करौली. सरपंच से सांसद बनने तक का सफर तय करने वाले बुजुर्ग नेता शिवचरण सिंह इस दुनिया से अलविदा करके अनन्त यात्रा की ओर चले गए. उनका सोमवार को निधन हुआ था और मंगलवार को उनकी पार्थिव देह पंच तत्व में विलीन हो गई. भद्रावती नदी के तट के समीप स्थित मोक्षधाम पर सभी धर्म-जाति के हजारों लोगों की मौजूदगी में उनके ज्येष्ठ पुत्र यशवेन्द्र सिंह उर्फ लालाजी ने मुखाग्नि दी. इससे पहले मंगलवार को सर्किट हाउस के समीप उनके आवास से बैण्ड बाजे के साथ उनके पार्थिव शरीर का चकडोल निकाला गया. अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए गांवों से भी काफी लोग आए थे. उनके अंतिम दर्शन के लिए बाजार में तथा घरों की छत पर काफी संख्या में लोग जमा हुए. उन्होंने अपने नेता के पार्थिव शरीर पर पुष्प वर्षा करके अंतिम विदाई दी.
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बता दें कि 1962 से सक्रिय राजनीति में आए सिंह ने सरपंच से लेकर सांसद बनने तक का राजनीतिक सफर तय किया था. शिवचरण सिंह तीन बार विधायक और दो बार मंत्री भी रहे थे. पहली बार 1967 में महवा से फिर 1977 में बयाना और 1985 के चुनाव में करौली से विधायक निर्वाचित हुए थे. वर्ष 92 में राज्यसभा सदस्य चुने गए थे. उन्होंने सरपंच पद से राजनीति की यात्रा शुरू की और 38 वर्ष तक राजनीति में बने रहे थे. दो दशक से वे राजनीति से सन्यास ले चुके थे. हालांकि राजनीतिक चर्चाओं और इससे सम्बन्धित खबरों में उनकी गहरी दिलचस्पी अंतिम दौर तक बनी रही थी. उनके पास हर क्षेत्र की नॉलेज थी और वे हर विषय पर बोलने के लिए ही नहीं, बल्कि तार्किक बहस करने को सदैव तत्पर रहते थे. विशेष तौर पर कृषि करना उनको पसंद था. वे खुद भी विधायक और सांसद रहते हुए कृषि कार्य करते रहते थे. करौली के आमजन से उनका गहरा मोलजोल था. वे सभी से आत्मीयता से संवाद किया करते थे.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जताया दुख
लोकसभा अध्यक्ष एवं कोटा से सांसद ओम बिरला ने ट्वीट करके पूर्व सासंद शिवचरण सिंह के निधन पर दुख जताया है. लोकसभा अध्यक्ष ने अपने ट्वीट में लिखा है कि राजस्थान के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री एवं पूर्व राज्यसभा सांसद शिवचरण सिंह धाभाई (बाबूजी) के निधन का समाचार दुखद है. एक सक्रिय और आमजन के हित चिंतक जनप्रतिनिधि के रूप में उन्होंने करौली सहित समस्त राजस्थान के विकास में अतुलनीय योगदान दिया. उनका निधन अपूरणीय क्षति है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को श्रीचरणों में स्थान दें. शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं.