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भद्रावती नदी में गिरने वाले नालों के गंदे पानी को रोकने की हो पुख्ता व्यवस्था: जिला कलेक्टर - समीक्षा बैठक का आयोजन

करौली में भद्रावती नदी को पुर्नजीवित करने के लिए तैयार की गई कार्ययोजना के संबंध में समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ. जिसमें जिला कलेक्टर ने नदी में 7 नालों के गिरने वाले गंदे पानी को रोकने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.

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समीक्षा बैठक का आयोजन
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Published : Sep 15, 2020, 8:27 PM IST

करौली. जिले में जिला कलेक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को जिले की प्रमुख भद्रावती नदी को एक बार फिर से बनाने के लिए तैयार की गई कार्य योजना के संबंध में बैठक का आयोजन हुआ. बैठक में कार्य योजना की समीक्षा करते हुए जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को शहर के नदी में गंदे पानी को रोकने के लिए स्ट्रक्चर तैयार करने के लिए निर्देश दिए हैं.

साथ ही उन्होंने कहा कि, भविष्य में गंदे पानी को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान के जरिए निकालने की पुख्ता व्यवस्था किए जाने के प्रस्ताव भी कार्ययोजना में सम्मलित किया जाए. वहीं राजस्थान बेसिन ऑथोरिटी के अधीक्षण अभियंता मुकेश शुक्ला ने भद्रावती नदी को फिर से बनाने के संबंध में पीपीटी के माध्यम से तैयार की गई कार्ययोजना के बारे में जानकारी दी.

पढ़ें: पीएम मोदी के जन्मदिन पर बीजेपी का सप्ताह कार्यक्रम, युवा मोर्चा ने किया रक्तदान शिविर का आयोजन

उन्होंने बताया कि, 5 से 10 वर्षों में भद्रावती नदी को अर्द्ध व बारहमासी बहने वाली नदी बनाई जा सकती है. इस संबंध में जल संसाधन, जलग्रहण एवं भूसंरक्षण, वन, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, कृषि, उद्यान व अन्य विभागों के सहयोग से भद्रावती नदी का जीर्णोद्धार करने पर विचार विमर्श किया गया.

यह भी पढ़ें: सीकर: निजीकरण का विरोध में रेलवे कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

बैठक में उपवन संरक्षक श्रवण कुमार रेडडी, राजस्थान बेसिन ऑथोरिटी के मुख्य अभियंता डीआर मीना, उपखंड अधिकारी करौली देवेन्द्र सिंह परमार सहित संबंधित विभाग के अधिकारियों को भद्रावती के जीर्णोद्धार के समस्त तकनीकी के बारे में जानकारी दी गई.

करौली. जिले में जिला कलेक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को जिले की प्रमुख भद्रावती नदी को एक बार फिर से बनाने के लिए तैयार की गई कार्य योजना के संबंध में बैठक का आयोजन हुआ. बैठक में कार्य योजना की समीक्षा करते हुए जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को शहर के नदी में गंदे पानी को रोकने के लिए स्ट्रक्चर तैयार करने के लिए निर्देश दिए हैं.

साथ ही उन्होंने कहा कि, भविष्य में गंदे पानी को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान के जरिए निकालने की पुख्ता व्यवस्था किए जाने के प्रस्ताव भी कार्ययोजना में सम्मलित किया जाए. वहीं राजस्थान बेसिन ऑथोरिटी के अधीक्षण अभियंता मुकेश शुक्ला ने भद्रावती नदी को फिर से बनाने के संबंध में पीपीटी के माध्यम से तैयार की गई कार्ययोजना के बारे में जानकारी दी.

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उन्होंने बताया कि, 5 से 10 वर्षों में भद्रावती नदी को अर्द्ध व बारहमासी बहने वाली नदी बनाई जा सकती है. इस संबंध में जल संसाधन, जलग्रहण एवं भूसंरक्षण, वन, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, कृषि, उद्यान व अन्य विभागों के सहयोग से भद्रावती नदी का जीर्णोद्धार करने पर विचार विमर्श किया गया.

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बैठक में उपवन संरक्षक श्रवण कुमार रेडडी, राजस्थान बेसिन ऑथोरिटी के मुख्य अभियंता डीआर मीना, उपखंड अधिकारी करौली देवेन्द्र सिंह परमार सहित संबंधित विभाग के अधिकारियों को भद्रावती के जीर्णोद्धार के समस्त तकनीकी के बारे में जानकारी दी गई.

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