करौली. जिले में मकर संक्रांति पर्व पर मिलावट खोरों पर शिंकजा कसने के लिए चिकित्सा विभाग की ओर से शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया गया है. जिसके तहत विभिन्न दुकानों पर जाकर टीम ने खाद्य वस्तुओं के नमूने लिये जा रहे हैं.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेशचंद मीना ने बताया कि राजस्थान सरकार के निर्देशानुसार मकर संक्रांति पर्व पर खाद्य पदार्थाे की मांग और खपत बढ़ने की संभावनाओं को देखते हुए शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें शुद्ध खाद्य वस्तुएं आमजन को उपलब्ध कराने के लिए मिलावट खोरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि खाद्य पदार्थाें दूध और दूध से निर्मित वस्तुएं, घी, तेल, मसाले और अन्य की शुद्धता की जांच के लिए नमूने लिए जाएंगे और निरीक्षण के दौरान मिलावट वस्तुओं पर प्रभावी कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने बताया कि एफएसओ जगदीश प्रसाद गुप्ता के नेतृत्व में गठित टीम ने गुरुवार को मिष्ठान भंडार से सरसों तेल और शुक्रवार को बनवारी मावा-मिष्ठान भंडार से मावा और सब्जी मंडी करौली से सोयाबीन रिफाइंड के नमूने संकलित किए. इन नमूनों को जांच के लिए लैबोरेट्री में भेजा जाएगा.
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मकर संक्रांति पर धातु मांझा की बिक्री पर रहेगा प्रतिबंध
जिला मजिस्टेट सिद्धार्थ सिहाग ने बताया कि जिले में मकर संक्रांति के त्योहार पर पतंगबाजी के लिए धातुओं के मिश्रण से निर्मित मांझा उपयोग में लिया जाता है. उन्होंने बताया कि इस प्रकार का मांझा अधिक धारदार और विद्युत सचालक होता है. जिसके उपयोग के कारण आमजन और पक्षियों को अत्यधिक जान माल का नुकसान होने की पूर्ण संभावना है. इस संबंध में जिला कलेक्टर और जिला मजिस्टेट ने धातु निर्मित मांझा की थोक एवं खुदरा बिक्री भंडारण, परिवहन तथा उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है. साथ ही पक्षियों को नुकसान से बचाने के लिये प्रातः 6 बजे से 8 बजे और सायं 5 से 7 बजे तक पंतग उड़ाने पर पूर्णत प्रतिबंध लगाया गया है.