करौली. जिले में सोमवार को शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Rajasthan Education Minister) की ओर से प्रदेश के विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक के खिलाफ दिए गए विवादित बयान और नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया.
इस दौरान शिक्षामंत्री के खिलाफ निंदा प्रस्ताव जारी करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया. ज्ञापन में शिक्षामंत्री से अपने बयान को वापस लेने की मांग की गई. मांग पूरी नहीं होने पर दिल्ली कूच करने की चेतावनी दी गई.
राजस्थान विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक संघ (Rajasthan Vidyarthi Mitra Panchayat) के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की ओर से ग्राम पंचायत सहायकों उर्फ कोरोना वारियर्स को आरएसएस का कार्यकर्ता बताया गया. इसे सुनकर प्रदेश के 27000 ग्राम पंचायत सहायकों में अत्यधिक रोष व्याप्त है.
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प्रदेश के 27000 ग्राम पंचायत सहायक दो-दो विभागों में 6000 रुपए मासिक मानदेय में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. जबकि राज्य सरकार ने जन घोषणा पत्र में पंचायत सहायकों को नियमित करने का वादा किया था. शिक्षामंत्री का यह कथन यह दर्शाता है कि राज्य सरकार पिछले 15 वर्षों से न्याय मांग रहे विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायकों के लिए कुछ नहीं करना चाह रही है. विधानसभा चुनाव से पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने यह बयान दिया था कि कांग्रेस सरकार बनते ही इन पंचायत सहायकों को नियमित किया जाएगा.
पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में 18 ग्राम पंचायत सहायकों की कोरोना महामारी में ड्यूटी के दौरान मौत हो चुकी है. विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा अपने बयान को वापस नहीं लेते हैं और ग्राम पंचायत सहायकों के नियमितीकरण को लेकर फैसला नहीं करते हैं तो, सभी पंचायत सहायक मिलकर जयपुर की धरा पर एक महा आंदोलन करेंगे. साथ ही राजस्थान के 27000 ग्राम पंचायत सहायक मजबूर होकर ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी दिल्ली की तरफ कूच करेंगे. जिसकी समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी. इस दौरान सैकड़ों ग्राम पंचायत सहायक मौजूद रहे.