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कैलादेवी-रणथम्भौर इको सेंसिटिव जोन का शीघ्र होगा निर्धारण: सांसद मनोज राजौरिया - News of MP Manoj Rajouria

करौली-धौलपुर सांसद डॉ. मनोज राजौरिया ने कैलादेवी-रणथंभौर बाघ अभ्यारण्य के आसपास रहने वाले लोगों और खनन व्यवसायियों को इको सेंसिटिव जोन निर्धारण के कारण आ रही समस्याओं को लेकर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात करते हुए इको सेंसिटिव जोन निर्धारण की मांग की है.

प्रकाश जावड़ेकर से मिले मनोज राजौरिया, Manoj Rajauriya met Prakash Javadekar
प्रकाश जावड़ेकर से मिले मनोज राजौरिया
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Published : Feb 11, 2020, 1:05 PM IST

करौली. कैलादेवी-रणथंभौर बाघ अभ्यारण्य के आसपास रहने वाले लोगों और खनन व्यवसायियों को इको सेंसिटिव जोन निर्धारण के कारण आ रही समस्याओं को लेकर करौली-धौलपुर सासंद डॉ. मनोज राजौरिया ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात कर इको सेंसिटिव जोन निर्धारण की मांग की है.

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मिले सांसद मनोज राजौरिया

सासंद डॉ. मनोज राजौरिया ने वन पर्यावरण मंत्री से मिलकर बताया कि अभ्यारण्य का ईको सेंसिटिव जोन निर्धारित नहीं होने की वजह से चारों ओर 10 किलोमीटर परिक्षेत्र का विकास अवरुद्ध हो गया है. खनन करौली जिले में रोजगार का मुख्य स्त्रोत था. लेकिन कैलादेवी रणथंभौर सेंसिटिव जोन के निर्धारण नहीं होने के कारण यह व्यवसाय बंद होने की कगार पर है.

इसके अलावा क्षेत्र में सड़क, लाईट जैसी मूलभूत सुविधाओं को विकसित करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इससे करौली जिले के विकास पर प्रभाव पड़ रहा है. इस पर वन पर्यावरण मंत्री ने संबधित अधिकारियों से बात कर बताया कि इसके संबंध में प्रधान वन संरक्षक राजस्थान को पूर्व मे लिखा गया है और फिर से जल्द ही रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश दिए हैं.

पढ़ें- टिड्डी टेरर को लेकर सरकार ने रखा विधानसभा में अपना पक्ष, केंद्र सरकार से की सहायता की मांग

पॉजिटिव रिपोर्ट मिलते ही अभ्यारण्य के ईको सेंसिटिव जोन के निर्धारण के लिए निर्देश जारी करने का अश्वासन दिया है. सासंद ने बताया की इसके अलावा पर्यावरण वन मंत्री को अवैध बजरी खनन की समस्या से भी अवगत कराया गया. मंत्री से कहा कि वैध बजरी खनन की स्वीकृति नहीं मिल पाने के कारण क्षेत्र में अवैध बजरी खनन की समस्या बढ़ रही है.

संसदीय क्षेत्र के करौली और धौलपुर दोनों जिलों में अवैध बजरी खनन की समस्या से लोग पीड़ित हैं. इस पर खातेदारी की भूमी पर बजरी खनन की स्वीकृति की मांग की गई है. जिसे लेकर मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि राज्य सरकार खातेदारी की जमीन पर बजरी खनन से संबंधित प्रस्ताव केंद्र को भेजती है तो इस संबध में निश्चित सकारात्मक काम किया जाएगा.

करौली. कैलादेवी-रणथंभौर बाघ अभ्यारण्य के आसपास रहने वाले लोगों और खनन व्यवसायियों को इको सेंसिटिव जोन निर्धारण के कारण आ रही समस्याओं को लेकर करौली-धौलपुर सासंद डॉ. मनोज राजौरिया ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात कर इको सेंसिटिव जोन निर्धारण की मांग की है.

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मिले सांसद मनोज राजौरिया

सासंद डॉ. मनोज राजौरिया ने वन पर्यावरण मंत्री से मिलकर बताया कि अभ्यारण्य का ईको सेंसिटिव जोन निर्धारित नहीं होने की वजह से चारों ओर 10 किलोमीटर परिक्षेत्र का विकास अवरुद्ध हो गया है. खनन करौली जिले में रोजगार का मुख्य स्त्रोत था. लेकिन कैलादेवी रणथंभौर सेंसिटिव जोन के निर्धारण नहीं होने के कारण यह व्यवसाय बंद होने की कगार पर है.

