करौली. जिले के जिला कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को राजस्थान सरकार की ओर से वर्ष 2021-22 के बजट भाषण में की गई घोषण अनुसार 5 वर्ष के लिए लागू की गई घर-घर औषधि योजना के तहत औषधि पौधे वितरण करने के लिए बैठक का आयोजन हुआ. जिसमें जिला कलेक्टर ने संबधित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए.
जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार जुलाई माह से औषधि पौधे जिनमें तुलसी, कालमेध, अश्वगंधा और गिलोय के पौधे तैयार कर वितरण करने के लिए बैठक आयोजित की गई. बैठक में जिला कलेक्टर ने कहा कि शहरी क्षेत्र में स्थानीय निकाय की ओर से ग्रामीण क्षेत्र में पंचायतों की तरफ से औषधि पौधों का वितरण किया जाएगा. औषधि पौधे देने के पश्चात उनकी सार संभाल के लिए लोगों को जागरूक करे और उनके फायदे के बारे में लोगों को अधिक से अधिक बताए.
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उन्होंने राजकीय विभागों के कार्मिकों और अन्य जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े उन्हें पौधे वितरण कर लगवाने और सार संभाल के लिए जागरूक करें. उन्होंने बताया कि घर-घर औषधि योजना का वन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है. औषधि पौधों को वन विभाग की पौधशालाओं में तैयार कराया जाएगा. इस योजना से राजस्थान में पाई जाने वाली वन औषधि पौधों को संरक्षण भी होगा.
सरकारी कार्यालयों में भी लगाई जाएंगे औषधि पौधे
जिला कलेक्टर ने शिक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग, चिकित्सा, के अधिकारियों को निर्देशित किया है. चिकित्सालयों, विद्यालयों और आंगनबाडी केन्द्रों के साथ-साथ कार्यालयों में भी औैषधि पौधों को लगाने और उन्हे संरक्षण देने के लिए लोगों को जागरूक बनाए. बैठक मे उपवन संरक्षक अजय चित्तौडा ने बताया कि योजना के तहत 5 वर्षों में तीन बार 8-8 पौधे प्रति परिवार औषधि पौधों का वितरण किया जाएगा.