करौली. अखिल राजस्थान मुख्यमंत्री निशुल्क दवा और जांच योजना के तहत कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटरों का पांच सूत्रीय मांगों को लेकर 8वें दिन भी कलेक्ट्रेट के बाहर धरना जारी रहा. इस दौरान कंप्यूटर ऑपरेटर कार्मिकों ने हवन यज्ञ में आहुती देकर गहलोत सरकार को सद्बुद्धि देने की भगवान से कामना की.
कंप्यूटर ऑपरेटर कार्मिकों ने बताया कि 5 सूत्रीय मांगों को लेकर जिले के सभी कार्मिक का 8वें दिन भी कलेक्ट्रेट के बाहर धरना यथावत जारी रहा. धरने के 8वें दिन गहलोत सरकार को सद्बुद्धि देने के लिए सभी कार्मिकों ने एकजुट होकर हवन यज्ञ का आयोजन कर आहुतियां दीं.
कार्मिकों ने कहा कि राजस्थान सरकार गूंगी बहरी सरकार है. प्रदेश में सभी संविदा कर्मचारियों पर हो रहे अत्याचार से सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा. राजस्थान में 19 फरवरी से हड़ताल और 24 फरवरी से धरना प्रदर्शन पर कार्मिक बैठे हुए हैं.
लेकिन, सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ा. सरकार की इस आक्रमक और दमनात्मक नीति के चलते प्रदेश कार्यकारिणी के आह्वान पर सभी जिले के कंप्यूटर ऑपरेटर कार्मिक 3 मार्च, मंगलवार को जयपुर में चल रहे धरने पर महापड़ाव देंगे और विधानसभा का घेराव करेंगे.
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बता दें कि प्रदेश में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना और जांच योजना में करीब 4000 से अधिक कंप्यूटर ऑपरेटर कार्यरत हैं. जिनके द्वारा पांच सूत्रीय मांग की जा रही है. लेकिन, बजट में मांगों की अनदेखी की गई है. कंप्यूटर ऑपरेटर कार्मिकों की मांग है कि ऑपरेटरों को यथावत रखते हुए वित विभाग द्वारा वित्तीय स्वीकृति जारी की जाए. जबतक ऑपरेटरों को नियमित नहीं किया जाता, उनको आरएमआरएस से लगाया जाए. ऑपरेटरों को केन्द्र सरकार के बराबर वेतनमान दिया जाये. जितने भी कम्प्यूटर ऑपरेटर हैं, वे मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के अन्तर्गत लगे हुए हैं. कम्प्यूटर ऑपरेटर की जांच कमेटी गठित कर समय अवधि का नोटिस देकर हटाया जाए.
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उधर, जिलाध्यक्ष पुष्पेंद्र गुर्जर ने बताया कि बेरोजगार हो रहे कंप्यूटर ऑपरेटर्स में रोष व्यापत है. मांगों को लेकर जयपुर में भी धरना दिया गया. प्रदेश में कार्य बहिष्कार भी किया गया, अब कलेक्ट्रेट के सामने धरना दिया जा रहा है.