कोटा. हाड़ौती संभाग को बजट में काफी कुछ इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिया है, लेकिन इसके बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के झालावाड़ जिले को ज्यादा कुछ नहीं मिला है. जिलों के साथ होने वाली आम घोषणाएं ही झालावाड़ जिले के लिए भी हुई हैं. वहां से कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है. चारों विधायक भारतीय जनता पार्टी के हैं. जबकि कोटा, बारां और बूंदी को काफी कुछ इस बजट में मिला है. जिनमें सड़कों से लेकर नहरों, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए भी बजट जारी किया गया.
कोटा में बन रहे हेरिटेज चंबल रिवर फ्रंट के सेकंड फेज के तहत ग्रीन रिवर फ्रंट के लिए 350 करोड़ का प्रावधान इस बजट में किया गया है. दूसरी बड़ी घोषणा प्रदेश में खनन एवं पेट्रोलियम की संभावनाओं को देखते हुए राजस्थान स्टेट माइनिंग एंड मिनरल लिमिटेड की मदद से माइनिंग यूनिवर्सिटी स्थापित संभाग में की जाएगी.
हाड़ौती की नहरों के लिए 1000 करोड़: बारां जिले में पार्वती मुख्य नहर के सुदृढ़ीकरण का कार्य 250 करोड़ से होगा. कोटा, बूंदी और बारां से गुजर रही चंबल की नहरों, वितरिकाओं, माइनरों की 485 किलोमीटर लंबाई में पक्की लाइनिंग व खेत सुधार के लिए 435 करोड़ रुपए जारी हुए है. ईआरसीपी कॉरपोरेशन के तहत 13 हजार करोड़ के कार्य इस साल करवाए जाएंगे. इससे बारां, बूंदी और कोटा जिले को भी फायदा मिलेगा.
झालावाड़ जिले की गागरिन सिंचाई परियोजना, अटरू शहर को बाढ़ से बचाने के लिए बुध सागर तालाब का डायवर्जन चैनल व कवाई तालाब का शुद्धीकरण और विकास के लिए एस्केप चैनल निर्माण होगा. परवन लिफ्ट तुलसा परियोजना के माईनरों का जीणोद्धार, माण्डपुर लिफ्ट परियोजना अंता व कोटा जिले की आलनिया मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए शेष कच्ची माइनरों को पक्की किया जाएगा. बूंदी में मेज नदी, कोटा में बृजलिया, बारां कैथूडी व मोहम्मदपुर और झालावाड़ में घुघुआ में 82 करोड़ की लागत से माइक्रो लिफ्ट सिंचाई परियोजना बनेगी.
साइक्लोजिकल काउंसलिंग सेंटर और कृत्रिम तारामंडल: कोटा में कोचिंग के छात्रों के लिए जयपुर, जोधपुर के साथ सरकारी साइक्लोजिकल सेंटर बनाया जाएगा. इसके जरिए बच्चों को मानसिक तनाव व अवसाद से बचाने का प्रयास होगा. साइंस एजुकेशन के लिए 10 करोड़ से कृत्रिम तारामण्डल का भवन बनेगा. जहां खगोलिकी व नाइट स्काई की जानकारी दी जाएगी. कोटा के इटावा, बारां के अंता और छिपाबड़ोद, झालावाड़ में खानपुर, गंगधार, असनावर में नए औद्योगिक क्षेत्र प्रस्तावित किए गए हैं. इसके अलावा चारों जिलों में करीब 200 किलोमीटर के आसपास सड़कों का निर्माण होगा.
संस्कृत कॉलेज और वेद विद्यालय: बारां, बूंदी, झालावाड़ में को-एड एजुकेशन के तहत पॉलिटेक्निकल कॉलेज में नॉन इंजीनियरिंग ब्रांच भी शुरू होगी. बारां के पॉलिटेक्निकल कॉलेज में केमिकल ब्रांच, बूंदी के नैनवा में आईटीआई, कोटा आईआईटी में इलेक्ट्रिक ट्रेड शुरू की जाएगी. बूंदी, बारां, झालावाड़ में संस्कृत महाविद्यालय और बारां में वेद विद्यालय स्थापित किया जाएगा. कोटा में भी भरतपुर और उदयपुर के साथ विशेष योग्यजन महाविद्यालय खोला जाएगा. कोटा में आवासीय महाविद्यालय खोलना प्रस्तावित है. बालिका छात्रावास का बारां और बूंदी में निर्माण होगा.
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कोटा मेडिकल कॉलेज में न्यूरो साइंस सेंटर: कोटा के मेडिकल कॉलेज में न्यूरोसाइंस सेंटर की स्थापना की जाएगी. बाईपास सर्जरी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कार्डियोथोरेसिक सर्जरी मशीन भी स्थापित होगी. इन पर 64 करोड़ का खर्चा किया जाएगा. प्रदेश के 15 स्थानों के साथ कोटा में भी नशा मुक्ति केंद्र खोला जाएगा. बूंदी जिले के नैनवा बांसी में पीएसी को सीएससी में क्रमोन्नत किया जाएगा.
बूंदी में बनेगा बूंदा मीणा का पैनोरमा: बारां जिले के सीसवाली में 132 केवी सब स्टेशन, सांकली, चंदोलिया, महोदरामव बिलखेड़ा डांग में 11 केवी स्टेशन बनेगा. टाइगर कंजर्वेशन के लिए बूंदी की रामगढ़ विषधारी और कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व व लेपर्ड कंजर्वेशन के लिए शाहबाद बारां में कार्य होंगे. इको टूरिज्म के लिए लव कुश वाटिका बारां, बूंदी के भारदा डैम व झालरापाटन में बनेगी. झालावाड़ के गागरोन, बारां के शाहबाद व नारहगढ़ में पुराने किले और ऐतिहासिक छतरियों में विकास कार्य होंगे. इसी के साथ बूंदी में बूंदा मीणा का पैनारोमा बनेगा. कोटा जेल में कैदियों के बच्चों की देखभाल के लिए क्रेच स्थापित की जाएगी.