड़ित
  • छीतरलाल s/o कंवरलाल मीणा, श्वास रोग से ग्रसित
  • ध्रुव s/o नंदलाल मीणा, थैलीसीमिया से ग्रसित
  • कैलाश s/p भेरू दास बैरागी, श्वास व क्षय रोग से ग्रसित
  • संजूबाई w/o राधे श्याम नागर, पेट रोग से ग्रसित
  • मोडू s/o चंपालाल मेघवाल, श्वास व क्षय रोग से ग्रसित
  • रतनलाल s/o भवाना मेघवाल, श्वास व क्षय रोग से ग्रसित
  • गोविंद s/o लक्ष्मीनारायण बैरागी, पेट रोग से ग्रसित होकर ऑपरेशन करवाया
  • बजरंग s/o देवीलाल मेहर, किडनी रोग से ग्रसित होकर ऑपरेशन करवाया
  • कौशल्याबाई w/o कैलाश, टीबी से ग्रसित

खतरनाक बीमारियों से लड़ते ग्रामीण

गांव में 120 परिवार में तकरीबन 25 मरीज तो गंभीर बीमारियों से ग्रसित जीवन जी रहे हैं. कई ग्रामवासी ऐसी खतरनाक बीमारियों से लड़ते भी नजर आए. कई किसानों व महिलाओं को अधिकांश श्वास व टीवी रोग से ग्रसित होकर नारकीय जिंदगी जीने को मजबूर होना पड़ रहा है. यहां डस्ट का ये हाल है कि खाने पीने की सामग्री में तक में आ जाती है. इतना ही नहीं इस डस्ट से आस पास के किसान भी अपनी फसल को लेकर चिंतित है. वहीं प्रशासन की मिलीभगत गांव को वाशिंदों को नारकीय जिंदगी जीना पड़ रहा है. सीमेंट फैक्ट्री से उड़ने वाली डस्ट गांव के वाशिन्दों की जिंदगियां पर भारी पड़ रही है.

Cement dust, kota cement factory
खाने तक में आ रही सीमेंट की धूल

पढ़ें: कोटा : मांगों को लेकर सीमेंट फैक्ट्री के रेलवे ट्रैक पर ग्रामीणों का धरना, वार्ता के बाद माने लोग

कई बार प्रशासन को बताया लेकिन कोई असर नहीं

ईटीवी भारत से बात करते हुए ग्रामीणों ने बताया कि कई बार प्रशासन को लिखित में अवगत करवाया. लेकिन किसानों का कहना है कि प्रशासन की फैक्ट्री से मिलीभगत किसानों की सुनने वाला कोई नहीं है. इस बीमारी का शिकार बड़े तो दूर, बच्चे भी इस बीमारी की गिरफ्त में आने लगे है. गांव में पांच साल के नवीन मीणा को भी इस गंभीर बीमारी से गुजरना पड़ रहा है. लेकिन प्रशासन की ओर से ना तो यह पॉल्यूशन विभाग की टीम को भेज गया और ना ही चिकित्सा टीम ने यहां का सर्वे कर मरीजों की सार संभाल की.

Cement dust, kota cement factory
खेती पर भी पड़ रहा बुरा असर

सीमेंट कंपनी का 2011-12 में चौसला गांव समीप एमजीयू प्लांट लगा

वहीं ग्रामीणों का कहना है कि सीमेंट कंपनी का 2011-12 में चौसला गांव समीप एमजीयू प्लांट लगा था. उससे उड़ने वाली धूल के कारण अत्यधिक वायु प्रदूषण हुआ है. वहीं पशु पक्षी व मानव में भी तेजगति से कुपोषण बढ़ता जा रहा है. इसके लिए सरकार और प्रशासन को ग्रामवासियों ने कई बार पूर्व में भी लिखित रूप से अवगत कराया परंतु ग्रामवासियों की पीड़ा व समस्या को ध्यान में रखते हुए किसी ने आज तक नहीं सुनी. वहीं प्रदूषण के कारण आए दिन गंभीर बीमारियां फैल रही है. यहां की उड़ने वाली धूल से किसान भी परेशान है. वहीं अपने खेतों में फसलें बस सब्जियां तक पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है.

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पेड़ों पर पसरी धूल

पढ़ें: अफीम का 'खेल': गेहूं की फसल के बीच पक रहा था 'काला सोना', अधिकारियों की पड़ी नजर तो रह गए दंग

उपखंड अधिकारी ने ईटीवी भारत से कही ये बात

इस मुद्दे पर उपखंड अधिकारी चिमनलाल मीणा से बात की तो उन्होंने बताया कि चौसला गांव निवासियों ने लिखित में शिकायत दी थी, हमारी संज्ञान में मामला आया है, हमने उच्च अधिकारियों को इस मामले से अवगत कराने के लिए पत्र लिखा है और कंपनी द्वारा हो रही पॉल्यूशन के लिए भी कोटा पॉल्यूशन बोर्ड को चेक करने के लिए निर्देश निर्देशित किया है.

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सीमेंट फैक्ट्री से उड़ती धूल

रामगंजमंडी (कोटा). कोटा की ग्राम पंचायत हिरियाखेड़ी के चौसला गांव में 125 परिवार का बसेरा है. लेकिन सीमेंट फैक्ट्री का उड़ती धूल इनकी जिंदगी में अंधेरा ला रहा है. इस समस्या से रोजाना सामना कर रहे परिवारों के पास ईटीवी भारत पहुंचा और जब ग्राउंड पर जाकर सर्वे किया तो पाया कि गांव में सीमेंट फैक्ट्री से उड़ाने वाली डस्ट से अधिकांश परिवार को सांस लेने में परेशानी हो रही है.

सीमेंट फैक्ट्री से उड़ती धूल लोगों को मौत के मुंह में धकेल रही (पार्ट-1)

गांव में इस बीमारी का शिकार बड़े तो दूर बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे है. अधिकांश लोग सांस और टीबी रोग से ग्रसित होकर नारकीय जिंदगी जीने को मजबूर है. गांव में इंसान ही नहीं जानवर तक मर रहे है अगर इस लिस्ट पर नजर डाले तो कई नाम सामने आएंगे, जो इस धूल के कारण गंभीर रोग से ग्रस्त है...

सीमेंट फैक्ट्री से उड़ती धूल लोगों को मौत के मुंह में धकेल रही (पार्ट-2)
  • रमेश s/o रामचन्द्र बागरी, श्वास व क्षय रोग से ग्रसित
  • श्यामलाल s/o मांगीलाल भील, श्वास रोग से ग्रसित
  • भंवरलाल s/o मोहनदास बैरागी, कैंसर पीड़ित
  • छीतरलाल s/o कंवरलाल मीणा, श्वास रोग से ग्रसित
  • ध्रुव s/o नंदलाल मीणा, थैलीसीमिया से ग्रसित
  • कैलाश s/p भेरू दास बैरागी, श्वास व क्षय रोग से ग्रसित
  • संजूबाई w/o राधे श्याम नागर, पेट रोग से ग्रसित
  • मोडू s/o चंपालाल मेघवाल, श्वास व क्षय रोग से ग्रसित
  • रतनलाल s/o भवाना मेघवाल, श्वास व क्षय रोग से ग्रसित
  • गोविंद s/o लक्ष्मीनारायण बैरागी, पेट रोग से ग्रसित होकर ऑपरेशन करवाया
  • बजरंग s/o देवीलाल मेहर, किडनी रोग से ग्रसित होकर ऑपरेशन करवाया
  • कौशल्याबाई w/o कैलाश, टीबी से ग्रसित

खतरनाक बीमारियों से लड़ते ग्रामीण

गांव में 120 परिवार में तकरीबन 25 मरीज तो गंभीर बीमारियों से ग्रसित जीवन जी रहे हैं. कई ग्रामवासी ऐसी खतरनाक बीमारियों से लड़ते भी नजर आए. कई किसानों व महिलाओं को अधिकांश श्वास व टीवी रोग से ग्रसित होकर नारकीय जिंदगी जीने को मजबूर होना पड़ रहा है. यहां डस्ट का ये हाल है कि खाने पीने की सामग्री में तक में आ जाती है. इतना ही नहीं इस डस्ट से आस पास के किसान भी अपनी फसल को लेकर चिंतित है. वहीं प्रशासन की मिलीभगत गांव को वाशिंदों को नारकीय जिंदगी जीना पड़ रहा है. सीमेंट फैक्ट्री से उड़ने वाली डस्ट गांव के वाशिन्दों की जिंदगियां पर भारी पड़ रही है.

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खाने तक में आ रही सीमेंट की धूल

पढ़ें: कोटा : मांगों को लेकर सीमेंट फैक्ट्री के रेलवे ट्रैक पर ग्रामीणों का धरना, वार्ता के बाद माने लोग

कई बार प्रशासन को बताया लेकिन कोई असर नहीं

ईटीवी भारत से बात करते हुए ग्रामीणों ने बताया कि कई बार प्रशासन को लिखित में अवगत करवाया. लेकिन किसानों का कहना है कि प्रशासन की फैक्ट्री से मिलीभगत किसानों की सुनने वाला कोई नहीं है. इस बीमारी का शिकार बड़े तो दूर, बच्चे भी इस बीमारी की गिरफ्त में आने लगे है. गांव में पांच साल के नवीन मीणा को भी इस गंभीर बीमारी से गुजरना पड़ रहा है. लेकिन प्रशासन की ओर से ना तो यह पॉल्यूशन विभाग की टीम को भेज गया और ना ही चिकित्सा टीम ने यहां का सर्वे कर मरीजों की सार संभाल की.

Cement dust, kota cement factory
खेती पर भी पड़ रहा बुरा असर

सीमेंट कंपनी का 2011-12 में चौसला गांव समीप एमजीयू प्लांट लगा

वहीं ग्रामीणों का कहना है कि सीमेंट कंपनी का 2011-12 में चौसला गांव समीप एमजीयू प्लांट लगा था. उससे उड़ने वाली धूल के कारण अत्यधिक वायु प्रदूषण हुआ है. वहीं पशु पक्षी व मानव में भी तेजगति से कुपोषण बढ़ता जा रहा है. इसके लिए सरकार और प्रशासन को ग्रामवासियों ने कई बार पूर्व में भी लिखित रूप से अवगत कराया परंतु ग्रामवासियों की पीड़ा व समस्या को ध्यान में रखते हुए किसी ने आज तक नहीं सुनी. वहीं प्रदूषण के कारण आए दिन गंभीर बीमारियां फैल रही है. यहां की उड़ने वाली धूल से किसान भी परेशान है. वहीं अपने खेतों में फसलें बस सब्जियां तक पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है.

Cement dust, kota cement factory
पेड़ों पर पसरी धूल

पढ़ें: अफीम का 'खेल': गेहूं की फसल के बीच पक रहा था 'काला सोना', अधिकारियों की पड़ी नजर तो रह गए दंग

उपखंड अधिकारी ने ईटीवी भारत से कही ये बात

इस मुद्दे पर उपखंड अधिकारी चिमनलाल मीणा से बात की तो उन्होंने बताया कि चौसला गांव निवासियों ने लिखित में शिकायत दी थी, हमारी संज्ञान में मामला आया है, हमने उच्च अधिकारियों को इस मामले से अवगत कराने के लिए पत्र लिखा है और कंपनी द्वारा हो रही पॉल्यूशन के लिए भी कोटा पॉल्यूशन बोर्ड को चेक करने के लिए निर्देश निर्देशित किया है.

Cement dust, kota cement factory
सीमेंट फैक्ट्री से उड़ती धूल
Last Updated : Mar 6, 2020, 9:51 PM IST
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