कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 23 मार्च को रेलवे के वरिष्ठ खंड अभियंता (रेल पथ) घनश्याम शर्मा को 35 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. यह रिश्वत की राशि उन्होंने पिकअप वैन ड्राइवर से उसके बिलों के भुगतान को लेकर ली थी. इसका एक कथित ऑडियो वायरल हो रहा है. जिसमें किस तरफ से एसएसई घनश्याम शर्मा बेखौफ होकर ड्राइवर से रिश्वत की बात कर रहे हैं. इस ऑडियो में इंजीनियर घनश्याम शर्मा का लालच बातों में नजर आ रहा है.
वे बातचीत के साथ घनश्याम रिश्वत की राशि भी बढ़ाते जा रहे हैं. इस बातचीत में साफ नजर आ रहा है कि रिश्वत की यह राशि कई अधिकारियों और सुपरवाइजरों में बंटनी थी. इनमें से कई नाम तो इस बातचीत में साफ सुनाई दे रहे हैं. यह ऑडियो सामने आने के बाद रेलवे में फिर से हड़कंप मचा हुआ है. हालांकि, ईटीवी भारत इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है.
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बता दें कि घनश्याम ने यह रिश्वत किराए पर लगी 8 पिकअप वैनों के बिलों के भुगतान के लिए ली थी. फिलहाल, घनश्याम डीआरएम ऑफिस में ही बैठ रहे थे. घनश्याम के पास इन दिनों अल्ट्रासोनिक मशीनों (यूएसएफडी) के जरिए रेल पटरियों के रखरखाव का काम था. इस मामले में घनश्याम को एसीबी ने कोर्ट में पेश कर दिया था, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है. हाल ही में घनश्याम ने बेटी की शादी का हवाला देते हुए जमानत की अर्जी भी दाखिल की थी लेकिन एसीबी कोर्ट ने घनश्याम को जमानत देने से साफ मना कर दिया.
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इस तरह से चली फोन पर रिश्वत की मांग
पिकअप वैन ड्राइवरः नमस्कार सर, ठीक हैं
घनश्यामः एकदम बढ़िया हूं और सुनाओ
ड्राइवरः सर में कह रहा था गंगापुर और सवाई माधोपुर के बिल आ चुके हैं
घनश्यामः आ गए, 31 जनवरी तक के
ड्राइवरः हां, जनवरी तक के
घनश्यामः मतलब एक अक्टूबर से लिए हैं ना
ड्राइवरः हां सर
घनश्यामः हां तो लेकर आ जाओ
ड्राइवरः कल ले आऊ
घनश्यामः ले आओ
ड्राइवरः अच्छा, कुछ लाना है के सर
घनश्यामः (कुछ संकोच करते हुए) हां, अब तो क्या ? उनका ही हिसाब है गर्ग साहब का, अभी तक का टोटल. बाकी एईएनओं को (सहायक मंडल अभियंताओं) तो दे नहीं रहे हैं.
ड्राइवरः अगर आप अपने हिसाब से किसी को दिलवाना चाहते हैं तो हमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन अपने काम में अड़चन नहीं आनी चाहिए
घनश्यामः (किसी अन्य के बारे में बातचीत करते हुए) वो तो में उनसे रिक्वेस्ट कर लेता हूं कि सर, आप तो बस मेरे नाम को देखो और साइन कर दो. तब कर रहे हैं वह..
ड्राइवरः हां सर वह तो है
घनश्यामः में ही भुना रहा हूं अपनी गुडविल
ड्राइवरः सर, बारां को देना है कुछ
घनश्यामः हां, होना तो चाहिए...
ड्राइवरः जिसे आप कहोगे सर और नहीं कहोगे तो नहीं है...ड्राइवरः किसको कितना देना सर
घनश्यामः थ्री प्लस टू के हिसाब से टोटल 5 होता है.. जिसमें बिल को बनाने वाले वन और बिल को वेरीफाई करने वाले भी वन लेते हैं.. तीन अपन लोग एकाउंट वाले हम यहां कर लेते हैं...ऐसे टोटल 5 बनता है.
ड्राइवरः अच्छा, अच्छा, 5 जनों का
घनश्यामः (हंसते हुए) हां, इसमें सब खुश हो जाएंगे
ड्राइवरः ओरों का क्या हिसाब होगा सर
घनश्यामः एक, एक हो गया ना...
ड्राइवरः मतलब एक प्रतिशत के हिसाब से
घनश्यामः हां, एक तो एईएन को...वहां जिसके साइन करके आते हैं. वह एईएन ऑफिस वाले में आपस में कर लेंगे और एक यहां जो बिल बनाते हैं. तीन यहां का हो जाएगा. ऑफिस और मेरे घर का. ऐसा करके पांच साढे पांच में काम चल जाएगा.
ड्राइवरः एक उनका बारां वालों का हो गया
घनश्यामः हां, छह या सात के हिसाब से ले आना तुम तो
ड्राइवरः सात के हिसाब से ले आऊं
घनश्यामः हां, सात के हिसाब ले आना...जो होगा देख लेंगे. पुराना भी कर लाना. अभी तक पता तो है कितना हुआ है.
ड्राइवरः हां पता है तो है उनको (ठेकेदार को)
घनश्यामः सात के हिसाब से टोटल करके ले आना...यहां से में सबको भिजवा दूंगा
ड्राइवरः और बारां वालों का तो शुरू से अब तक का लाना है ना. घनश्यामः हां, सभी का है. किसी का भी कहां हुआ अभी तक का...टोटल ही है यह...किसी को कुछ नहीं किया अभी तक
ड्राइवरः हां.. पिछला अभी तक किसी को नहीं किया