करौली. आंगनबाड़ी केंद्रों पर लगातार मिल रही शिकायतों के संबंध में महिला बाल विकास के उपनिदेशक ने कई आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण में कहीं पर आंगनबाड़ी केंद्र बंद मिले तो कहीं पर अनियमितता सामने आई है. उसके बाद उपनिदेशक ने संबधित कार्मिकों के खिलाफ कारवाई के निर्देश जारी किए हैं.
महिला एंव बाल विकास विभाग के उपनिदेशक प्रभाती लाल जाट ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्र गुडला प्रथम, पहाड़ी, मिल्कीपुरा, सुरौठ द्वितीय का औचक निरीक्षण किया और सुरौठ द्वितीय आंगनबाड़ी केन्द्र पर जन सुनवाई करते हुए पोषाहार से संबंधित शिकायतों को मौके पर निस्तारण करवाने के पर्यवेक्षक एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी को निर्देश दिए.
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उपनिदेशक ने बताया कि करौली परियोजना के आंगनबाड़ी केन्द्र गुडला प्रथम एवं पहाड़ी निरीक्षण में बंद पाये गए. उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्र गुडला प्रथम उपनिदेशक के पूर्व के निरीक्षण में अनियमितता पाए जाने पर गुडला प्रथम की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को मानदेय सेवा से अलग किया था. उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्र मिल्कीपुरा में निरीक्षण के दौरान 3 से 6 साल के लाभार्थियों की सूची मौके पर पाई गई. लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने लिखित में बताया कि महिला पर्यवेक्षक की ओर से इनका राजपोषण पर पंजीयन करवाने से मना कर दिया गया है.
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निरीक्षण के दौरान 134 किलो गेहूं और 34 किलो चावल मौके पर शेष पाया गया. उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्र सुरौठ द्वितीय पर पोषाहार वितरण की लगातार प्राप्त हो रही शिकायतों के सम्बंध जनसुनवाई के माध्यम से शिकायतों का मौके पर निस्तारण के लिए संबंधित पर्यवेक्षक और बाल विकास परियोजना अधिकारी हिण्डौन को निर्देशित करते हुए कहा कि पात्र लाभार्थियों का सर्वे करवाकर राजपोषण पर पंजीयन करवाने के निर्देश दिए. जिससे पात्र लाभार्थियों को अधिक लाभ मिले. उन्होंने बताया कि सुरौठ द्वितीय पर निरीक्षण में यह पाया गया कि राजपोषण पोर्टल पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और पर्यवेक्षक की लापरवाही के कारण पंजीयन नहीं हो पाया. उसके कारण पात्र लाभार्थी पोषाहार से वंचित रहे हैं. उन्होंने बताया कि संबधित पर्यवेक्षक और मानदेय कर्मियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी.