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करौली में चिकित्साधिकारी का आदेश मुफ्त इलाज में रोड़ा, मंत्री ने दिए जांच के आदेश

प्रदेश सरकार मरीजों को निशुल्क इलाज उपलब्ध कराने का दावा करती है. वहीं करौली पीएमओ के एक आदेश को लेकर मरीज दुविधा में हैं. करौली पीएमओ के एक आदेश को लेकर किरकिरी हो रही है.

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Published : Jun 5, 2019, 9:40 PM IST

डॉ सुभाष गर्ग, चिकित्सा राज्यमंत्री

करौली. जिला चिकित्साधिकारी के एक निर्देश को लेकर किरकिरी हो रही है. प्रदेश सरकार मरीजों को निशुल्क इलाज उपलब्ध कराने का दावा करती है. वहीं करौली पीएमओ के एक आदेश को लेकर मरीज दुविधा में हैं. वहीं कांग्रेस महामंत्री अनिल शर्मा ने इसे पीएमओ की मनमानी बताया है.

करौली में चिकित्साधिकारी का आदेश मुफ्त इलाज में रोड़ा

राजस्थान में अब तक सरकारी अस्पतालों में इलाज और दवाओं की सुविधाएं मुफ्त में मुहैया होती रही हैं, लेकिन अब लगता है की राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लोगों को दी जा रही इस मुफ्त योजना के लाभ से वंचित करना चाहते हैं. दरअसल, करौली में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ बाबूलाल मीणा ने एक आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार अब सरकारी अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को चार्ज देना होगा. इस आदेश के बाद अब मेडिकल बोर्ड द्वारा बनवाए जाने वाले प्रमाण पत्र पर 300 रूपए, आईसीयू वार्ड में भर्ती होने पर पर मरीज को 200 रूपये, ऑपरेशन थियेटर में होने वाले मेजर ऑपरेशन पर मरीज को 500 रूपये देने होंगे. साथ ही स्थानीय शहरी क्षेत्र में एंबुलेंस की सुविधा लेने पर 5 हजार रुपए और स्थानीय शहरी क्षेत्र से बाहर के इलाकों में एंबुलेंस की सेवा लेने पर 5 हजार रुपए के साथ 10 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से चार्ज देना होगा, जिसकी नयी दरें लागू कर दी गई हैं.

इसके अलावा प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने चिकित्सकों को निर्देश जारी किया है की किसी भी मरीज को आईसीयू में भर्ती करने से पहले आईसीयू वार्ड के इंचार्ज से परामर्श लेना होगा, क्योंकि ज्यादातर चिकित्सक बेवजह मरीजों को आईसीयू वार्ड में भर्ती कर देते हैं. जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने 1 जून को एक नया निर्देश जारी किया है. जिसमें बताया गया है की जिले की राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी और जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित हुई. बैठक में सरकारी अस्पताल की आय के स्रोतों को बढ़ाने और मरीजों को अच्छी गुणवत्ता पूर्ण इलाज उपलब्ध कराने के लिए मरीजों पर नई दरें लागू करने का फैसला लिया गया है.

वहीं कांग्रेस महामंत्री अनिल शर्मा ने बताया की यह पीएमओ की मनमानी है. एक तरफ तो हमारे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत डिप्टी सीएम सचिन पायलट बड़ी बड़ी जांच और चिकित्सा को निशुल्क उपलब्ध करा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर करौली पीएमओ के इस निर्देश ने मरीजों पर भार बढ़ेगा. उन्होंने कहा है कि इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा. जब भी खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा आएंगे. उनको इस मामले से अवगत कराया जाएगा. इस मामले में प्रदेश के चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने कहा है कि इस तरह की जानकारी मेरे संज्ञान में आई है. इसकी जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर को निर्देश दिया गया है. मामले में दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी.

करौली. जिला चिकित्साधिकारी के एक निर्देश को लेकर किरकिरी हो रही है. प्रदेश सरकार मरीजों को निशुल्क इलाज उपलब्ध कराने का दावा करती है. वहीं करौली पीएमओ के एक आदेश को लेकर मरीज दुविधा में हैं. वहीं कांग्रेस महामंत्री अनिल शर्मा ने इसे पीएमओ की मनमानी बताया है.

करौली में चिकित्साधिकारी का आदेश मुफ्त इलाज में रोड़ा

राजस्थान में अब तक सरकारी अस्पतालों में इलाज और दवाओं की सुविधाएं मुफ्त में मुहैया होती रही हैं, लेकिन अब लगता है की राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लोगों को दी जा रही इस मुफ्त योजना के लाभ से वंचित करना चाहते हैं. दरअसल, करौली में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ बाबूलाल मीणा ने एक आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार अब सरकारी अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को चार्ज देना होगा. इस आदेश के बाद अब मेडिकल बोर्ड द्वारा बनवाए जाने वाले प्रमाण पत्र पर 300 रूपए, आईसीयू वार्ड में भर्ती होने पर पर मरीज को 200 रूपये, ऑपरेशन थियेटर में होने वाले मेजर ऑपरेशन पर मरीज को 500 रूपये देने होंगे. साथ ही स्थानीय शहरी क्षेत्र में एंबुलेंस की सुविधा लेने पर 5 हजार रुपए और स्थानीय शहरी क्षेत्र से बाहर के इलाकों में एंबुलेंस की सेवा लेने पर 5 हजार रुपए के साथ 10 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से चार्ज देना होगा, जिसकी नयी दरें लागू कर दी गई हैं.

