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रेलवे स्टेशन बंद होने से यात्री परेशान...दुकानदारों को हो रहा नुकसान

देश में कोरोना संक्रमण के कारण रेलवे ने छोटे रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों का ठहराव भी बंद कर रखा है. जिस कारण यात्रियों को तो परेशानी का सामना करना पड़ ही रहा है, स्टेशन के बाहर दुकानदारों को भी कारोबार में नुकसान झेलना पड़ रहा है. इसके चलते शटल ट्रेन भी नहीं चल पा रही है.

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यात्रियों को शटल ट्रेन चलने का इंतजार
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Published : Dec 31, 2020, 4:05 PM IST

करौली. जिले के सपोटरा उपखंड अन्तर्गत नारायणपुर टटवाड़ा रेलवे स्टेशन इन दिनों पूरी तरह बंद है. ट्रेनों का ठहराव बन्द है. जिससे यात्रियों को तो परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही डग्गेमार जीप चालकों की रोजी रोटी पर संकट आ गया है.

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रेलवे स्टेशन पड़े बंद

दरअसल, कोरोना वैश्विक महामारी की रोकथाम के लिए सरकार की ओर से ट्रेन बंद कर दी गई थी. जिससे दिल्ली-मुम्बई बड़ी रेलमार्ग के नारायणपुर टटवाड़ा रेलवे स्टेशन कोरोना काल में पूरी तरह बंद पड़ा है. ट्रेनों की आवाजाही बंद होने से जहां एक ओर रेलवे कर्मियों को ठाले बैठे रहना पड़ता है. वहीं ट्रेनों का आवागमन नहीं होने से यात्रियों की आवाजाही बंद है और रेलवे प्लेटफार्म सूना पड़ा रहता है.

जानकारी के अनुसार नारायणपुर रेलवे स्टेशन के दिल्ली-मुम्बई ट्रैक से प्रतिदिन करीब दर्जनभर पैसेंजर ट्रेनों की आवाजाही रहती थी. उक्त ट्रेनों में औसतन सैकड़ों यात्री यात्रा करते थे, लेकिन कोरोना काल में ट्रेनों के बंद रहने से ना तो यात्रियों की आवक है. रेलवे स्टेशन के बाहर लगी दुकानों पर भी चहल-पहल नहीं है. रुपए-पैसे खर्च करने में समर्थ लोगों के लिए कई ट्रेन दौड़ रही हैं, जो रिजर्वेशन कराकर यात्रा कर रहे हैं.

यात्रियों को शटल ट्रेन चलने का इंतजार

दूसरी ओर लॉकडाउन से पूर्व जनरल टिकट से रोजाना औसतन 600 से अधिक यात्री ट्रेनों में सफर करते थे, जिनकी सुविधा के लिए अब एक भी ट्रेन नहीं है. मार्च से लगाएल गए लॉकडाउन के बाद अब दिसंबर माह चल रहा है, लेकिन इन 10 माह के पीरियड में आम यात्रियों की सुविधा की दृष्टि से कोई ट्रेन नहीं चलाई गई. ऐसे में जनरल टिकट से यात्रा करने वाले आम यात्रियों को शटल ट्रेन चलाने का बेसब्री से इंतजार है.

स्टेशन की जनरल टिकट की विंडो भी 10 माह से बंद पड़ी है. जनरल टिकट नहीं मिलने से आम यात्री तो परेशान हैं ही, साथ ही यात्रियों पर निर्भर रहने वाले स्टेशन के आस-पास के दुकानदार भी यात्रियों की कमी की मार झेल रहे हैं. ऐसे में जब तक जनरल टिकट की सुविधा शुरू नहीं की जाएगी, तब तक स्टेशन पर यात्रियों की आवक-जावक नहीं बढ़ेगी.

पढ़ें- बुजुर्ग की हत्या का खुलासा...बेटे के प्रेम प्रसंग की सज़ा मिली बूढ़े बाप को

शटल ट्रेन नहीं चलाने से सबसे ज्यादा मजदूर वर्ग, दैनिक यात्री और आम यात्री परेशान हैं. इन ट्रेनों का होता है ठहराव-नारायणपुर-टटवाड़ा रेलवे स्टेशन पर आगरा-कोटा, आगरा-नीमच, मथुरा-रतलाम, मथुरा-सवाईमाधोपुर, बयाना-जयपुर पैसेंजर और मुजफ्फर-बान्द्रा, जनता एक्सप्रेस, देहरादून-बान्द्रा, पटना-कोटा जैसी एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव होता है.

डग्गेमार जीप चालकों की रोजी-रोटी भी संकट में

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यात्रियों की नहीं हो रही आवाजाही

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर लगे लॉकडाउन में डग्गेमार जीप चालकों पर भी आफत आ गई है. ट्रेन का पहिया थम जाने से बाहर से सवारियों का नहीं आने, इधर से यात्रियों के स्टेशन नहीं जाने के कारण इनके भी रोजगार पर ब्रेक लग गया है. इस कारण जीपों का परिचालन नहीं होने से इनके समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है.नारायणपुर रेलवे स्टेशन-सपोटरा सड़क मार्ग पर करीब दो दर्जन से अधिक डग्गेमार जीपों का परिचालन सामान्य दिनों में होता था. नारायणपुर स्टेशन मास्टर आशीष मीना ने बताया स्टेशन पर अभी एक भी पैसेंजर ट्रेन का ठहराव नहीं हो रहा है.

करौली. जिले के सपोटरा उपखंड अन्तर्गत नारायणपुर टटवाड़ा रेलवे स्टेशन इन दिनों पूरी तरह बंद है. ट्रेनों का ठहराव बन्द है. जिससे यात्रियों को तो परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही डग्गेमार जीप चालकों की रोजी रोटी पर संकट आ गया है.

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रेलवे स्टेशन पड़े बंद

दरअसल, कोरोना वैश्विक महामारी की रोकथाम के लिए सरकार की ओर से ट्रेन बंद कर दी गई थी. जिससे दिल्ली-मुम्बई बड़ी रेलमार्ग के नारायणपुर टटवाड़ा रेलवे स्टेशन कोरोना काल में पूरी तरह बंद पड़ा है. ट्रेनों की आवाजाही बंद होने से जहां एक ओर रेलवे कर्मियों को ठाले बैठे रहना पड़ता है. वहीं ट्रेनों का आवागमन नहीं होने से यात्रियों की आवाजाही बंद है और रेलवे प्लेटफार्म सूना पड़ा रहता है.

जानकारी के अनुसार नारायणपुर रेलवे स्टेशन के दिल्ली-मुम्बई ट्रैक से प्रतिदिन करीब दर्जनभर पैसेंजर ट्रेनों की आवाजाही रहती थी. उक्त ट्रेनों में औसतन सैकड़ों यात्री यात्रा करते थे, लेकिन कोरोना काल में ट्रेनों के बंद रहने से ना तो यात्रियों की आवक है. रेलवे स्टेशन के बाहर लगी दुकानों पर भी चहल-पहल नहीं है. रुपए-पैसे खर्च करने में समर्थ लोगों के लिए कई ट्रेन दौड़ रही हैं, जो रिजर्वेशन कराकर यात्रा कर रहे हैं.

यात्रियों को शटल ट्रेन चलने का इंतजार

दूसरी ओर लॉकडाउन से पूर्व जनरल टिकट से रोजाना औसतन 600 से अधिक यात्री ट्रेनों में सफर करते थे, जिनकी सुविधा के लिए अब एक भी ट्रेन नहीं है. मार्च से लगाएल गए लॉकडाउन के बाद अब दिसंबर माह चल रहा है, लेकिन इन 10 माह के पीरियड में आम यात्रियों की सुविधा की दृष्टि से कोई ट्रेन नहीं चलाई गई. ऐसे में जनरल टिकट से यात्रा करने वाले आम यात्रियों को शटल ट्रेन चलाने का बेसब्री से इंतजार है.

स्टेशन की जनरल टिकट की विंडो भी 10 माह से बंद पड़ी है. जनरल टिकट नहीं मिलने से आम यात्री तो परेशान हैं ही, साथ ही यात्रियों पर निर्भर रहने वाले स्टेशन के आस-पास के दुकानदार भी यात्रियों की कमी की मार झेल रहे हैं. ऐसे में जब तक जनरल टिकट की सुविधा शुरू नहीं की जाएगी, तब तक स्टेशन पर यात्रियों की आवक-जावक नहीं बढ़ेगी.

पढ़ें- बुजुर्ग की हत्या का खुलासा...बेटे के प्रेम प्रसंग की सज़ा मिली बूढ़े बाप को

शटल ट्रेन नहीं चलाने से सबसे ज्यादा मजदूर वर्ग, दैनिक यात्री और आम यात्री परेशान हैं. इन ट्रेनों का होता है ठहराव-नारायणपुर-टटवाड़ा रेलवे स्टेशन पर आगरा-कोटा, आगरा-नीमच, मथुरा-रतलाम, मथुरा-सवाईमाधोपुर, बयाना-जयपुर पैसेंजर और मुजफ्फर-बान्द्रा, जनता एक्सप्रेस, देहरादून-बान्द्रा, पटना-कोटा जैसी एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव होता है.

डग्गेमार जीप चालकों की रोजी-रोटी भी संकट में

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यात्रियों की नहीं हो रही आवाजाही

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर लगे लॉकडाउन में डग्गेमार जीप चालकों पर भी आफत आ गई है. ट्रेन का पहिया थम जाने से बाहर से सवारियों का नहीं आने, इधर से यात्रियों के स्टेशन नहीं जाने के कारण इनके भी रोजगार पर ब्रेक लग गया है. इस कारण जीपों का परिचालन नहीं होने से इनके समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है.नारायणपुर रेलवे स्टेशन-सपोटरा सड़क मार्ग पर करीब दो दर्जन से अधिक डग्गेमार जीपों का परिचालन सामान्य दिनों में होता था. नारायणपुर स्टेशन मास्टर आशीष मीना ने बताया स्टेशन पर अभी एक भी पैसेंजर ट्रेन का ठहराव नहीं हो रहा है.

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