इटावा (कोटा). दीगोद उपखंड मुख्यालय पर कोरोना गाइडलाइन के खिलाफ जाकर विवाह समारोह आयोजित करना एक परिवार को भारी पड़ गया. एसडीएम ने मामले की जांच करवाकर दुल्हन के पिता पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया,
दरअसल, दीगोद में विवाह आयोजन की सूचना उपखंड अधिकारी राजेश डागा को प्राप्त हुई. ऐसे में उन्होंने दीगोद तहसीलदार आमोद कुमार माथुर को सूचना के सत्यापन के लिए मौके पर भेजा. इस दौरान सूचना सही पाई गई. मौके पर लगभग 200 से अधिक व्यक्ति समारोह स्थल पर मौजूद पाए गए, जिसकी वीडियोग्राफी भी करवाई गई है. कोरोना गाइडलाइन की पालना की अनदेखी कर हीरालाल पुत्र बजरंगलाल जाति धाकड़ निवासी दीगोद ने अपनी बेटी के विवाह समारोह में प्रदेश सरकार की ओर से निर्धारित सीमा से अधिक व्यक्तियों को आमंत्रित कर अन्य व्यक्तियों के जीवन को खतरे में डाला. हीरालाल पर राज्य सरकार के निर्देशों की अवहेलना करने पर 25 हजार रुपए का जुर्माना निर्धारित की गई है.
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इसी प्रकार ग्राम नीमोदा हरिजी में भी सामाजिक समारोह आयोजन की सूचना प्राप्त हुई थी, जिसके सत्यापन के लिए तहसीलदार दीगोद को मौके पर भेजा. सूचना भी सत्य पाई गई. यहां पर सत्यनारायण पुत्र मांगीलाल जाति लोधा ने मुंडन संस्कार का आयोजन किया था, जिसमें मौके पर लगभग 100 से अधिक व्यक्ति पाए गए. सरकार ने सार्वजनिक, सामाजिक, राजनैतिक, खेल-कूद संबंधी, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक और धार्मिक समारोह/जुलूस/त्योहार/मेला के आयोजन पर पूरी तरह से रोक लगाया गया है. इसके बावजूद भी सत्यनारायण ने कलेक्टर से बिना अनुमति समारोह आयोजन करने पर 10 हजार रुपए जुर्माना लगया गया.
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प्रशासन को सूचित किए बिना शादी समारोह का आयोजन पड़ा भारी
कनवास उपखण्ड क्षेत्र के मदारिया गांव में एक शादी समारोह आयोजनकर्ता को प्रशासन को सूचित किए बिना समारोह आयोजित करना भारी पड़ गया. कनवास एसडीएम राजेश डागा को आयोजन की सूचना मिलने पर आयोजनकर्ता पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाकर दंडित किया. कनवास उपखंड क्षेत्र के मदारिया गांव में ओमप्रकाश ने अपने पुत्र की शादी 25 अप्रैल को की थी. वर्तमान में कोरोना गाइडलाइन के नियमानुसार समारोह आयोजनकर्ता को आयोजन से पहले सूचना राज्य सरकार द्वारा अधिकृत सक्षम अधिकारी या उपखंड अधिकारी के यहां देनी होती है.
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अनुमति की आवश्यकता तो नहीं होती है, लेकिन कोरोना गाइडलाइन के नियमानुसार अधिकारियों को इसकी सूचना देना जरूरी होता है. लेकिन आयोजनकर्ता ओमप्रकाश ने उपखंड अधिकारी को इसकी सूचना नहीं दी और उपखंड अधिकारी राजेश डागा को अन्य माध्यम से समारोह की जानकारी मिलने पर एसडीएम ने कनवास तहसीलदार सुरेंद्र शर्मा को इसकी जांच के निर्देश दिए. जांच में पाया गया, ओमप्रकाश द्वारा पूर्व में प्रशासन को शादी समारोह की सूचना नहीं दी गई. ऐसे में उपखण्ड अधिकारी द्वारा तहसीलदार की रिपोर्ट पर आयोजनकर्ता ओमप्रकाश पर कार्रवाई करते हुए पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाकर दंडित किया है.