इसके अलावा प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने चिकित्सकों को निर्देश जारी किया है की किसी भी मरीज को आईसीयू में भर्ती करने से पहले आईसीयू वार्ड के इंचार्ज से परामर्श लेना होगा, क्योंकि ज्यादातर चिकित्सक बेवजह मरीजों को आईसीयू वार्ड में भर्ती कर देते हैं. जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने 1 जून को एक नया निर्देश जारी किया है. जिसमें बताया गया है की जिले की राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी और जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित हुई. बैठक में सरकारी अस्पताल की आय के स्रोतों को बढ़ाने और मरीजों को अच्छी गुणवत्ता पूर्ण इलाज उपलब्ध कराने के लिए मरीजों पर नई दरें लागू करने का फैसला लिया गया है.

वहीं कांग्रेस महामंत्री अनिल शर्मा ने बताया की यह पीएमओ की मनमानी है. एक तरफ तो हमारे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत डिप्टी सीएम सचिन पायलट बड़ी बड़ी जांच और चिकित्सा को निशुल्क उपलब्ध करा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर करौली पीएमओ के इस निर्देश ने मरीजों पर भार बढ़ेगा. उन्होंने कहा है कि इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा. जब भी खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा आएंगे. उनको इस मामले से अवगत कराया जाएगा. इस मामले में प्रदेश के चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने कहा है कि इस तरह की जानकारी मेरे संज्ञान में आई है. इसकी जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर को निर्देश दिया गया है. मामले में दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी.

Intro:मुफ्त इलाज और मुफ्त दवाइयों की सरकारी सुविधा अब नहीं मिलेगी मरीजों को 


Body:

मुफ्त इलाज और मुफ्त दवाइयों की सरकारी सुविधा अब नहीं मिलेगी मरीजों को 


करौली


राजस्थान मैं अभी तक लोगों को सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज और मुफ्त दवाओं की सुविधाएं मुहैया होती रही हैं लेकिन अब लगता है की राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लोगों को दी जा रही इस मुफ्त योजना के लाभ से वंचित करना चाहते हैं---ऐसा ही मामला करौली जिला चिकित्सालय मे सामने आया है.. जहाँ जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ बाबूलाल मीणा ने एक आदेश जारी करते हुए अब सरकारी अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को चार्ज देना होगा जिसके चलते प्रमुख चिकित्सा अधिकारी के आदेश के बाद अब जिला अस्पताल में भर्ती होने पर मरीजों के लिए नए चार्ज लागू किए गए हैं.. जिसमें मेडिकल बोर्ड द्वारा बनवाए जाने वाले प्रमाण पत्र पर 300 रूपये,आईसीयू वार्ड में भर्ती होने पर पर मरीज को 200 रूपये,ऑपरेशन थियेटर में होने वाले मेजर ऑपरेशन पर मरीज को 500 रूपये देने होंगे साथ ही स्थानीय शहरी क्षेत्र में एंबुलेंस की सुविधा लेने पर 5000 रूपये व स्थानीय शहरी क्षेत्र से बाहर के इलाकों में एंबुलेंस की सेवा लेने पर 5000 रूपये के साथ 10 रूपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से चार्ज देना होगा जिसकी नयी दरें लागू कर दी गयी है...

इसके अलावा प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने चिकित्सकों को निर्देश जारी किया है की किसी भी मरीज को आईसीयू में भर्ती करने से पहले आईसीयू वार्ड के इंचार्ज से परामर्श लेना होगा.. क्योंकि ज्यादातर चिकित्सक बेवजह मरीजों को आईसीयू वार्ड में भर्ती कर देते हैं... जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी किया गया यह निर्देश विगत 1 जून का है जिसमें बताया गया है की जिले की राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी और जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित हुई.. जिसमें सरकारी अस्पताल की आय के स्रोतों को बढ़ाने व् मरीजों को अच्छी गुणवत्ता पूर्ण इलाज उपलब्ध कराने के लिए मरीजों पर नई दरें लागू करने का फैसला लिया गया है..


कांग्रेस महामंत्री अनिल शर्मा ने बताया की यह पीएमओ की मनमानी है एक तरफ तो हमारे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत डिप्टी सीएम सचिन पायलट बड़ी बड़ी जांच और चिकित्सा को निशुल्क उपलब्ध करा रहे हैं.. दूसरी ओर करौली पीएमओ मरीजों पर बे फालतू का भार डाल रहा है.. इसका हम पुरजोर तरीके से विरोध करेंगे जब भी खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा आएंगे उनको इस मामले से अवगत कराया जाएगा..


वही मसले पर प्रदेश के चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने बताया इस तरह की जानकारी मेरी नोटिस में आज आई है और इसकी जांच के लिए मैंने स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर को निर्देश दिया है की वह इस मामले की जांच करें और जांच करने के बाद उचित कार्रवाई होगी....जांच के बाद इस आदेश पर पुनर्विचार किया जाएगा अभी यह पता लग सका है की आदेश किसी उच्चाधिकारी या विभाग से परामर्श के बाद लिया गया है या फिर अपने स्तर पर ही लागू कर दिया गया है..


5-06-19-RJ-KARAULI-HOSPITAL


उक्त समाचार के विजुअल एफटीपी पर डाल दिए गए हैं..

बाइट - डॉ सुभाष गर्ग,चिकित्सा राज्य मन्त्री,राजस्थान सरकार,


बाइट-- अनिल शर्मा कांग्रेस महामंत्री,


 बाइट-- भूरसिंह चौधरी दलित समाज नेता,





Conclusion:
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