कोटा. कोटा उत्तर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष को लेकर विवाद लगातार जारी है. गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी और निर्दलीय पार्षदों ने पार्षद दल से संबद्धता समाप्त करने का पत्र नगर निगम कोटा उत्तर के अधिकारियों को (BJP councilor handed over resign letter from party) सौंपा. साथ ही उन्होंने यह भी मांग की है कि नेता प्रतिपक्ष को दी जाने वाली सुविधाएं और मान्यता समाप्त की जाए.
इन एक दर्जन पार्षदों में 8 भाजपा और 4 निर्दलीय शामिल हैं. आयुक्त से मुलाकात के दौरान इन्होंने कहा कि उत्तर के 14 भाजपा पार्षदों में से 8 प्रतिपक्ष पद पर लव शर्मा के मनोनयन से सहमत नहीं हैं. इस तरह से उनके पास नेता प्रतिपक्ष के लिए आवश्यक संख्या बल नहीं है. इन पार्षदों का कहना है कि वह पहले भी डीएलबी निदेशक, संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर और आयुक्त नगर निगम को इस संबंध में पत्र दे चुके हैं. हालांकि जब यह पार्षद पहुंचे थे, तब आयुक्त वासुदेव मालावत अपने कक्ष में नहीं थे. इसके बाद पार्षद उनके कक्ष के बाहर ही धरने पर बैठ गए.
बाद में अतिरिक्त आयुक्त अशोक त्यागी वहां पर पहुंचे. जिन्होंने पार्षदों से उनका पत्र लिया. पार्षदों का कहना है कि उन्होंने बहुमत के आधार पर भाजपा के पार्षद नंदकिशोर मेवाड़ा को अपना नेता चुना है और वही प्रतिपक्ष के नेता होंगे. जिन्हें नेता प्रतिपक्ष को मिलने वाली सभी सुविधाएं व कक्ष उपलब्ध करवाया जाए. इस पर अतिरिक्त आयुक्त त्यागी ने सभी को आश्वस्त किया कि उनकी मांग व पत्र का विधिक परीक्षण करवाकर उचित कार्रवाई करेंगे.
दूसरी तरफ, विरोध कर रहे पार्षदों का कहना है कि अगर निगम के आयुक्त ने उनकी मांग के अनुसार कार्रवाई नहीं की, तो वे उच्च न्यायालय की शरण में जाएंगे और वहां पर अपनी याचिका प्रस्तुत करेंगे. आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी और निर्दलीय पार्षद लगातार नेता प्रतिपक्ष उत्तर लव शर्मा का विरोध कर रहे हैं. इस संबंध में पार्षदों ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी पत्र लिखा था.