करौली. मंडरायल रोड स्थित मातृ शिशु इकाई जिला अस्पताल के सड़क की हालत जर्जर हैं. जिससे नवजात शिशु और प्रसूताओं की जान को हमेशा खतरा बना रहता है. इसे लेकर लोगों में सरकार के खिलाफ रोष व्याप्त है. बता दें कि जिला अस्पताल से मातृ शिशु ईकाई अस्पताल को 7 किलोमीटर दूर मंडरायल रोड स्थित नवीन जिला अस्पताल के भवन में शिफ्ट कर दिया गया.
शिकारगंज चौराहे से लेकर अस्पताल तक पूरी सड़क जर्जर पड़ी हुई है. सड़क में जगह-जगह गहरे गड्ढे हो गए हैं, जिसके कारण वाहनों से आने वाली गर्भवती महिलाओं की जान को हमेशा खतरा बना रहता है. कई बार तो ऑटो और चौपहिया वाहनों में ही प्रसव हो गया है. जिनमें से कई बच्चों की स्थिति गंभीर हो जाती है.
यहां तक की इस भवन पर आवागमन के लिए यातायात के साधनों का भी इंतजाम नहीं है. इसके बावजूद भी गरीब और मध्यम तबके के लोग गर्भवती महिलाओं के इलाज के लिए जिला मुख्यालय से लगभग 7 किलोमीटर इस अस्पताल में आते हैं. जर्जर सड़क के हाल को लेकर लोगों ने कई बार प्रशासन को समस्या से अवगत करवाया है. इसके बावजूद भी अभी तक प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं गया है.
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लोगों का कहना है कि कई बार प्रशासन के अधिकारियों से लेकर मंत्री तक को सड़क की हालत से अवगत कराया है. डिलीवरी के समय महिलाओं को ले जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. कई बार तो स्थिति ऐसी हो जाती है कि रास्ते में ही डिलीवरी हो जाती है. ऐसे में प्रसूता की जान तक जोखिम में आ जाती है. जिला मुख्यालय से अस्पताल के दूर होने के कारण लोगों को आर्थिक समस्या का भी सामना करना पड़ता है. बरसात के समय में तो हालात यह हो जाते हैं कि सड़क पर पैदल निकलना भी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में कई बार चिकित्साकर्मी सहित आने-जाने वाले राहगीर चोटिल भी हो चुके हैं.