कोटा. राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) रिश्वतखोरी पर जमकर काम कर रहा है. इस बीच एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) में ही गड़बड़झाला सामने आया. जोधपुर में एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पर एक थानाधिकारी को फर्जी तरीके से ट्रैप करने का आरोप लगा. इसके बाद कोटा से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है.
कोटा शहर पुलिस में तैनात एक SI सतपाल पारीक ने बारां ACB डीएसपी बूंदी ज्ञानचंद मीणा पर फर्जी ट्रैप कार्रवाई करने के आरोप लगाए हैं. सतपाल ने शिकायत का परिवाद ACB डीजी, बारां एसपी और बारां कोतवाली को दिया है और मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. इस मामले को लेकर ज्ञानचंद मीणा का कहना है कि मामले की जांच चल रही है. वहीं, इन दोनों के बीच विवाद एक होटल से शुरू हुई थी.
होटल की जांच से शुरू हुआ था दोनों के बीच विवाद
साल 2016 में एक निजी होटल में पीटा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी. इस समय सतपाल पारीक बारां में तैनात थे और ज्ञानचंद मीणा भी बारां महिला थाना में तैनात थे. होटल में जो कार्रवाई की गई थी उसमें सतपाल पारीक भी कार्रवाई करने वाली टीम में शामिल थे, लेकिन बाद में मामले की जांच ज्ञानचंद मीणा को सौंप दी गई थी.
इस मामले में भी सतपाल पारीक ने ज्ञानचंद मीणा पर आरोप लगाया है. पारीक का आरोप है कि ज्ञानचंद मीणा ने इस पूरी जांच की रिपोर्ट को ही बदल दिया था. इसके बाद भी ACB की टीम ने मेरे खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज करवाई. पारीक ने कहा कि मेरा भाई ललित पारीक भी बारां में एएसआई के पद पर तैनात है, उसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया.
जयपुर में करवा रहा था बेटे का इलाज तो बारां में कैसे हुआ ट्रैप
सब इंस्पेक्टर सतपाल पारीक ने आरोप लगाया है कि बारां ACB की टीम ने 5 फरवरी 2020 को छिपाबड़ोद थाने में तैनात ASI रमेश चंद्र को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया था. हालांकि, यह पूरी कार्रवाई ACB के सीआई ज्ञानचंद मीणा ने की थी. ACB में सीआई से नीचे वाले कार्मिक ट्रैप भी नहीं कर सकते हैं जबकि ज्ञानचंद मीणा 1 से 5 फरवरी तक बारां जिले में मौजूद नहीं थे. वे अपने बेटे का इलाज जयपुर में करवा रहे थे. सतपाल पारीक ने आरोप लगाया है कि सीआई ज्ञान चंद मीणा की 1 से 5 फरवरी तक की कॉल डिटेल और लोकेशन निकाली जाए, तो वह जयपुर में आएगी. साथ ही अस्पताल का रिकॉर्ड भी लिया जाए.
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पूरी टीम के साथ छबड़ा में लेकिन बारां में दिखाया ट्रैप
पारीक ने कहा कि 16 सितंबर 2020 को भी इसी तरह का मामला नाहरगढ़ के रेंजर रवि नामा को बारां में ट्रैप करना दिखाया था. जबकि उस दिन 2:30 बजे दोपहर कार्रवाई होना बताया गया, जबकि खुद ज्ञानचंद मीणा सुबह से ही पूरी टीम के साथ ही बारां जिले के छबड़ा में जांच के लिए गए थे. ऐसे में उसकी और पूरी टीम की लोकेशन भी छबड़ा में ही आ रही है. वे शाम को 4:00 बजे बारां पहुंचे हैं, ऐसे में 2:30 बजे वे बारां में किस तरह से ट्रैप कर सकते हैं, यह समझ से परे है.
दबाव बनाने के लिए इस तरह का काम कर रहे: ज्ञानचंद मीणा
एसीबी के पुलिस उपअधीक्षक ज्ञानचंद मीणा का कहना है कि जयपुर के परिवादी से 6 लाख नगद और 1 लाख खाते में रिश्वत डलवाने का मामला एसआई सतपाल पारीक के खिलाफ दर्ज हुआ था. इस मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और कार्यवाहक एसपी ठाकुर चंद्रशील कुमार कर रहे हैं.
इसी तरह से एक फेल ट्रैप का मामला एएसआई ललित पारीक के खिलाफ भी दर्ज हुआ है, जिसमें उन्होंने परिवादी से मुलजिम नहीं बनाने की एवज में 12 हजार 500 रुपए मांगे थे. इसकी डिमांड हमारे पास सत्यापित थी, लेकिन शक हो जाने पर रिश्वत नहीं ली गई. ऐसे में धारा 7 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसकी जांच कोटा एसीबी के सीआई रमेश आर्य कर रहे हैं.
इसके अलावा पुलिस हेडक्वार्टर ने भी कई तरह की जांच की है. दोनों मामले दर्ज होने के बाद दबाव बनाने के लिए इस तरह से दूसरे मामलों को उठा रहे हैं, जबकि जिन लोगों को ट्रैप किया गया है वह कुछ भी इस मामले में आक्षेप नहीं लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कॉल डिटेल एसीबी का मैन्युअल होता है और हम उसी के अनुसार काम कर रहे थे. मुख्य काम ट्रैप का होता है, जो हमने किया है.
वहीं, इस पूरे प्रकरण पर ACB के कार्यवाहक एसपी ठाकुर चंद्रशील कुमार का कहना है कि इस तरह से कोई शिकायत कर रहा है तो उस संबंध में पूरी जांच करवा ली जाएगी. -ठाकुर चंद्रशील कुमार, कार्यवाहक एसपी