करौली. नादौती थाना पुलिस ने शातिर टैक्ट्रर चोर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन शातिर चोर को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. पुलिस ने चोरों से ट्रैक्टर-ट्रॉली सहित वाहन चोरी की घटना को अंजाम देने के काम में ली जाने वाली एक शिफ्ट डिजायर कार को भी बरामद किया है. पुलिस ने तीनों शातिर चोरों को रिमांड पर ले रखा है और भी चोरियों के खुलासे होने की संभावना है.
पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने बताया, 14 मई को मोहर सिंह पुत्र मूलचंद मीणा निवासी खिरखिडी सपोटरा ने नादौती पुलिस थाने मे प्राथमिकी दर्ज कर बताया, वह अपने जीजा धीरज पुत्र हुकमचंद मीना निवासी कैमा के घर पर ट्रैक्टर से पत्थर लेकर आया था. रात को ट्रैक्टर को जीजा के घर पर ही खड़ा कर दिया था, जिसके बाद अज्ञात चोर रात को ट्रैक्टर-ट्रॉली को चोरी कर ले गए.
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अधीक्षक ने बताया, घटना को गंभीरता से लेते हुए नादौती थानाधिकारी वीर सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया. गठित टीम ने तत्परता दिखाते हुए संदिग्ध व्यक्तियों को चिन्हित कर दस्तयाब किया जाकर अनुसंधान किया. अनुसंधान से दस्तयाब किए गए व्यक्ति प्रियांशु मीना पुत्र भगवान सहाय मीणा निवासी सोप थाना नादौती, गौरव मीना पुत्र मान सिंह मीणा निवासी टोडूपुरा सदर थाना हिंडौन, भवानी मीना पुत्र सोमात्या मीना निवासी खण्डीप थाना वजीरपुर जिला सवाई माधोपुर द्वारा घटना को अंजाम देते हुए चोरी करना कबूल किया गया. पुलिस अधीक्षक ने बताया, शातिर चोरों से पुलिस ने एक ट्रैक्टर-ट्रॉली को बरामद किया है. साथ ही चोरों द्वारा वाहन चोरी की घटना को अंजाम देने के काम में ली जाने वाली एक शिफ्ट डिजायर कार को भी बरामद किया गया है.
इस तरीके से देते वारदात को अंजाम
पुलिस अधीक्षक ने बताया, शातिर चोर चोरी की घटना को अंजाम देने से पहले रैकी करते हैं तथा रैकी करने के लिए स्विफ्ट डिजायर गाड़ी का प्रयोग करते हैं, जिसकी नंबर प्लेट लाल रंग में रखते हैं. अच्छे कपड़े पहने हुए रहते हैं, जिससे पुलिस कही पर उन्हें रोके नहीं या शक न हो सके और साइड के शीशों पर काली फिल्म चढ़ा कर रखते हैं, जिससे उनको रास्ते में चलते हुए कोई पहचान न सके. यह सभी जयपुर से चलकर करौली आते हैं और दोबारा जयपुर जाते समय गाड़ी में चार पांच आदमी रहते हैं. जब रास्ते में कोई वाहन रोड पर खड़ा रहता है और उसके पास कोई मालिक आदि नजर नहीं आता है तो गाड़ी से एक आदमी उतरकर उस वाहन की चोरी कर ले कर चला जाता है और बाकी के अपनी गाड़ी से रेकी करते हुए उसकी लोकेशन में ही पीछे-पीछे चलते रहते हैं.
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यदि पुलिस वाहन चोर का पीछा करे तो पीछे स्विफ्ट गाड़ी में चलने वाले शातिर चोर उसको पुलिस द्वारा पीछे करने की सूचना देकर चोरी के वाहन को छोड़कर भागने के लिए कह देते हैं, जिसके कारण वह चोरी के वाहन को रास्ते में छोड़कर छिपकर कहीं पर भाग जाता है. पुलिस गिरफ्त में नहीं आते हैं और अपनी घटना को सफलतापूर्वक अंजाम दे देते हुए उस वाहन को अन्य राज्यों में ले जाकर बेच देते हैं. यह सभी वाहन चोर जयपुर में कमरा लेकर रहते हैं तथा चोरी के रुपयों से शौक मौज करते हैं. तीनों शातिर वाहन चोरों को 3 दिन के पुलिस रिमांड पर सौंपा गया, जिनसे ऐसी अन्य वारदातें खुलने की संभावना है.