कोटा. रेल मंडल कोटा के ट्रैक पर तृतीय श्रेणी के वातानुकूलित इकोनॉमी क्लास के कोचों का कोटा रेल मंडल में परीक्षण शुरू किया है. इन स्पेशल कोच को 180 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया गया. परीक्षण के लिए यात्रियों की सीटों पर रेती से भरे कट्टे रखे हुए थे. इस ट्रायल में एलएचबी कोच के साथ दो कोच आरडीएसओ की टीम के थे. यह परीक्षण लखनऊ स्थित अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) कर रहा है.
नए बनाए तृतीय श्रेणी के वातानुकूलित इकोनॉमी क्लास के कोचों का कोटा रेल मंडल में परीक्षण शुरू किया गया है. इन स्पेशल कोच को 180 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया गया. परीक्षण के लिए यात्रियों की सीटों पर रेती से भरे कट्टे रखे हुए थे. इस ट्रायल में एलएचबी कोच के साथ दो कोच आरडीएसओ की टीम के थे. यह परीक्षण लखनऊ स्थित अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) कर रहा है. इस कोच के बर्थ काफी हल्के और मजबूत हैं. हर बर्थ के साथ स्नैक्स टेबल की व्यवस्था है. प्रत्येक बर्थ के साथ मोबाइल चार्जिंग पाइंट हैं. हर बर्थ के साथ रीडिंग लाइट भी मौजूद है. उपर के बर्थ पर चढने के लिए सीढ़ियां भी लगी हुई हैं. कोच में फायर अलार्म सिस्टम की व्यवस्था भी है. दिव्यांगों के लिए कोच के दरवाजे चौड़े रखे गए हैं. दिव्यांगों के लिए सुविधाजनक टॉयलेट भी है. टायलेट के टैप पैरों से चलाने व्यवस्था रखी गई है. जिससे स्वच्छता बरकरार रखी जा सके. इस कोच में लाइटिंग काफी बेहतर रखी गई है. जिससे किसी भी मुसाफिर को परेशानी न हो.
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ज्यादा सुविधाओं, बेहतर इंटीरियर और फिनिशिंग
नए कोच की पहली खेप तैयार हो चुकी है. परीक्षण के बाद कपूरथला में इस साल ऐसे करीब 250 कोच तैयार किए जाएंगे. इस नए कोच में 83 बर्थ हैं. इसके लिए साइड में 2 की जगह 3 बर्थ रखे गए हैं. जबकि एसी 3 में 72 बर्थ होते हैं. अधिक सीटें होने से कम किराए के बाद भी रेलवे को ज्यादा आमदनी होगी. 24 फरवरी से ही इसका ट्रायल शुरू किया गया है. जिसमें पहले दिन शामगढ़ से रोहलखुर्द स्टेशन के बीच कोच को दौड़ाया गया है. दूसरे दिन 25 फरवरी को कोटा से महिदपुर के बीच तक ट्राई किया गया है. वहीं शुक्रवार को कोटा से नागदा के बीच इसका ट्रायल लिया जाएगा.
सस्ता हो सकता है सफर
तृतीय श्रेणी के इस कोच को नया बनाया गया है. यह कोच लगने से ट्रेन में अब चार श्रेणी के वातानुकूलित हो जाएंगे. इस नए कोच का किराया पहले से मौजूद तृतीय श्रेणी के वातानुकूलित कोच से अपेक्षाकृत कम होगा. किसी कारण से स्लीपर कोच में आरक्षण नहीं मिलने पर यात्रियों के पास कम किराए में इस वातानुकूलित कोच में सफर का विकल्प होगा. इस कोच को कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री में तैयार किया गया है. इसे सुरक्षा जांच के लिए आरडीएसओ को सौंपा गया है. जांच में खरा उतरने के बाद इस नए कोच को ट्रेनों में जोड़ना शुरु कर दिया जाएगा.