इसके अलावा क्षेत्र में सड़क, लाईट जैसी मूलभूत सुविधाओं को विकसित करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इससे करौली जिले के विकास पर प्रभाव पड़ रहा है. इस पर वन पर्यावरण मंत्री ने संबधित अधिकारियों से बात कर बताया कि इसके संबंध में प्रधान वन संरक्षक राजस्थान को पूर्व मे लिखा गया है और फिर से जल्द ही रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश दिए हैं.

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पॉजिटिव रिपोर्ट मिलते ही अभ्यारण्य के ईको सेंसिटिव जोन के निर्धारण के लिए निर्देश जारी करने का अश्वासन दिया है. सासंद ने बताया की इसके अलावा पर्यावरण वन मंत्री को अवैध बजरी खनन की समस्या से भी अवगत कराया गया. मंत्री से कहा कि वैध बजरी खनन की स्वीकृति नहीं मिल पाने के कारण क्षेत्र में अवैध बजरी खनन की समस्या बढ़ रही है.

संसदीय क्षेत्र के करौली और धौलपुर दोनों जिलों में अवैध बजरी खनन की समस्या से लोग पीड़ित हैं. इस पर खातेदारी की भूमी पर बजरी खनन की स्वीकृति की मांग की गई है. जिसे लेकर मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि राज्य सरकार खातेदारी की जमीन पर बजरी खनन से संबंधित प्रस्ताव केंद्र को भेजती है तो इस संबध में निश्चित सकारात्मक काम किया जाएगा.

Intro:कैलादेवी-रणथंभौर बाघ अभ्यारण्य के समीप निवास करने वाले लोगो एव खनन व्यवसायियों की समस्या को लेकर क्षेत्रीय सासंद डा मनोज राजौरिया ने केन्द्रीय वन एव पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात कर इको सेन्सिटिव जोन निर्धारण की मांग की.


Body:कैलादेवी-रणथम्भौर इको सेंसेटिव जोन शीघ्र होगा निर्धारण--सासंद मनोज राजौरिया,

करौली

करौलीःकैलादेवी-रणथंभौर बाघ अभ्यारण्य के आसपास रहने वाले लोगो एव खनन व्यवसायियों को इको सेंसेटिव जोन निर्धारण के कारण आ रही समस्याओं को लेकर करौली धौलपुर सासंद डा मनोज राजौरिया ने केन्द्रीय वन एव पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात कर इको सेन्सिटिव जोन निर्धारण की मांग की.

सासंद डा मनोज राजौरिया ने बताया की वन पर्यावरण मंत्री से मिलकर बताया की. अभ्यारण्य का ईको सेन्सिटिव जोन निर्धारित नही होने की वजह से चारो ओर 10 किलोमीटर परिक्षेत्र का विकास अवरुद्ध हो गया है. खनन करौली जिले मे रोजगार का मुख्य स्त्रोत था.परन्तु कैलादेवी रणथंभौर सेन्सिटिव जोन के निर्धारण नही होने के कारण यह व्यवसाय बन्द होने की कगार पर है. इसके अलावा क्षेत्र मे सडक,लाईट, जैसी मुलभुत सुविधाओं को विकसित करने मे समस्याओं का सामना करना पड रहा है.इससे सम्पूर्ण करौली जिले के विकास पर प्रभाव पड रहा है.इस पर वन पर्यावरण मंत्री ने संबधित अधिकारियों से बात कर बताया कि इसके संबंध मे प्रधान वन संरक्षक राजस्थान को पुर्व मे लिखा गया है.तथा पुनः शीघ्र रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश दिए हैं. पोजेटिव रिपोर्ट मिलते ही अभ्यारण्य के ईको सेन्सिटिव जोन के निर्धारण के लिए निर्देश जारी करने का अश्वासन दिया है.सासंद ने बताया की इसके अलावा पर्यावरण वन मंत्री को अवैध बजरी खनन की समस्या से भी अवगत कराया.मंत्री से कहा की पर्यावरण की स्वीकृति नहीं मिल पाने एव वैध बजरी खनन की स्वीकृति नहीं मिल पाने के कारण क्षेत्र मे अवैध बजरी खनन की समस्या बढ रही है.संसदीय क्षेत्र के करौली धौलपुर दोनो जिले अवैध बजरी खनन की समस्या से पीडित है.इस पर खातेदारी की भूमी पर बजरी खनन की स्वीकृति की मांग की.इस पर मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा की राज्य सरकार खातेदारी की जमीन पर बजरी खनन से संबंधित प्रस्ताव केन्द को भेजती है तो इस संबध मे निश्चित सकारात्मक प्रावधान करने का अश्वासन दिया.

वाईट---डा मनोज राजौरिया करौली धौलपुर सासंद,


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