कोटा. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में पास करने की एवज में छात्राओं से अस्मत मांगने के मामले में सोमवार को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने अनुसंधान पूरा कर न्यायालय में 4200 पेज का चालान पेश किया है. इसमें तीनों आरोपी राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार, स्टूडेंट अर्पित अग्रवाल और ईशा यादव के खिलाफ 31 गवाह तैयार किए गए हैं. साथ ही 52 कागजातों के एविडेंस भी न्यायालय में प्रस्तुत किए गए हैं.
दादाबाड़ी थाना अधिकारी राजेश पाठक के अनुसार करीब 2500 से 3000 पेज के बीच में सबूत हैं. मामले में एफएसएल जांच और गिरीश परमार के मोबाइल में मिले अश्लील वीडियो भी जोड़े गए हैं. इसके अलावा अर्पित अग्रवाल, ईशा यादव और गिरीश परमार के बीच हुई घंटों बातचीत की ट्रांसक्रिप्ट भी बतौर सबूत चालान के साथ पेश की गई है. इसके अलावा विद्यार्थियों की कॉपी में मिली अर्पित अग्रवाल और ईशा यादव की हैंडराइटिंग के नमूने भी इस में जोड़े गए हैं.
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उन्होंने बताया कि जांच में अर्पित अग्रवाल, गिरीश परमार और ईशा यादव के खिलाफ गंभीर आरोप हैं. न्यायालय को निवेदन किया गया है कि उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. विशिष्ट लोक अभियोजक हितेश जैन ने बताया कि स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने चालान पूरा कर आज पेश किया है. जांच में गिरीश परमार, अर्पित अग्रवाल व ईशा यादव के खिलाफ जुर्म प्रमाणित माना गया है.
इन धाराओं के तहत होगी कार्रवाई : तीनों आरोपियों पर जबरन वसूली से लेकर, महिला की लज्जा भंग करने और छेड़छाड़ सहित कई धाराएं लगाई गई हैं. इसके अलावा गिरीश परमार पर 384, 385, 354 ए व डी, 509, 292, 420, 467, 468, 471, 120 बी आईपीसी, 67 ए/बी आईटी एक्ट, धारा 4/6 महिला, धारा 4, 5 व 6 राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम अनुचित साधन रोकथाम अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी.