करौली. चंबल नदी में कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने पर जल स्तर बढ़ गया है. चंबल खतरे के निशान से 10 मीटर ऊपर बह रही है. जिसके बाद जिला प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए नदी की किनारे बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है. साथ ही नदी के पास जाने पर भी पाबंदी लगा दी है. प्रशासन ने उपखंड पर कार्यरत अधिकारी व कर्मचारियों को बिना अनुमति के मुख्यालय छोड़कर नहीं जाने के आदेश जारी किए हैं.
जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने बताया कि राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष जयपुर से प्राप्त सूचना के अनुसार कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने पर चम्बल नदी में पानी की आवक बढ़ने के साथ चंबल नदी के किनारे बसे गांव, ढाणियों में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है. इस संबंध में आमजन से अपील की है कि जल भराव क्षेत्र में बसे गांव, बस्ती के सभी मछुआरे, अन्य लोग अपने पशुओं सहित अन्य सुरक्षित ऊंचे स्थानों पर शिफ्ट हो जाएं. जिससे किसी भी प्रकार की कोई हानि नहीं हो.
पढ़ें: उदयपुर: बेदला नदी के छलकने पर ग्रामीणों ने पूजा-अर्चना कर किया जल राशि का स्वागत
उन्होंने बताया कि उपखंड क्षेत्र सपोटरा एवं मंडरायल सहित अन्य चंबल नदी संबंधित उपखंडों के अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में विशेष निगरानी व सतर्कता बनाए रखने, मुख्यालय पर रहकर समूचित व्यवस्था करने, गांव व ढाणियों के लोगों, पशुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के निर्देश जारी किए हैं. किसी भी आपदा की सूचना तुरंत जिला आपदा नियंत्रण कक्ष कलेक्ट्रेट करौली के दूरभाष नं. 07464-251335 एवं टोल फ्री नं. 1077 पर दे सकते हैं.
कलेक्टर ने कहा कि किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सभी अधिकारियों को बिना अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं. मंडरायल तहसीलदार प्रकाश चन्द्र मीणा ने बताया कि कोटा बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी से चंबल नदी में तेजी के साथ पानी की आवक होने लगी है. जिससे पानी खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी है. पानी की तेज आवक के चलते स्टीमर का संचालन बंद कर दिया गया है.