करौली. मानव शरीर की अन्य इंद्रियों के साथ कान सुरक्षित और स्वस्थ रहें. तभी व्यक्ति का जीवन और दिनचर्या सहजता से चल पाती है. वर्तमान में वायु और ध्वनि प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव के चलते कानों का बचाव और रखरखाव किया जाना बहुत जरूरी है. इसी ध्येय पर विश्व श्रवण दिवस पर बुधवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जिला अस्पताल एवं उप जिला अस्पताल में कान देखभाल के लिए स्क्रीनिंग शिविर का आयोजन किया जायेगा.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ दिनेश चंद मीना ने बताया कि राष्ट्रीय बहरापन नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यक्रम के तहत विश्व श्रवण दिवस पर राजकीय चिकित्सालय सहित उप जिला अस्पताल में कान देखभाल के लिए स्क्रीनिंग शिविर आयोजित किया जायेगा.
सुनने की क्षमता कम होने के मुख्य कारण
सीएमएचओ ने बताया कि उम्र का बढ़ना. जोरदार शोर के संपर्क में आना. आनुवांशिकता, हानिकारक दवाएं, शराब और तंबाकू सेवन, कान का संक्रमण, चोट लगना एवं चिकित्सकीय स्थितियों से श्रवण शक्ति कम होती है. इन से बचकर रहने से बहरापन से बचा जा सकता है.
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कार्यवाहक डिप्टी सीएमएचओ (स्वास्थ्य) डाॅ सतीश चंद मीना ने बताया कि ईयर फोन का अत्यधिक उपयोग और डीजे की आवाज से सुनने की क्षमता प्रभावित होती है. साथ ही बताया कि सुनने की शक्ति को सुरक्षित रखने वाले उपकरण पहनें, मादक पदार्थों का सेवन न करें, कान को साफ रखें एवं शांत प्रकृति को अपनाकर श्रवण शक्ति को सुरक्षित रखा जा सकता है.