इटावा (कोटा). लाखसनिजा गांव के पास से निकल रही मुख्य नहर की सुल्तानपुर सब ब्रांच कैनाल के अंतिम छोर पर पानी पहुंचाने की सीएडी विभाग की कवायद अब किसानों पर भारी पड़ती नजर आ रही है. जहां सीएडी विभाग की ओर से जलप्रवाह की मॉनिटरिंग नहीं की जा रही है. नहरों में अथाह पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे अंतिम छोर के किसान को नहरी पानी नसीब हो सके.
वहीं सीएडी विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते जर्जर अवस्था में तब्दील हो रही नहरें अब टूट रही है, जिससे किसानों के अरमान एक बार फिर खाक होते नजर आ रहे हैं. रविवार को तड़के लाखसनिजा गांव के पास नहर टूट गई, जिसका पानी खेतों में भर गया और खेत तलाइयों का रूप ले चुके थे. जब सीएडी विभाग को किसानों ने इसकी सूचना दी तो उसके बाद भी सीएडी विभाग का कोई नुमाइंदा समय पर मौके पर नहीं पहुंचा.
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वहीं किसानों ने कड़ाके की सर्दी के बीच ठंडे पानी में उतरकर जैसे-तैसे खेतों में हो रहे पानी के बहाव को रोका और राहत की सांस ली, लेकिन जब तक नहर का टूटा हिस्सा बंद किया गया, तब तक किसानों के अरमानों पर सीएडी की लापरवाही का पानी फिर चुका था. खेतों में हुए नुकसान से किसान एक बार फिर निराश होता दिखाई दे रहा है. वहीं मौके पर पहुंचे गांववासियों ने मिलकर नहर के टूटे हिस्से की मरम्मत कर खेतों में पानी का बहाव को रोका.