कोटा. जिले में आधार और जन आधार कार्ड में हेरफेर कर पेंशन उठाने के मामले सामने आए थे. गड़बड़झाला कर पेंशन उठाने वाले 400 लोगों से सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने 3.58 लाख रुपए की वसूली कर ली है. विभाग उन ई-मित्रों पर भी कार्रवाई करेगा जिन्होंने दस्तावेजों में गड़बड़ी कर उम्र में बदलाव किया. गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के लिए भी पत्र भेजा गया है.
गौरतलब है कि युवाओं के पेंशन उठाने के गड़बड़झाले का खुलासा अगस्त में हुआ था. इसके बाद पूरे जिले में जांच के बाद 494 लोगों से रिकवरी का लक्ष्य तैयार किया (494 people altered their date of birth for pension) गया. इनमें से करीब 400 लोगों से रिकवरी कर 3 लाख 58 हजार रुपए वसूली भी हुई है. सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के उप निदेशक ओमप्रकाश तोषनीवाल के अनुसार अनुसार पेंशन प्रकरणों के मामले में 9704 लोग जांच के दायरे में आए थे. इनमें से 9210 लोगों के जांच प्रकरण सही पाए गए.
जांच में सामने आया कि 494 लोगों ने गड़बड़झाला कर अवैध रूप से पेंशन ले ली थी. अधिकारियों का यह भी कहना है कि पेंशन कितनी उठाई यह कह पाना मुश्किल है, लेकिन यह आंकड़ा 5 लाख रुपए से ज्यादा होने की आशंका जताई है. पेंशन प्रकरणों के मामले में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग उन ई-मित्रों पर भी कार्रवाई करेगा, जिन्होंने गड़बड़झाले में सहयोग किया. ऐसे करीब 50 से ज्यादा मित्र जांच के दायरे में हैं.
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इस तरह से किया गड़बड़झाला: बीते साल 2 अक्टूबर, 2021 को राज्य सरकार ने जनाधार से पेंशन आवेदन को जोड़ दिया था. जिसमें जनाधार की जन्मतिथि के आधार पर ही ऑनलाइन पेंशन स्वीकृत हो रही थी. इसके बाद कई लोग अवैध रूप से लाभार्थी बन गए. उन्होंने पहले अपने आधार कार्ड में जन्मतिथि में बदलाव करवाया और उसके बाद जन आधार कार्ड में भी यह बदलाव करवा पेंशन आवेदन कर दिए. ये स्वीकृत भी हो गए. इस मामले में उनका साथ ई-मित्र संचालकों ने दिया और अवैध रूप से राशि लेते हुए उन्होंने यह बदलाव किए. ऐसे मैं उन पर भी कार्रवाई की गई है.
गड़बड़झाले के ये मामले अगस्त में पकड़ में आए. इन लोगों के खाते में पेंशन आ गई थी. ऐसे में अधिकांश लाभार्थियों से एक से दो हजार रुपए की वसूली होनी है. वहीं कुछ लोगों की पेंशन राशि 5000 से भी ज्यादा है. विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि वे एक-एक फॉर्म को देख रहे हैं. जन्मतिथि में हेरफेर करने की डेट के आधार पर मामले पकड़े जा रहे हैं.उसीके अनुसार उनसे रिकवरी हो रही है.
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सर्वाधिक मामले पीपल्दा से: ओमप्रकाश तोषनीवाल का यह भी कहना है कि इस 494 मामलों में संबंध में रिकवरी एसडीएम ऑफिस कर रहे हैं. सबसे ज्यादा मामले कोटा जिले के पीपल्दा इलाके से हैं. यहां पर 314 मामले सामने आए थे. इसके बाद सुल्तानपुर में 80, सांगोद में 53, खैराबाद में 13 और दीगोद में 5 मामले थे. वहीं 30 शहरी मामलों में कोटा नगर निगम दक्षिण में सर्वाधिक 11 और सुल्तानपुर में 10 से मामले हैं. इस संबंध में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ एफआईआर करवाने के लिए भी पत्र भेजा है.
पेंशन गड़बड़झाले में सामने आए इस तरह के मामले:
केस 01: बेटे-बेटी की उम्र से 40 साल ज्यादा उम्र के दंपत्ति: इटावा उपखंड निवासी पिंकी कुशवाहा व नरेश कुशवाहा की जन्मतिथि में भी हेरफेर की गई. पिंकी की ओरिजिनल जन्मतिथि को बदलकर 1 जनवरी, 1966 किया गया. उसके पति नरेश की जन्मतिथि 8 मई, 1963 कर दी गई. इसके बाद दोनों पेंशन लेने के पात्र हो गए और इन्हें सामाजिक सुरक्षा की पेंशन भी मिल रही है. जबकि इन दोनों की बेटी की उम्र 15 साल और बेटे अनुज की उम्र महज 11 साल है. ऐसे में बेटे-बेटी और मां-बाप की उम्र में 40 साल से ज्यादा का अंतर है.
केस 02: हेरफेर कर दुरुस्त करवा लिया, फिर भी मिल रही पेंशन: पीपल्दा इलाके के ही रहने वाली गिरवंता गोचर और उनके पति धर्मेंद्र गुर्जर ने जन्मतिथि में हेरफेर करवा कर सामाजिक सुरक्षा की पेंशन ले ली. उसके बाद दोबारा वापस अपने जनाधार को दुरुस्त करवा लिया है. जिसमें उनकी जन्मतिथि 1997 अंकित हो रही है. इसके बावजूद भी इनको 750 रुपए मासिक पेंशन मिल रही है. इन्हें अगस्त की पेंशन भी मिल चुकी है. ऐसे मामलों में गिर्राज कुशवाह, नेनकी बाई व साहब लाल सुमन भी शामिल है.
केस 03: फोटो में दिख रही कम उम्र, फिर भी स्वीकृति: देवपुरा निवासी धर्मराज और उसकी पत्नी ममता ने भी अपनी जन्मतिथि में हेरफेर किया. ममता की जन्मतिथि 1 जनवरी, 1965 व धर्मराज की जन्मतिथि 1 मार्च, 1963 की गई. जबकि उनकी असल जन्मतिथि कुछ और ही है. सामाजिक सुरक्षा पेंशन आवेदन के लिए दी गई इनकी फोटो में कम उम्र साफ दिख रही है. इन फोटो को देखने के बाद लाभार्थियों की पेंशन स्वीकृत हुई है.
केस 04: जनाधार और पेंशन पे आर्डर में अलग जन्मतिथि: इटावा उपखंड के करवाड़ ग्राम पंचायत की काली बाई और उसके पति रमेश ने जन्मतिथि में हेरफेर करवा कर बदलाव कर लिया. जिसमें वृद्धावस्था पेंशन के पेंशन पे आर्डर में उनकी जन्मतिथि 23 मार्च, 1963 और 1 जनवरी, 1961 बताई हुई है. जबकि उनकी असली जन्मतिथि 23 मार्च, 1989 और 1 जनवरी, 1988 बताई हुई है. इसके बावजूद भी उन्हें वृद्धावस्था पेंशन मिल रही है.