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कोटा : कोरोना काल में मंदिर की घंटी हुई ऑटोमेटिक, श्रद्धालु बिना हाथ लगाए बजा सकेंगे

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Published : Sep 1, 2020, 4:56 PM IST

7 सितंबर से सभी धार्मिक स्थलों को खोलने की छूट दी गई है. जिसके चलते शहर के बड़े मंदिरों में सभी तैयारियां की जा रही है. इसी कड़ी में कोटा के प्रसिद्ध गोदावरी धाम बालाजी में ऑटोमेटिक घंटी लगाई गई है. जिसे बिना छुए श्रद्धालु घंटी बजा सकेंगे.

Automatic bell in Balaji temple, Handfree bell in temple
कोटा के मंदिर में लगी मैगनेटिक बेल

कोटा. कोरोना काल के चलते सभी धर्मिक स्थल और मंदिर फिलहाल बंद हैं. लेकिन ऑनलाक-4 की गाइडलाइन जारी होने के साथ ही 7 सितंबर से सभी धार्मिक स्थलों को खोलने की छूट दी गई है. जिसके चलते शहर के बड़े मंदिरों में सभी तैयारियां की जा रही है.

मंदिर में लगी मैगनेटिक बेल

धार्मिक स्थलों को खोलने की छूट के बाद अब दर्शनार्थियों के लिए सैनिटाइजर की व्यवस्था और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के लिए तैयारियां जोरों पर है. कोटा शहर के प्रसिद्ध गोदावरी धाम बालाजी में मैगनेटिक बेल लगाई गई है. मंदिर परिसर में गजानन बबेरवाल के सहयोग से ये हैंड फ्री घंटी का सिस्टम चालू कराया गया है.

पढ़ें- डूंगरपुर: अनंत चतुर्दशी पर बिना शोभायात्रा के गणपति विसर्जित, कोरोना गाइडलाइन की हुई पालना

इस सिस्टम के प्रयोग से श्रद्धालुओं को मंदिर की घंटी को हाथ नहीं लगाना पड़ेगा. श्रद्धालु घंटे से 6 से 10 इंच की दूरी पर हाथ उठाकर इसे बजा सकेंगे. इस सिस्टम का प्रयोग हाड़ौती में पहली बार किया जा रहा है. मंदिर की यह घंटी 30 किलो वजन की है और इस पर यंत्र लगा हुआ है. हाड़ौती में यह पहली बार लगाई गई है और राजस्थान में ये तीसरा मामला है. इस ऑटोमेटिक घंटी का उद्घाटन पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने किया.

कोटा. कोरोना काल के चलते सभी धर्मिक स्थल और मंदिर फिलहाल बंद हैं. लेकिन ऑनलाक-4 की गाइडलाइन जारी होने के साथ ही 7 सितंबर से सभी धार्मिक स्थलों को खोलने की छूट दी गई है. जिसके चलते शहर के बड़े मंदिरों में सभी तैयारियां की जा रही है.

मंदिर में लगी मैगनेटिक बेल

धार्मिक स्थलों को खोलने की छूट के बाद अब दर्शनार्थियों के लिए सैनिटाइजर की व्यवस्था और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के लिए तैयारियां जोरों पर है. कोटा शहर के प्रसिद्ध गोदावरी धाम बालाजी में मैगनेटिक बेल लगाई गई है. मंदिर परिसर में गजानन बबेरवाल के सहयोग से ये हैंड फ्री घंटी का सिस्टम चालू कराया गया है.

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इस सिस्टम के प्रयोग से श्रद्धालुओं को मंदिर की घंटी को हाथ नहीं लगाना पड़ेगा. श्रद्धालु घंटे से 6 से 10 इंच की दूरी पर हाथ उठाकर इसे बजा सकेंगे. इस सिस्टम का प्रयोग हाड़ौती में पहली बार किया जा रहा है. मंदिर की यह घंटी 30 किलो वजन की है और इस पर यंत्र लगा हुआ है. हाड़ौती में यह पहली बार लगाई गई है और राजस्थान में ये तीसरा मामला है. इस ऑटोमेटिक घंटी का उद्घाटन पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने किया.

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