करौली. श्रम विभाग में पीड़ित मरीजों को आर्थिक सहायता के नाम पर दलालों द्वारा सेंधमारी की जा रही थी. दलालों ने सहायता राशि दिलवाने के नाम पर फर्जी प्रमाण पत्र जारी करवा दिए.
वहीं जब इस मामले की जानकारी श्रम विभाग को लगी तो विभाग ने सैकड़ों प्रमाण पत्रों को संदेह के दायरे में मानकर जांच शुरू कर दी. इस दौरान करीब 25 से अधिक प्रमाण पत्रों को मेडिकल विभाग के न्यूमोनोकोसिस बोर्ड द्वारा फर्जी घोषित किया गया. फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने वाले 28 संदिग्धों के खिलाफ श्रम विभाग द्वारा मुकदमा दर्ज करा दिया गया है, जिनकी पत्रावली भी पुलिस थाने में सुपुर्द कर दी गई.
ये था पूरा मामला?
करौली के श्रम कार्यालय में एक हजार से अधिक लोगों ने सहायता राशि के लिए आवेदन किया, जिनमें से 12 लोगों ने अजमेर के जेएलएन मेडिकल कालेज से जारी सिलीकोसिस प्रमाण पत्र लगाया है. इन प्रमाण पत्रों में मरीज की फोटो के नीचे और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के हस्ताक्षर वाले कॉलम में अंतर पाया गया. ये प्रमाण पत्र साधारण कागज पर भी तैयार हुए हैं. इनकी जांच में प्राथमिक तौर पर ये प्रमाण पत्र संदिग्ध पाए गए. साथ ही ऑनलाइन सूची में इनका मिलान नहीं हो पाया.
इस कारण श्रम कल्याण अधिकारी ने प्रमाण पत्रों की सहायता राशि रोककर जांच के लिए करीब 25 से अधिक प्रमाण पत्रों को अजमेर मेडिकल कॉलेज में भेजा. जांच के बाद न्यूमोनोकोसिस बोर्ड ने बाहर से बने प्रमाण पत्रों सहित जिले के 28 लोगों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए. इसी प्रकार करौली के भी न्यूमोनोकोसिस बोर्ड से 460 प्रमाण पत्र जारी कर ऑनलाइन किए गए. इन प्रमाण पत्रों की गहनता से जांच की गई.
56 लाख की राशि का हुआ बचाव
श्रम विभाग के अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार सिलिकोसिस पीड़ित मरीज को सरकार उपचार कराने तथा घर परिवार चलाने के लिए दो लाख रुपए तथा मृतक के आश्रितों को तीन लाख की आर्थिक सहायता देती है. अगर इन फर्जी प्रमाण पत्रों पर श्रम विभाग के अधिकारियों की नजर नहीं पड़ती तो सरकार को 56 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ता. इस सहायता को स्वीकृत कराने के लिए दलाल भी सक्रिय हैं, जो आए दिन गड़बड़ी करते हैं.
श्रम कल्याण अधिकारी शिवदयन सोलंकी ने बताया की फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने वाले 28 संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया गया है. इनकी पत्रावली भी पुलिस थाने में भेज दी गई है. वहीं कोतवाली थाना पुलिस ने मामला दर्जकर जांच पड़ताल शुरू कर दी है.