करौली. जिले के सपोटरा तहसील के गांव बुकना में मंदिर के पुजारी बाबूलाल को जिंदा जलाने के मामले में मांगों पर सहमति बनने के बाद शनिवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया, लेकिन रविवार को आरोपी पक्ष की महिलाएं पुजारी के घर पर पहुंच गईं और जमकर हंगामा किया.
मीडिया के सामने मृतक बाबूलाल पर आग लगाकर आत्महत्या करने के आरोप लगाए गए. मामले की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मेडिकल टीम की मदद से दोनों बालिकाओं को पीड़ित परिवार के घर से हटाया, जिसके बाद पीड़ित परिवार के घर के बाहर पुलिस तैनात किया गया है. इस हंगामे ने पुलिस और प्रशासन की लापरवाही और पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने के वादे की पोल खोल दी है.
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दरअसल, करौली के बुकना गांव में मृतक बाबू पुजारी के घर पर समझौते के तहत सुरक्षा देने का वादा किया गया था. लेकिन रविवार दोपहर बाद अचानक से पीड़ित परिजनों के पास पहुंची मुख्य आरोपी कैलाश मीणा की 2 पुत्रियों से मामला गरमा गया. आरोपी कैलाश मीणा की दोनों पुत्री पीड़ित परिवार के घर पहुंचकर हंगामा किया.
आरोपी की दोनों बेटियों ने मीडिया के सामने कहा कि बाबू पुजारी ने आत्महत्या की है, हमने उसे नहीं मारा है उसने खुद ही आग लगाई है. इसके बाद दोनों हंगामा करते हुए गाली-गलौज करती हुई मीडिया से बदसलूकी पर उतर आए. लेकिन पुलिस सुरक्षा में लगे पुलिस के जवान नहीं होने के कारण मामला बढ़ गया और पुलिस सुरक्षा की पोल खुल पड़ी.
वहीं, पीड़ित परिवार को सांत्वना देने के लिए दूरदराज से आए हुए लोगों ने लड़कियों को काफी समझाया, लेकिन दोनों लड़कियां नहीं मानी. मामले की सूचना पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची. लेकिन महिला कांस्टेबल नहीं होने के कारण दोनों लड़कियों को नहीं रोक सके. घटनास्थल पर मौजूद चिकित्सा टीम की नर्स ने दोनों लड़कियों को मेडिकल टीम की गाड़ी में बैठाकर सपोटरा चिकित्सालय ले गए.