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करौली में मातृ-शिशु मृत्यु दर को लेकर समीक्षा बैठक, कारणों के बारे में हुई चर्चा

करौली में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. इस दौरान मृत्यु के कारणों के बारे में चर्चा की गई.

Karauli news, maternal infant mortality
करौली में मातृ-शिशु मृत्यु दर को लेकर समीक्षा बैठक
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Published : Feb 23, 2021, 8:18 PM IST

करौली. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए विभाग सतत प्रयासरत हैं. इसमें समय-समय पर समीक्षा कर कारणों का पता लगाकर मातृ-शिशु मृत्यु की रोक पर काम किया जाता है. मंगलवार को एएनएम ट्रेनिंग सेंटर में आयोजित समीक्षा बैठक के आयोजन में क्षेत्र मे हुई मृत्यु के कारणों से आरसीएचओ डाॅ. जयंतीलाल मीना और डीएनओ रूपसिंह धाकड़ चिकित्सा कार्मिकों से रूबरू हुए हैं.

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. दिनेशचंद मीना ने बताया कि समीक्षा बैठक में क्षेत्र में होने वाली मातृ-शिशु मृत्यु के कारणों का पता लगाया जाता है और जिन कारणों से मृत्यु हुई, उन समस्याओं से क्षेत्र को निजात दिलाने पर हर संभव प्रयास विभाग द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मातृ-शिशु मृत्यु पर अंकुश के लिए विभाग द्वारा जागरूकता, सर्तकता, टीकाकरण, जांच, उपचार एवं अन्य सेवाएं समयानुरूप उपलब्ध कराई जा रही है, लेकिन मृत्यु की समीक्षा कर कारणों की खोज कर समाधान करना एक प्रयास है, जो सतत जारी रहेगा. इस दौरान राष्ट्रीय मुख स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत प्रतिभागियों को मुख स्वास्थ्य के बारे में डाॅ. धमेेन्द्र गुर्जर, मुकेश गुप्ता और बालकृष्ण बंसल ने विस्तार से जानकारी दी.

चिकित्ससकों का आईयूसीडी प्रशिक्षण संपन्न

इंट्रा यूटराइन कॉन्ट्रासेप्टिक डिवाइस (आईयूसीडी) का दो दिवसीय प्रशिक्षण एएनएम ट्रेनिंग सेंटर सभागार में डिप्टी सीमएचओ डाॅ. सतीशचंद मीना की मौजूदगी में संपन्न हुआ, जिसमें प्रशिणार्थी चिकित्सकों ने माॅडल-डमी से आईयूसीडी रोपण की प्रक्रिया समझी. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. दिनेशचंद मीना ने बताया कि आईयूसीडी प्रशिक्षक डाॅ. आरपी शर्मा ने गर्भ निरोधक साधन आईयूसीडी की कार्य विधि, प्रभावी अवधि, आईयूसीडी रोपण, निकालना, बदलना के बारे में विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया गया.

यह भी पढ़ें- राकेश टिकैत का पीएम मोदी पर हमला, कहा- लुटेरों के सरदार को दिल्ली से बाहर करो

उन्होंने बताया कि प्रतिभागियों ने पीपीआईयूसीडी और आईयूसीडी के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर संस्थाओं पर परिवार नियोजन सेवाओं को सुदृढ़ बनाने का विश्वास दिलाया. इस दौरान फ्लोरोसिस रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत नोडल डाॅ. धमेन्द्र गुर्जर ने फ्लोरोसिस के लक्षण एवं नियंत्रण गतिविधियों की जानकारी देकर ओपीडी में जोड़ों के दर्द एवं लक्षण वालों को इलाज के लिए प्रेरित करने की अपेक्षा जताई. इस दौरान मुकेश गुप्ता, बालकृष्ण बसंल, डीआईईसी लखनसिंह लोधा सहित प्रतिभागी चिकित्सक मौजूद रहे.

करौली. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए विभाग सतत प्रयासरत हैं. इसमें समय-समय पर समीक्षा कर कारणों का पता लगाकर मातृ-शिशु मृत्यु की रोक पर काम किया जाता है. मंगलवार को एएनएम ट्रेनिंग सेंटर में आयोजित समीक्षा बैठक के आयोजन में क्षेत्र मे हुई मृत्यु के कारणों से आरसीएचओ डाॅ. जयंतीलाल मीना और डीएनओ रूपसिंह धाकड़ चिकित्सा कार्मिकों से रूबरू हुए हैं.

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. दिनेशचंद मीना ने बताया कि समीक्षा बैठक में क्षेत्र में होने वाली मातृ-शिशु मृत्यु के कारणों का पता लगाया जाता है और जिन कारणों से मृत्यु हुई, उन समस्याओं से क्षेत्र को निजात दिलाने पर हर संभव प्रयास विभाग द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मातृ-शिशु मृत्यु पर अंकुश के लिए विभाग द्वारा जागरूकता, सर्तकता, टीकाकरण, जांच, उपचार एवं अन्य सेवाएं समयानुरूप उपलब्ध कराई जा रही है, लेकिन मृत्यु की समीक्षा कर कारणों की खोज कर समाधान करना एक प्रयास है, जो सतत जारी रहेगा. इस दौरान राष्ट्रीय मुख स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत प्रतिभागियों को मुख स्वास्थ्य के बारे में डाॅ. धमेेन्द्र गुर्जर, मुकेश गुप्ता और बालकृष्ण बंसल ने विस्तार से जानकारी दी.

चिकित्ससकों का आईयूसीडी प्रशिक्षण संपन्न

इंट्रा यूटराइन कॉन्ट्रासेप्टिक डिवाइस (आईयूसीडी) का दो दिवसीय प्रशिक्षण एएनएम ट्रेनिंग सेंटर सभागार में डिप्टी सीमएचओ डाॅ. सतीशचंद मीना की मौजूदगी में संपन्न हुआ, जिसमें प्रशिणार्थी चिकित्सकों ने माॅडल-डमी से आईयूसीडी रोपण की प्रक्रिया समझी. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. दिनेशचंद मीना ने बताया कि आईयूसीडी प्रशिक्षक डाॅ. आरपी शर्मा ने गर्भ निरोधक साधन आईयूसीडी की कार्य विधि, प्रभावी अवधि, आईयूसीडी रोपण, निकालना, बदलना के बारे में विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया गया.

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उन्होंने बताया कि प्रतिभागियों ने पीपीआईयूसीडी और आईयूसीडी के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर संस्थाओं पर परिवार नियोजन सेवाओं को सुदृढ़ बनाने का विश्वास दिलाया. इस दौरान फ्लोरोसिस रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत नोडल डाॅ. धमेन्द्र गुर्जर ने फ्लोरोसिस के लक्षण एवं नियंत्रण गतिविधियों की जानकारी देकर ओपीडी में जोड़ों के दर्द एवं लक्षण वालों को इलाज के लिए प्रेरित करने की अपेक्षा जताई. इस दौरान मुकेश गुप्ता, बालकृष्ण बसंल, डीआईईसी लखनसिंह लोधा सहित प्रतिभागी चिकित्सक मौजूद रहे.

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