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कोटा: कनवास एसडीएम की कृषि अवशेष जलाने वाले किसान पर कार्रवाई, 2500 रुपए का वसूला जुर्माना

कनवास SDM और तहसीलदार सुरेन्द्र शर्मा ने आंवा गांव में कोरोना गाइडलाइन की पालना हेतु गश्त के दौरान आवां निवासी छोटूलाल को अपने खेत में कृषि अवशेष नष्ट करनें के लिए फसल अवशिष्ट जलाते देखा. जिसपर एसडीएम ने उक्त घटना को गंभीरता से लेते हुए मौके पर उसे पकड़ लिया. जिसके बाद उसपर राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण के पत्र क्रंमाक 849 दिनांक 4/1/16 की पालना में उक्त किसानों को प्रशासन की तरफ से जुर्माने हेतु 2500 रुपए जमा करवाने के आदेश दिए हैं.

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कृषि अवशेष जलाने वाले किसान पर कार्रवाई
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Published : Apr 17, 2021, 6:23 PM IST

कनवास (कोटा). जिले में कनवास SDM राजेश डागा और तहसीलदार सुरेन्द्र शर्मा ने आंवा गांव में कोरोना गाइडलाइन की पालना हेतु गश्त के दौरान आवां निवासी छोटूलाल पुत्र मंथुरालाल जाती कुशवाह को अपनें खेत में कृषि अवशेष नष्ट करनें के लिए फसल अवशिष्ट जलाते देखा. जिसपर एसडीएम ने उक्त घटना को गंभीरता से लेते हुए आग लगाने वाले किसान के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए मौके पर ही पकड़ लिया.

इसके बाद राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण के पत्र क्रंमाक 849 दिनांक 4/1/16 की पालना में उक्त किसानों को प्रशासन की ओर से जुर्माने हेतु 2500 रुपए जमा करवाने के आदेश दिए. साथ ही भविष्य में कृषि अवशेष नहीं जलाने की हिदायत भी दी. SDM राजेश डागा ने बताया कि गेहूं की फसल की कटाई शुरू होने से पहले ही प्रशासन की ओर से फसल अवशेष जलाने वालों को हिदायत दी गई थी और गत वर्ष की कार्रवाईयों के आधार पर किसानों में जागरूकता लाने के प्रयास भी किए गए थे. जुर्माना और जागरूकता अभियान के कारण कनवास क्षेत्र में नौलाईया जलाने से आगजनी की कोई घटना इस वर्ष होने की सूचना नहीं है.

पढ़ें: कोटा: ऑक्सीजन की इंडस्ट्रियल सप्लाई पर रोक, अब केवल अस्पतालों को मिलेंगे सिलेंडर

उन्होंने बताया कि फसल अवशेष जलाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज हो सकती है. साथ ही बताया कि फसल अवशिष्ट जलाने से न केवल मिट्टी की उर्वरा शक्ति नष्ट होती है. अपितु पर्यावरण भी प्रदूषित होता है, साथ ही वायु प्रदुषण एवं रोकथाम अधिनियम 1981 की धारा 19 (5) के अनुसार कृषि अवशिष्ट जलाने को प्रतिबन्धित किया गया है.

राजस्थान राज्य प्रदूषण नियन्त्रण के पत्र क्रमाक 849 दिनाक 4.1.16 के अनुसार किसी भी किसान की ओर से फसल अवशेष जलाया जाता है तो दो एकड़ से कम भूमि वाले किसानों पर प्रति घटना 2500 दो एकड़ से पांच एकड वाले किसानों पर प्रति घटना 5000 रुपए का जुर्माना लगाया जाने का प्रावधान है. साथ ही उपखण्ड अधिकारी की ओर से सभी किसानों से फसल कटाई के पश्चात कृषि अवशेषों को नहीं जलाने, नौलाईयों का उपयोग खाद बनाने के काम मे लेने की अपील की.

कनवास (कोटा). जिले में कनवास SDM राजेश डागा और तहसीलदार सुरेन्द्र शर्मा ने आंवा गांव में कोरोना गाइडलाइन की पालना हेतु गश्त के दौरान आवां निवासी छोटूलाल पुत्र मंथुरालाल जाती कुशवाह को अपनें खेत में कृषि अवशेष नष्ट करनें के लिए फसल अवशिष्ट जलाते देखा. जिसपर एसडीएम ने उक्त घटना को गंभीरता से लेते हुए आग लगाने वाले किसान के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए मौके पर ही पकड़ लिया.

इसके बाद राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण के पत्र क्रंमाक 849 दिनांक 4/1/16 की पालना में उक्त किसानों को प्रशासन की ओर से जुर्माने हेतु 2500 रुपए जमा करवाने के आदेश दिए. साथ ही भविष्य में कृषि अवशेष नहीं जलाने की हिदायत भी दी. SDM राजेश डागा ने बताया कि गेहूं की फसल की कटाई शुरू होने से पहले ही प्रशासन की ओर से फसल अवशेष जलाने वालों को हिदायत दी गई थी और गत वर्ष की कार्रवाईयों के आधार पर किसानों में जागरूकता लाने के प्रयास भी किए गए थे. जुर्माना और जागरूकता अभियान के कारण कनवास क्षेत्र में नौलाईया जलाने से आगजनी की कोई घटना इस वर्ष होने की सूचना नहीं है.

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उन्होंने बताया कि फसल अवशेष जलाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज हो सकती है. साथ ही बताया कि फसल अवशिष्ट जलाने से न केवल मिट्टी की उर्वरा शक्ति नष्ट होती है. अपितु पर्यावरण भी प्रदूषित होता है, साथ ही वायु प्रदुषण एवं रोकथाम अधिनियम 1981 की धारा 19 (5) के अनुसार कृषि अवशिष्ट जलाने को प्रतिबन्धित किया गया है.

राजस्थान राज्य प्रदूषण नियन्त्रण के पत्र क्रमाक 849 दिनाक 4.1.16 के अनुसार किसी भी किसान की ओर से फसल अवशेष जलाया जाता है तो दो एकड़ से कम भूमि वाले किसानों पर प्रति घटना 2500 दो एकड़ से पांच एकड वाले किसानों पर प्रति घटना 5000 रुपए का जुर्माना लगाया जाने का प्रावधान है. साथ ही उपखण्ड अधिकारी की ओर से सभी किसानों से फसल कटाई के पश्चात कृषि अवशेषों को नहीं जलाने, नौलाईयों का उपयोग खाद बनाने के काम मे लेने की अपील की.

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