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कोटा के इटावा में नहर के पानी से खेत बन गया तलाई, ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद पानी को रोका - इटावा किसान

कोटा के इटावा के लाखसनिजा गांव में सीएडी विभाग की लापरवाही की वजह से किसानों के खेत तलाइयों में तब्दील हो गए. बताया जा रहा है कि नहर के अंतिम छोर पर पानी का आवाजाही की वजह से खेत में जरुरत से ज्यादा पानी भर गया. वहीं कड़ी मशक्कत के बाद गांव वालों ने नहर के नहर के टूटे हिस्से की मरम्मत कर पानी को रोका.

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कोटा के इटावा में नहर के पानी से खेत बना ताल
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Published : Dec 8, 2019, 12:50 PM IST

इटावा (कोटा). लाखसनिजा गांव के पास से निकल रही मुख्य नहर की सुल्तानपुर सब ब्रांच कैनाल के अंतिम छोर पर पानी पहुंचाने की सीएडी विभाग की कवायद अब किसानों पर भारी पड़ती नजर आ रही है. जहां सीएडी विभाग की ओर से जलप्रवाह की मॉनिटरिंग नहीं की जा रही है. नहरों में अथाह पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे अंतिम छोर के किसान को नहरी पानी नसीब हो सके.

कोटा के इटावा में नहर के पानी से खेत बन गई तलाई

वहीं सीएडी विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते जर्जर अवस्था में तब्दील हो रही नहरें अब टूट रही है, जिससे किसानों के अरमान एक बार फिर खाक होते नजर आ रहे हैं. रविवार को तड़के लाखसनिजा गांव के पास नहर टूट गई, जिसका पानी खेतों में भर गया और खेत तलाइयों का रूप ले चुके थे. जब सीएडी विभाग को किसानों ने इसकी सूचना दी तो उसके बाद भी सीएडी विभाग का कोई नुमाइंदा समय पर मौके पर नहीं पहुंचा.

यह भी पढ़ें- प्रशासन ने नहीं दी अनुमति, शौर्य दिवस और गीता जयंती कार्यक्रम को किया स्थगित

वहीं किसानों ने कड़ाके की सर्दी के बीच ठंडे पानी में उतरकर जैसे-तैसे खेतों में हो रहे पानी के बहाव को रोका और राहत की सांस ली, लेकिन जब तक नहर का टूटा हिस्सा बंद किया गया, तब तक किसानों के अरमानों पर सीएडी की लापरवाही का पानी फिर चुका था. खेतों में हुए नुकसान से किसान एक बार फिर निराश होता दिखाई दे रहा है. वहीं मौके पर पहुंचे गांववासियों ने मिलकर नहर के टूटे हिस्से की मरम्मत कर खेतों में पानी का बहाव को रोका.

इटावा (कोटा). लाखसनिजा गांव के पास से निकल रही मुख्य नहर की सुल्तानपुर सब ब्रांच कैनाल के अंतिम छोर पर पानी पहुंचाने की सीएडी विभाग की कवायद अब किसानों पर भारी पड़ती नजर आ रही है. जहां सीएडी विभाग की ओर से जलप्रवाह की मॉनिटरिंग नहीं की जा रही है. नहरों में अथाह पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे अंतिम छोर के किसान को नहरी पानी नसीब हो सके.

कोटा के इटावा में नहर के पानी से खेत बन गई तलाई

वहीं सीएडी विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते जर्जर अवस्था में तब्दील हो रही नहरें अब टूट रही है, जिससे किसानों के अरमान एक बार फिर खाक होते नजर आ रहे हैं. रविवार को तड़के लाखसनिजा गांव के पास नहर टूट गई, जिसका पानी खेतों में भर गया और खेत तलाइयों का रूप ले चुके थे. जब सीएडी विभाग को किसानों ने इसकी सूचना दी तो उसके बाद भी सीएडी विभाग का कोई नुमाइंदा समय पर मौके पर नहीं पहुंचा.

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वहीं किसानों ने कड़ाके की सर्दी के बीच ठंडे पानी में उतरकर जैसे-तैसे खेतों में हो रहे पानी के बहाव को रोका और राहत की सांस ली, लेकिन जब तक नहर का टूटा हिस्सा बंद किया गया, तब तक किसानों के अरमानों पर सीएडी की लापरवाही का पानी फिर चुका था. खेतों में हुए नुकसान से किसान एक बार फिर निराश होता दिखाई दे रहा है. वहीं मौके पर पहुंचे गांववासियों ने मिलकर नहर के टूटे हिस्से की मरम्मत कर खेतों में पानी का बहाव को रोका.

Intro:किसान के अरमानों पर फिर फिरा सीएडी की लापरवाही का पानी
सुल्तानपुर क्षेत्र में टूटी नहर खेत हुए लबालब
लाख सनिजा के कोटड़ापूरा गांव के पास टूटी है नहर
नहर के टूटने से नहर का पानी भरा खेतो में
बड़ी संख्या में किसान पंहुचे खेतो पर नहरी पानी को रोकने का कर रहे प्रयास
अभी तक मोके पर नही पहुंचा सीएडी विभाग का नुमाइंदाBody:कोटा जिले के लाखसनिजा गांव के पास से निकल रही दांई मुख्य नहर की सुल्तानपुर सब ब्रांच केनाल के अंतिम छोर पर पानी पहुंचाने की सीएडी विभाग की कवायद अब किसानों पर भारी पड़ती नजर आ रही है जहाँ सीएडी विभाग द्वारा जलप्रवाह की मॉनिटरिंग नही की जारही है और नहरों में अथाह पानी छोड़ा जा रहा है जिससे अंतिम छोर के किसान को नहरी पानी नसीब हो सके लेकिन सीएडी विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते जर्जर अवस्था मे होरही नहरे अब टूट रही है जिससे किसान के अरमान एक बार फिर खाक होते नजर आ रहे है आज तड़के लाख सनिजा गांव के पास नहर टूट गई जिसका पानी खेतो में जा भरा और खेत तलाइयो का रूप लेते नजर आए जब सीएडी विभाग को किसानों ने सूचना दी उसके बाद भी सीएडी विभाग का कोई नुमाइंदा समय पर मोके पर नही पहुंचा वही किसानों ने कड़ाके की सर्दी के बीच ठंडे पानी मे उतरकर जैसे तैसे खेतो में होरहे पानी के बहाव को रोका और राहत की सांस ली लेकिन जब तक नहर का टूटा हिस्सा बंद किया गया तब तक किसानों के अरमानो पर सीएडी की लापरवाही का पानी फिर चुका था खेतो में हुए नुकसान से किसान एक बार फिर निराश होता दिखाई दे रहा है वही मोके पर पहुंचे गांव के मनोज मीणा ,सोनू मीणा ,रामविलास मीणा, बुद्धि प्रकाश, महेंद्र मीणा, संजय मीणा ,हेमंत, श्याम ,रमेश ,राजेश ,आदि ने मिलकर नहर के टूटे हिस्से की मरम्मत कर खेतो में पानी का बहाव रोका है Conclusion:बाइट-01-सोनू मीणा किसान कोटड़ापूरा गांव लाखसनिजा पंचायत
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