करौली. बीते 7 अक्टूबर को जिले में एक पुजारी को जिंदा जला दिया गया. जिसके बाद से प्रदेश में सियासत पूरी तरह से गरमा गई है. अब पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए शनिवार को राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा भी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं. मीणा मृतक के परिवार के साथ शव को लेकर धरने पर बैठ गए हैं. किरोड़ी लाल मीणा का कहना है कि अगर पीड़ित को 3 घंटे में न्याय नहीं मिला, तो सीएम हाउस पर शव को रखकर धरना दिया जाएगा.
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि जब तक पीड़ित को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक दाह संस्कार नहीं किया जाएगा. सांसद ने बताया कि पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता के साथ ही आश्रित परिवार के लड़के को सरकारी नौकरी दी जाए. इसके साथ ही आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए.
गौरतलब है कि बुधवार को एक मंदिर के पुजारी को दबंगों ने जिंदा जलाकर मार दिया है. जिसके बाद राजस्थान की राजनीति एक बार फिर से गरमा गई है. पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है और प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
यह मामला 7 अक्टूबर बुधवार का है, जब दबंगों ने पुजारी को जिंदा जलाया था. पुजारी दो दिन तक जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ता रहा और आखिरकार शुक्रवार को उसकी हिम्मत जवाब दे गई और उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
यह है पूरा मामला...
जानकारी के अनुसार करौली जिले के सपोटरा के बुकना गांव में स्थित राधा गोपाल मंदिर है, इसी मंदिर में पुजारी बाबूलाल वैष्णव पूजा-पाठ किया करते थे. जिस जमीन पर मंदिर बना हुआ था उसी के एक हिस्से में पुजारी घर बनवाना चाहते थे. इसी दिशा में वे जमीन समतल करवा रहे थे और जल्द ही मकान का काम शुरू करने वाले थे. ये बात गांव के कुछ दबंगों चुभ गई. कुछ दिन पूर्व 20-25 लोग पुजारी को धमकाने आए थे और उन्हें धमकी दी थी कि अगर मकान बनवाया तो अच्छा नहीं होगा.
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दबंगों ने पंचायत की भी नहीं सुनी...
इसके बाद पुजारी बाबूलाल वैष्णव इस मामले को पंचायत में ले गए. पंचायत ने पुजारी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए दबंगों को पाबंद किया कि वे पुजारी को परेशान ना करें. पंचायत में हुई फजीहत के बाद दबंगों ने पुजारी से बदला लेने का मन बना लिया. इसके बाद 7 अक्टूबर को दबंगों ने पुजारी पर पेट्रोल छिड़ककर उन्हें जिंदा जला दिया.
परिजन बैठे धरने पर...
बीते दो दिनों से पुजारी बाबूलाल वैष्णव राजधानी के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती थे, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. पुजारी की मौत से गुस्साए परिजन अस्पताल के बाहर ही धरने पर बैठ गए. कई सामाजित संगठन भी इस दौरान वहां पहुंच गए. सरकार द्वारा आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के आश्वासन के बाद धरना समाप्त हुआ.
पीड़ित परिवार की मांग है कि पहले उनको पुलिस सुरक्षा दी जाए. जिससे वो डेथ बॉडी को लेकर गांव जा सकें. साथ ही निर्धन पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार में एक सदस्य को नौकरी देने की भी मांग रखी है. इसके अलावा पूरे प्रकरण में एसएचओ सपोटरा की भूमिका भी संदिग्ध है, जिनको भी सस्पेंड किया जाए. हालांकि, बाद में पुलिस के आलाधिकारियों की समझाइश के बाद परिजनों ने धरना समाप्त कर दिया.
दोषियों को नहीं बख्शेंगेः गहलोत
मामले के तूल पकड़ने के बाद सीएम अशोक गहलोत ने भी ट्वीट कर कहा कि करौली में बाबूलाल वैष्णव की हत्या अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है. सभ्य समाज में ऐसे कृत्य का कोई स्थान नहीं है. प्रदेश सरकार इस दुखद समय में शोकाकुल परिजनों के साथ है. घटना के प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और कार्रवाई जारी है. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.